प्रारंभिक परीक्षा – पिचवाई पेंटिंग मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-1 |
चर्चा में क्यों
चेन्नई एक कला प्रदर्शनी का आयोजन कर रहा है जिसमें पिचवाई पेंटिंग को प्रदर्शित किया गया, जिनमें से कुछ पेंटिंग 350 वर्ष पुरानी हैं।
प्रमुख बिंदु
- पिचवाई पेंटिंग की उत्पत्ति उदयपुर के पास नाथद्वारा में हुई।
- यह पारंपरिक रूप से कपड़े, विशेष रूप से खादी पर बनाई जाती है।
- पिचवाई शब्द का अर्थ है पीछेवाली। पिचवाई चित्र आकार में बड़े होते हैं तथा इन्हें कपड़े पर बनाया जाता है।
- नाथद्वारा के श्रीनाथजी मंदिर तथा अन्य मंदिरों में मुख्य मूर्ति के पीछे दीवार पर लगाने के लिये इन वृहद आकार के चित्रों को बनाया जाता है।
- इस पेंटिंग को आमतौर पर कपड़े पर बनाई जाती हैं और मंदिरों में हिंदू देवताओं की पृष्ठभूमि के रूप में उपयोग की जाती है।
- इन्हें प्रमुख रूप से श्रीनाथजी की मूर्ति के पीछे लटकाया जाता है, जो कृष्ण का एक स्थानीय रूप है और पुष्टिमार्ग पूजा का केंद्र है।
- पिचवाई पेंटिंग में जटिल डिजाइन और जीवंत रंग होते हैं, जो भगवान कृष्ण के जीवन के दृश्यों को दर्शाते हैं।
- पिचवाई पेंटिंग का विषय भगवान कृष्ण के जीवन के विभिन्न चरणों के इर्द-गिर्द घूमता है, जिसमें उनका बचपन और युवावस्था आदि शामिल है।
- इस कला ने दुनिया भर में लोकप्रियता हासिल की है और अब इसे कागज, कैनवास और रेशम जैसे विभिन्न माध्यमों पर तैयार किया जा रहा है।
पिचवाई पेंटिंग की विशेषताएँ:
- यह पेंटिंग खनिजों और पौधों के अर्क से बने प्राकृतिक रंगों का उपयोग करके बनाई जाती हैं।
- इस पेंटिंग में सोने, चांदी के लिए पत्थर के रंगद्रव्य (stone pigments) और जीवंत वनस्पति रंगों का नारंगी, लाल, क्रोम पीले और केसरी रंग का उपयोग किया जाता है।
- पिचवाई पेंटिंग में बारीकी से कार्य सावधानी पूर्वक किया जाता है इसलिए समय लग जाता है। एक टुकड़े को पूरा करने में कई महीने लग जाते हैं।
- पिचवाई पेंटिंग अपने जटिल विवरण, अलंकृत सीमाओं और बढ़िया ब्रशवर्क के लिए जानी जाती हैं।
- इस कला का स्वरूप समय के साथ विकसित होता रहा है, जिसमें कलाकारों द्वारा आधुनिक विषयों और प्रभावों को भी इस कला में शामिल कर लिया गया है।
- पिचवाई पेंटिंग को भारत की एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक विरासत माना जाता है और भारत सरकार द्वारा उनके सांस्कृतिक महत्व के लिए मान्यता दी गई है।
- हाल के वर्षों में पिचवाई कला का पुनरुत्थान हुआ है, जिसने युवा खरीदारों को आकर्षित किया है
- पिचवाई पेंटिंग ने कलाकारों को पारंपरिक तकनीकों को सीखने एवं जारी रखने के लिए नाथद्वारा, राजस्थान आने के लिए प्रोत्साहित किया है।
प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
- पिचवाई पेंटिंग की उत्पत्ति उदयपुर के पास नाथद्वारा में हुई।
- यह पारंपरिक रूप से कपड़े, विशेष रूप से खादी पर बनाई जाती है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं ?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) कथन 1 और 2
(d) न तो 1, न ही 2
उत्तर: (c)
मुख्य परीक्षा प्रश्न : पिचवाई पेंटिंग क्या है? पिचवाई पेंटिंग की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
|
स्रोत: the hindu