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उच्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण

प्रारंभिक परीक्षा – उच्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण
मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 2 – शिक्षा

सन्दर्भ 

  • हाल ही में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा उच्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण(AISHE) 2020-21 के आँकड़े जारी किये गये।

छात्र नामांकन 

  • उच्च शिक्षा में नामांकन 2019-20 के 3.85 करोड़ से बढ़कर 2020-21 में 4.14 करोड़ हो गया है। 
  • 2020-21 में छात्राओं का नामांकन 2019-20 के 1.88 करोड़ से बढ़कर 2.01 करोड़ हो गया है। 
  • कुल नामांकन में छात्राओं के नामांकन का प्रतिशत 2014-15 में 45 प्रतिशत से बढ़कर 2020-21 में लगभग 49 प्रतिशत हो गया है।
  • अनुसूचित जाति के छात्रों का नामांकन 2019-20 में 56.57 लाख और 2014-15 में 46.06 लाख की तुलना में 2020-21 में 58.95 लाख हो गया है।
  • 2019-20 की तुलना में 2020-21 में अनुसूचित जनजाति के छात्रों की संख्या में 1.9 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई।
  • अनुसूचित जनजाति के छात्रों का नामांकन 2019-20 में 21.6 लाख और 2014-15 में 16.41 लाख की तुलना में 2020-21 में बढ़कर 24.1 लाख हो गया है।
  • ओबीसी छात्रों का नामांकन 2019-20 में 1.42 करोड़ से बढ़कर 2020-21 में 1.48 करोड़ हो गया है।
  • पूर्वोत्तर राज्यों में कुल नामांकन 2014-15 में 9.36 लाख की तुलना में 2020-21 में 12.06 लाख हो गया है।
  • पूर्वोत्तर राज्यों में 2020-21 में छात्राओं का नामांकन 6.14 लाख दर्ज किया गया है, जो छात्रों के 5.92 लाख नामांकन से अधिक है (पूर्वोत्तर राज्यों में हर 100 छात्रों के मुकाबले छात्राओं की संख्या 104 है)।
  • वर्ष 2018-19 में पहली बार छात्राओं के नामांकन ने छात्रों के नामांकन को पीछे छोड़ दिया था।
  • दूरस्थ शिक्षा में नामांकन 45.71 लाख है (जिसमें 20.9 लाख छात्राएं हैं)। 
  • नामांकन की संख्या के संदर्भ में उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, मध्यप्रदेश, कर्नाटक और राजस्थान छह सर्वोच्च राज्य हैं।
  • 2020-21 के आँकड़ों के अनुसार, पूर्व-स्नातक पाठ्यक्रम में कुल नामांकित छात्रों की संख्या लगभग 79.06 प्रतिशत हैं और स्नात्कोत्तर पाठ्यक्रम में लगभग 11.5 प्रतिशत छात्रों ने नामांकन कराया।
  • पूर्व-स्नातक स्तर पर विषयों के क्रम में सबसे अधिक नामांकन (33.5 प्रतिशत) कला में हुए हैं, उसके बाद विज्ञान (15.5 प्रतिशत), वाणिज्य (13.9 प्रतिशत) और इंजीनियरिंग व टेक्नोलॉजी (11.9 प्रतिशत) आते हैं।
  • स्नातकोत्तर स्तर पर स्ट्रीम के मामले में सबसे अधिक छात्रों ने सामाजिक विज्ञान (20.56 प्रतिशत) में नामांकन कराया, इसके बाद विज्ञान (14.83 प्रतिशत) में।
  • कुल नामांकनों में 55.5 लाख शिक्षार्थियों ने विज्ञान स्ट्रीम में नामांकन कराया, इसमें छात्राओं की संख्या 29.5 लाख और छात्रों की संख्या 26 लाख है।
  • सरकारी विश्वविद्यालयों का कुल नामांकन में योगदान 73.1 प्रतिशत है, वहीं सरकारी कॉलेजों का कुल नामांकन में योगदान 34.5 प्रतिशत है।
  • राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों में 2014-15 से 2020-21 की अवधि के दौरान नामांकन में लगभग 61 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
  • 2019-20 में 94 लाख की तुलना में 2020-21 में शिक्षा पूरी करने वालों (पास-आउट) की कुल संख्या बढ़कर 95.4 लाख हो गई है।

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संस्थानों की संख्या 

  • पंजीकृत विश्वविद्यालयों/विश्वविद्यालय जैसे संस्थानों की कुल संख्या 1,113, कॉलेजों की संख्या 43,796 और स्वचलित संस्थानों की संख्या 11,296 है।
  • 2020-21 के दौरान, विश्वविद्यालयों की संख्या में 70 और कॉलेजों की संख्या में 1,453 की वृद्धि हुई है।
  • 2014-15 से, 353 विश्वविद्यालयों (46.4 प्रतिशत) की वृद्धि हुई है।
  • राष्ट्रीय महत्व के संस्थान 2014-15 में 75 से लगभग दोगुना होकर 2020-21 में 149 हो गए हैं।
  • 2014-15 से पूर्वोत्तर राज्यों में 191 नए उच्च शिक्षा संस्थान स्थापित किए गए हैं।
  • राज्यों में सर्वाधिक विश्वविद्यालय राजस्थान (92), उत्तर प्रदेश (84) और गुजरात (83) में हैं।
  • 2014-15 से 2020-21 के दौरान, वार्षिक रूप से औसतन 59 विश्वविद्यालयों को जोड़ा गया है। 
  • 17 विश्वविद्यालय (जिनमें से 14 राज्य सरकारों के अधीन हैं) और 4,375 कॉलेज विशेष रूप से महिलाओं के लिए हैं।
  • प्रति एक लाख जनसंख्या (18-23 आयु वर्ग की जनसंख्या) पर कॉलेजों की संख्या 2020-21 में 31 है, वर्ष 2014-15 में यह संख्या 27 थी।
  • अधिकतम कॉलेजों की संख्या वाले राज्य कर्नाटक (62), तेलंगाना (53), केरल (50), हिमाचल प्रदेश (50), आंध्र प्रदेश (49), उत्तराखंड (40), राजस्थान (40), तमिलनाडु (40) हैं।
  • अधिकतम कॉलेज की संख्या वाले शीर्ष 8 जिले बैंगलोर शहरी (1058), जयपुर (671), हैदराबाद (488), पुणे (466), प्रयागराज (374), रंगारेड्डी (345), भोपाल (327) और नागपुर (318) हैं।
  • 43 प्रतिशत विश्वविद्यालय और 61.4 प्रतिशत कॉलेज ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हैं। 

शिक्षक 

  • संकाय/शिक्षकों की कुल संख्या 15,51,070 है जिनमें से लगभग 57.1% पुरुष और 42.9% महिलाएं हैं।
  • 2019-20 में 74 और 2014-15 में 63 से 2020-21 में प्रति 100 पुरुष संकाय में महिलाओं की संख्या 75 हो गई है।
  • अखिल भारतीय स्तर पर, 56.2% शिक्षक सामान्य श्रेणी के हैं, जबकि 32.2% शिक्षक ओबीसी वर्ग के; 9.1% शिक्षक एससी वर्ग के और 2.5% शिक्षक एसटी वर्ग के हैं । 
  • लगभग 5.6% शिक्षक मुस्लिम अल्पसंख्यक समूहों से आते हैं और 8.8% अन्य अल्पसंख्यक समूहों से संबंधित हैं।
  • सभी विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और स्टैंड-अलोन संस्थानों के लिए शिक्षक-छात्र अनुपात 27 था, जबकि नियमित मोड पर यह अनुपात 24 है।

च्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण(AISHE)

  • AISHE रिपोर्ट 2011 से शिक्षा मंत्रालय द्वारा प्रकाशित की जा रही है।
  • AISHE 2020-21 में पहली बार उच्च शिक्षा संस्थानों ने वेब डेटा कैप्चर फॉर्मेट (डीसीएफ) के जरिये ऑनलाइन डेटा संकलन प्लेटफार्म का इस्तेमाल किया है, जिसे राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) के सहयोग से उच्च शिक्षा विभाग ने विकसित किया है।
  • यह रिपोर्ट विभिन्न मापदंडों जैसे छात्र नामांकन, शिक्षक डेटा, ढांचागत जानकारी, वित्तीय जानकारी आदि पर विस्तृत जानकारी एकत्रित करती है।
  • इस सर्वेक्षण के प्रयोजन के लिए, उच्च शिक्षा को उस शिक्षा के रूप में परिभाषित किया गया है, जो 12 वर्ष की स्कूली शिक्षा या समकक्ष पूरा करने के बाद प्राप्त की जाती है।
  • उच्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण के उद्देश्य से देश में उच्च शिक्षा के सभी संस्थानों को 3 श्रेणियों में विभाजित किया गया है –
    • श्रेणी I - विश्वविद्यालय और विश्वविद्यालय स्तर के संस्थान
    • श्रेणी II - विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेज/संस्थान
    • श्रेणी III - ऐसे संस्थान जो विश्वविद्यालय से संबद्ध नहीं हैं, उन्हें स्टैंडअलोन संस्थान कहा जाता है
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