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क्राइम मल्टी एजेंसी सेंटर

(प्रारंभिक परीक्षा-  लोकनीति, अधिकारों संबंधी मुद्दे इत्यादि)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2 : अति संवेदनशील वर्गों की रक्षा एवं बेहतरी के लिये गठित तंत्र, विधि, संस्थान एवं निकाय।)

संदर्भ

गृह मंत्रालय ने राज्यों से तस्करी की घटनाओं पर इनपुट और चेतावनी साझा करने के लिये क्राइम मल्टी एजेंसी सेंटर (Crime Multi Agency Centre : Cri-Mac) पोर्टल के उपयोग पर बल दिया है ताकि मानव तस्करी पर अंकुश लगाया जा सके।

क्राइम मल्टी एजेंसी सेंटर

  • वर्ष 2020 में गृह मंत्रालय ने विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ अपराध एवं अपराधियों के बारे में 24x7 जानकारी साझा करने तथा उनके बीच सूचना के निर्बाध प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिये ऑनलाइन प्लेटफॉर्म क्राइम मल्टी एजेंसी सेंटर (Cri-MAC) लॉन्च किया था। 
  • राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) द्वारा संचालित किये जा रहे इस पोर्टल का उद्देश्य देश भर में अपराध की घटनाओं का शीघ्र पता लगाने और उनकी रोकथाम में मदद करना है।

हालिया रिपोर्ट 

  • गृह मंत्रालय की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड और सिक्किम तथा केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली एवं दमन और दीव ने पोर्टल लॉन्च होने के बाद से इस पर एक भी अलर्ट अपलोड नहीं किया है।
  • दिल्ली, असम और हरियाणा ने पोर्टल पर सर्वाधिक अलर्ट अपलोड किये हैं।

अंतर्राज्यीय समन्वय

  • यह पोर्टल वास्तविक समय में देश भर में मानव तस्करी सहित महत्वपूर्ण अपराधों के बारे में जानकारी के प्रसार की सुविधा प्रदान कर अंतर-राज्यीय समन्वय को सक्षम करता है। 
  • इससे अन्य बातों के अतिरिक्त अवैध व्यापार के पीड़ितों का पता लगाने और उनकी पहचान करने तथा अपराध की रोकथाम एवं जाँच में भी मदद मिल सकती है।

भारतीय दंड सहिंता में प्रावधान 

  • मानव तस्करी से निपटने के लिये आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2013 द्वारा भारतीय दंड संहिता की धारा-370 में संशोधन किया गया और एक नई धारा- 370 A को जोड़ा गया।
  • यह धारा मानव तस्करी की व्यापक परिभाषा प्रदान करती हैं और तस्करी किये गए व्यक्ति के शोषण के लिये अपराधियों को कड़ी सजा देने का भी प्रावधान करती है।

आगे की राह 

  • गृह मंत्रालय ने राज्यों से दंडात्मक धाराओं 370 एवं 370 A के अधिकतम उपयोग का अनुरोध किया गया है।
  • मंत्रालय ने राज्यों से संदिग्ध गतिविधियों और व्यक्तियों पर कड़ी नजर रखने के लिये बस डिपो, रेलवे स्टेशनों, राज्य की सीमाओं आदि पर तैनात पुलिस कर्मियों को संवेदनशील बनाने तथा प्रशिक्षित करने का आग्रह किया है।
  • संदिग्ध प्लेसमेंट एजेंसियों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने की भी आवश्यकता है।
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