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हवाईअड्डों पर डिजी यात्रा पहल 

(प्रारंभिक परीक्षा : राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ)
(मुख्य परीक्षा: सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र-3 : बुनियादी ढाँचाः ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन, रेलवे आदि।)

चर्चा में क्यों

हाल ही में, दिल्ली, बेंगलुरु और वाराणसी हवाई अड्डों पर यात्रियों के लिये सहज और परेशानी मुक्त हवाई यात्रा को सुनिश्चित करने हेतु ‘डिजी यात्रा’ पहल शुरू की गयी है। 

प्रमुख बिंदु

  • डिजी यात्रा पहल को पहले चरण में 7 हवाई अड्डों पर शुरू किया जाएगा। लेकिन आरंभ में इसे 3 हवाई अड्डों पर शुरू किया गया है। जबकि मार्च 2023 तक 4 अन्य हवाई अड्डों- हैदराबाद, कोलकाता, पुणे और विजयवाड़ा में इसकी शुरुआत की जाएगी।
  • इसके पश्चात् इसे देश के विभिन्न हवाई अड्डों पर लागू किया जाएगा। वर्तमान में यह सेवा घरेलू उड़ानों के यात्रियों के लिये ही शुरू की गई है। 
  • डिजी यात्रा ऐप आई.ओ.एस. और एंड्रॉइड दोनों प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है, जिसका उपयोग स्वैच्छिक आधार पर किया जाएगा।   
  • वर्तमान में एयर इंडिया, विस्तारा और इंडिगो डिजी यात्रा का हिस्सा बनाने वाली पहली कंपनियां हैं।

डिजी यात्रा पहल

  • डिजी यात्रा पहल ‘चेहरे की पहचान प्रौद्योगिकी’ (Facial Recognition Technology : FRT) पर आधारित है, जो यात्रियों के संपर्क रहित और निर्बाध आवागमन की सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है। 
  • इस पहल के तहत हवाई अड्डों पर अपनी पहचान साबित करने हेतु विभिन्न चेक पॉइंट्स पर कागज रहित और संपर्क रहित आवागमन के लिये चेहरे की विशेषताओं का उपयोग किया जाता है।
  • डिजी यात्रा फाउंडेशन, एक गैर-लाभकारी कंपनी है, जो डिजी यात्रा पहल के लिये नोडल निकाय है।

चेहरा पहचान प्रौद्योगिकी का उपयोग

  • इस सुविधा का उपयोग करने के लिये यात्रियों को आधार-आधारित सत्यापन और एक सेल्फ इमेज कैप्चर का उपयोग करके ‘डिजी यात्रा ऐप’ पर पंजीकरण करना होगा।
  • हवाई अड्डे के ई-गेट पर यात्री को पहले ‘बार कोडेड बोर्डिंग पास’ को स्कैन करना होगा जिसके पश्चात् ई-गेट पर स्थापित एफ.आर.टी. से यात्री की पहचान और यात्रा दस्तावेज को मान्य किया जाएगा। 
  • एक बार यह प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद यात्री ई-गेट से एयरपोर्ट में प्रवेश कर सकता है।

डेटा की सुरक्षा 

  • निजता को ध्यान में रखते हुए व्यक्तिगत रूप से पहचान योग्य सूचना (Personally Identifiable Information) का कोई केंद्रीय भंडारण नहीं किया जाएगा।
  • आई.डी. और यात्रा विवरण यात्री के स्मार्टफोन में ही सुरक्षित वॉलेट में जमा होंगे। यात्री के फोन में सुरक्षित एन्क्रिप्टेड जानकारी यात्रा से 24 घंटे पूर्व उस हवाई अड्डे को प्रदान की जा सकती है, जहाँ से वह यात्री उड़ान भर रहा है।
  • ऐप पर अपलोड किये गए डेटा ब्लॉकचेन तकनीक द्वारा सुरक्षित होंगे और यह उपयोग के 24 घंटे के भीतर सर्वर से हटा दिये जाएंगे।

लाभ

  • इस पहल के क्रियान्वयन से यात्रियों द्वारा हवाई अड्डों के प्रवेश द्वार पर बिताए जाने वाले समय को लगभग एक-चौथाई तक कम कर दिया जाएगा। 
  • यह पहल हवाई अड्डों में प्रवेश बिंदु से लेकर विमान में चढ़ने तक एक निर्बाध प्रक्रिया प्रदान करती है जिसमें यात्रियों को कोई पहचान या बोर्डिंग पास नहीं दिखाना होता है।
  • इसके माध्यम से हवाई अड्डों पर एक आसान, परेशानी मुक्त और स्वास्थ्य खतरों से मुक्त प्रक्रिया के लिये एक नया वैश्विक मानक स्थापित किया जा रहा है।
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