New
UPSC GS Foundation (Prelims + Mains) Batch | Starting from : 8 April 2024 | Call: 9555124124

इलेक्ट्रिक वाहन: परिवहन की आगामी क्रांति

(प्रारंभिक परीक्षा: राष्ट्रीय महत्त्व की सामायिक घटनाओं से संबंधित प्रश्न)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-3; बुनियादी ढाँचाः ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन, रेलवे आदि)

संदर्भ

  • इलेक्ट्रिक वाहनों के सूक्ष्म पुनर्विक्रय बाज़ार, उच्च डिफ़ॉल्ट संभावनाओं और अग्रिम लागत के कारण बैंकों की कम रुचि को देखते हुए नीति आयोग और विश्व बैंक इलेक्ट्रिक वाहनों के त्वरित एवं आसान वित्तपोषण के लिये एक कार्यक्रम की शुरुआत कर रहे हैं।
  • दोनों संस्थाएँ भारतीय स्टेट बैंक के कार्यक्रम प्रबंधक के रूप में, $ 300 मिलियन का 'पहला नुकसान जोखिम साझाकरण साधन' (first loss risk sharing instrument) स्थापित कर रही हैं।
  • नीति आयोग के सी.ई.ओ. अमिताभ कांत के अनुसार, यह कार्यक्रम इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये लगभग 1.5 बिलियन डॉलर का वित्तपोषण प्रदान करेगा। साथ ही, यह बैंकों के लिये इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर ऋण-चूक की दशा में एक हेजिंग तंत्र के रूप में कार्य करेगा, जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये वित्तपोषण की लागत 10-12% तक कम होने की संभावना है।

इलेक्ट्रिक वाहन 

  • इलेक्ट्रिक वाहन, आंतरिक दहन इंजन के स्थान पर एक इलेक्ट्रिक मोटर पर कार्य करते हैं, जिसमें ईंधन टैंक के स्थान पर एक बैटरी होती है। ये वाहन लिथियम-आधारित बैटरी द्वारा संचालित होते हैं।
  • सामान्य तौर पर, इलेक्ट्रिक वाहनों को चलाने में कम लागत आती है और ये पर्यावरण के अनुकूल भी होते हैं।

भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के विकास की संभावनाएँ

  • भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का बाज़ार वर्ष 2017 के 71 मिलियन डॉलर से बढ़कर वर्ष 2025 तक 700 मिलियन डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है, जो एक दशक से भी कम समय में 10 गुना की वृद्धि को प्रदर्शित करता है।
  • दुनिया के 10 सबसे प्रदूषित शहरों में भारत के नौ शहर शामिल हैं। इन नौ शहरों में उत्तर भारत के ग्रेटर नोएडा, नोएडा, लखनऊ और दिल्ली जैसे शहर सम्मिलित हैं। उत्तर भारत के इस प्रदूषित वातावरण के लिये कई कारक ज़िम्मेदार हैं, जिसमें जीवाश्म-ईंधन पर आधारित वाहनों से होने वाला प्रदूषण एक प्रमुख कारक है। यही कारण है कि भारतीय शहरों में इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रयोग निरंतर बढ़ रहा है।

इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में किये जा रहे प्रयास

  • भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की क्षमता को तेज़ी से बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे हैं। वर्ष 2013 में, भारत सरकार ने राष्ट्रीय इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन योजना (NEMMP) तैयार की, जो देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को तेज़ी से अपनाने और उनके निर्माण के लिये विज़न और रोडमैप प्रदान करती है।
  • इस योजना के तहत वर्ष 2020 तक 6 से 7 मिलियन इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री (वर्ष 2020 तक सड़क पर 5-10% वाहन बिजली से चलने वाले) का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। साथ ही, वर्ष 2030 तक सड़कों पर चलने वाले कुल वाहनों में से कम से कम 30 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहन की संख्या को प्राप्त करने का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है।
  • इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण और खरीद को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से वर्ष 2015 में शुरू की गई फेम इंडिया (Faster Adoption and Manufacturing of (Hybrid &) Electric Vehicles in India -FAME India) योजना के दूसरे चरण को वर्ष 2019 में विस्तार दिया गया था। दूसरा चरण वर्ष 2022 में समाप्त हो रहा है, जिसे 31 मार्च, 2024 तक बढ़ाने की घोषणा की गई है।

इलेक्ट्रिक वाहनों से जुड़ी चुनौतियाँ

  • भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी एक प्रमुख चुनौती है। विदित है कि इलेक्ट्रिक वाहन लिथियम-आधारित बैटरी द्वारा संचालित होते हैं। एक कार के लिये सामान्यतः इन बैटरियों को 200 से 250 किलोमीटर के बाद चार्ज करने की ज़रूरत पड़ती है।
  • घर पर धीमी चार्जिंग की तकनीकी समस्या के कारण एक इलेक्ट्रिक वाहन को पूर्ण रूप से चार्ज होने में 12 घंटे से अधिक का समय लगता है, जबकि वर्तमान में देश भर में केवल 427 चार्जिंग स्टेशन ही हैं, जो भारत जैसे विशाल और घनी आबादी वाले देश के लिये अपर्याप्त हैं। साथ ही, देश में निर्बाध विद्युत आपूर्ति भी इलेक्ट्रिक वाहनों के विस्तार के लिये एक प्रमुख चुनौती है।
  • जीवाश्म ईंधन से चलने वाले पारंपरिक वाहनों की अपेक्षा इलेक्ट्रिक वाहन महँगे होते हैं। इन वाहनों के महँगे होने का मुख्य कारण लिथियम-आधारित बैटरी का प्रयोग किया जाना है।

आगे की राह

  • इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने से जीवाश्म ईंधन के प्रयोग में कमी, प्रदूषण में गिरावट तथा कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी।
  • भारत को इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र के लिये अपने नीतिगत दृष्टिकोण में परिवर्तन करने की आवश्यकता है। इसके लिये सरकार द्वारा बेहतर चार्जिंग बुनियादी ढाँचे के निर्माण हेतु, बैटरी बनाने वाली फैक्ट्रियों और कार कंपनियों को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिये।
  • साथ ही, इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने हेतु निर्बाध विद्युत आपूर्ति को  सुनिश्चित किया जाना चाहिये, ताकि इलेक्ट्रिक वाहन के रूप में परिवहन क्षेत्र में आने वाली आगामी क्रांति को सफल बनाया जा सके।
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR