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जी20 का बाली शिखर सम्मेलन

(मुख्य परीक्षा सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-2 : द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार)

संदर्भ  

हाल ही में, नुसा दुआ (बाली, इंडोनेशिया) में जी20 देशों ने ‘रिकवर टुगेदर, रिकवर स्ट्रॉन्गर’ (Recover Together, Recover Stronger) थीम के तहत 17वें वार्षिक शिखर सम्मेलन का आयोजन किया। 

घोषणापत्र के महत्त्वपूर्ण बिंदु  

रूसी आक्रामकता की निंदा 

  • जी20 देशों ने रूसी आक्रामकता की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए बिना शर्त युद्ध समाप्ति की माँग की है। 
  • घोषणा में कहा गया है कि युद्ध भारी मानवीय पीड़ा का कारण बन रहा है; वैश्विक अर्थव्यवस्था में विकास को बाधित कर रहा है; आपूर्ति श्रृंखला को कमजोर कर रहा है; ऊर्जा और खाद्य असुरक्षा के साथ वित्तीय स्थिरता जोखिमों को बढ़ा रहा है। 

वैश्विक अर्थव्यवस्था पर फोकस 

  • जी20 अर्थव्यवस्थाओं ने स्पिलओवर (Spillover) से बचने के लिये सावधानी से ब्याज दर में वृद्धि पर सहमति व्यक्त की और मुद्रा चलन में ‘बढ़ी हुई अस्थिरता’ को लेकर चेतावनी दी है।  
    • स्पिलओवर प्रभाव से आशय एक राष्ट्र में घटित होने वाली असंबद्ध घटनाओं का दूसरे देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर पड़ने वाले प्रभाव से है। गौरतलब है कि यदि अमेरिकी ब्याज दर में आक्रामक वृद्धि जारी रहती है तो बड़ी मात्रा में पूँजी के बहिर्वाह की संभावना है। 

खाद्य सुरक्षा 

  • जी20 देशों ने खाद्य सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करने के लिये समन्वित कार्रवाई करने का वादा किया और काला सागर अनाज पहल (Black Sea Grains Initiative) की सराहना की। 
    • यह पहल यूक्रेन से शेष दुनिया के लिये महत्त्वपूर्ण खाद्य और उर्वरक निर्यात को फिर से शुरू करने से संबंधित है। 

जलवायु परिवर्तन 

  • जी20 नेताओं ने वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के प्रयासों को आगे बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की तथा जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते (2015) के तापमान लक्ष्य के प्रति एकजुटता को प्रदर्शित किया। 
  • शिखर सम्मेलन के दौरान विकसित देशों ने इंडोनेशिया के जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने के लिये जस्ट एनर्जी ट्रांजिशन पार्टनरशिप (JETP) की शुरुआत की है। इसके तहत 3 से 5 वर्ष की अवधि में सार्वजनिक और निजी वित्तपोषण से 20 बिलियन डॉलर जुटाने का लक्ष्य रखा गया है।

डिजिटल परिवर्तन 

  • सम्मेलन में सतत् विकास लक्ष्यों (SDGs) की उपलब्धि में तेजी लाने के लिये डिजिटल परिवर्तन (Digital Transformation) विकसित करने पर बल दिया गया। 
  • जी20 नेताओं ने विशेष रूप से महिलाओं, लड़कियों और कमजोर लोगों के लिये डिजिटल कौशल और डिजिटल साक्षरता को विकसित करने हेतु अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को प्रोत्साहित किया। 

स्वास्थ्य 

  • जी20 समूह स्वस्थ और स्थायी सुधार को बढ़ावा देने के लिये प्रतिबद्ध हैं जो एस.डी.जी. के तहत सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज को प्राप्त करने और बनाए रखने की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम है।
  • जी20 समूह ने विश्व बैंक के महामारी कोष की स्थापना का स्वागत किया है। इस कोष का उद्देश्य विशेष रूप से निम्न और मध्यम आय वाले देशों में महामारी की रोकथाम, तैयारी और प्रतिक्रिया (Prevention, Preparedness and Response : PPR) में निवेश के माध्यम से भविष्य के वैश्विक स्वास्थ्य जोखिमों को कम करने हेतु क्षमता को मजबूत करना है। 

जी20 

स्थापना : इस समूह की स्थापना वर्ष 1999 में एशियाई वित्तीय संकट के पश्चात् वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों के लिये वैश्विक आर्थिक और वित्तीय मुद्दों पर चर्चा के मंच के रूप में की गई थी।

प्रतिनिधित्व : यह विश्व की प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतर सरकारी मंच है। यह वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 80%, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का 75% और विश्व की 60% आबादी का प्रतिनिधित्व करता है।

सदस्य देश : इसमें यूरोपीय संघ और 19 देश- अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्राँस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका शामिल हैं।  

सचिवालय एवं अध्यक्षता : इसका कोई स्थायी सचिवालय या मुख्यालय नहीं है तथा इसकी प्रतिवर्ष रोटेशन के आधार पर सदस्यों द्वारा अध्यक्षता की जाती है। अध्यक्ष पद धारण करने वाला देश, पिछले अध्यक्ष और भावी अध्यक्ष के साथ मिलकर ‘ट्रोइका’ नामक समूह बनाता  है जो जी20 एजेंडे की निरंतरता को सुनिश्चित करता है।

शेरपा : जी20 प्रक्रिया का नेतृत्व सदस्य देशों के शेरपाओं द्वारा किया जाता है जो नेताओं के व्यक्तिगत दूत होते हैं। शेरपा वर्ष के दौरान वार्ता की देखरेख करते हैं, शिखर सम्मेलन के एजेंडे पर चर्चा करते हैं तथा जी20 के मूल कार्यों का समन्वय करते हैं।

जी20 शिखर सम्मेलन : पहला जी20 शिखर सम्मेलन वर्ष 2008 में अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में हुआ था। जबकि इसके आगामी शिखर सम्मेलन वर्ष 2023 में भारत, वर्ष 2024 में ब्राजील और वर्ष 2025 में दक्षिण अफ्रीका में आयोजित किये जाएगे।

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