New
UPSC GS Foundation (Prelims + Mains) Batch | Starting from : 20 May 2024, 11:30 AM | Call: 9555124124

विशालकाय मीटरवेव रेडियो टेलीस्कोप (GMRT)

प्रारंभिक परीक्षा – विशालकाय मीटरवेव रेडियो टेलीस्कोप (GMRT)

चर्चा में क्यों?

gmrt

  • कनाडा में मैकगिल विश्वविद्यालय और बेंगलुरु में भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) के खगोलविदों ने पुणे में स्थित जायंट मीटरवेव रेडियो टेलीस्कोप (GMRT) के डेटा का उपयोग करके एक अत्यंत दूर की आकाशगंगा में परमाणु हाइड्रोजन से उत्पन्न होने वाले रेडियो सिग्नल का पता लगाया है।

iisc

जीएमआरटी के बारे में

  • GMRT एक कम-आवृत्ति वाला रेडियो टेलीस्कोप है जो निकटवर्ती सौरमंडल से लेकर, देखे जा सकने वाले ब्रह्मांड के छोर तक की रेडियो खगोलीय समस्याओं की जांच करने में मदद करता है।
  • इसमें 45-मीटर व्यास वाले 30 पूरी तरह से चलाने योग्य डिश एंटेना हैं, जो 25 किमी के क्षेत्र में फैले हुए हैं।
  • GMRT वर्तमान में मीटर वेवलेंथ पर काम करने वाला दुनिया का सबसे बड़ा रेडियो टेलीस्कोप है।
  • यह नेशनल सेंटर फॉर रेडियो एस्ट्रोफिजिक्स  (NCRA)  द्वारा संचालित है, जो टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, मुंबई का एक हिस्सा है।
  • इसकी परिकल्पना और निर्माण 1984 से 1996 तक स्वर्गीय प्रो गोविंद स्वरूप के निर्देशन में किया गया था।
  • तत्कालीन समय यह 25 किलोमीटर (16 मील) तक की आधार रेखा की पेशकश करने वाली दुनिया की सबसे बड़ी इंटरफेरोमेट्रिक सरणी (एररे) थी।
  • दुनिया भर के खगोलविद नियमित रूप से इस टेलीस्कोप का उपयोग कई अलग-अलग खगोलीय पिंडों जैसे HII क्षेत्रों (ऐसे क्षेत्र जो इंटरस्टेलर परमाणु हाइड्रोजन आयनित है), आकाशगंगाओं, पल्सर, सुपरनोवा और सूर्य और सौर हवाओं का निरीक्षण करने के लिए करते हैं।

रेडियो आकाशगंगाएँ

  • ये एक प्रकार की आकाशगंगाएँ हैं जो दृश्य तरंगदैर्ध्य की तुलना में रेडियो तरंगदैर्ध्य पर अधिक प्रकाश उत्सर्जित करती हैं।
  • उनके केंद्र में एक सुपरमैसिव ब्लैक होल है और भारी मात्रा में रेडियो तरंगें उत्सर्जित करता है।
  • रेडियो उत्सर्जन सिंक्रोट्रॉन प्रक्रिया के कारण होता है 
    • एक प्रक्रिया जिसमें विद्युत चुम्बकीय विकिरण उत्सर्जित होता है जब आवेशित कणों को रेडियल रूप से त्वरित किया जाता है, अर्थात जब वे अपने वेग के लंबवत त्वरण के अधीन होते हैं।

visible-wavelength

परमाणु हाइड्रोजन

  • परमाणु हाइड्रोजन, आकाशगंगा में तारे के निर्माण के लिए आवश्यक बुनियादी ईंधन है। 
  • जब आकाशगंगा के आसपास के माध्यम से, गर्म आयनित गैस ब्रह्मांड पर गिरती है, तो ये गैस ठंडी होकर  परमाणु हाइड्रोजन का निर्माण करती है। 
  • बहुत सारे आणविक हाइड्रो  जन अंततः तारों का निर्माण करते हैं।
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR