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लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की सुरक्षा परिषद की प्रतिबंधित आतंकियों की सूची में शामिल

प्रारंभिक परीक्षा - संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लेवेंट (ISIL) और अल कायदा प्रतिबंध समिति(1267 समिति)
मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र 2 - महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएँ और मंच- उनकी संरचना, अधिदेश

सन्दर्भ

  • संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लेवेंट (ISIL) और अल कायदा प्रतिबंध समिति(1267 समिति) ने पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख योजनाकार अब्दुल रहमान मक्की को अपनी प्रतिबंधित आतंकियों की सूची में शामिल कर लिया है।
  • प्रतिबंध समिति ने कहा कि मक्की सहित लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी भारत में आतंकी गतिविधियों के लिए फ़ंडिग करते हैं और युवाओं को चरमपंथी बनाकर उन्हें आतंकी हमलों में शामिल करते है।
  • पिछले वर्ष जून में भी अमेरिका और भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की '1267 समिति' के नियमों के तहत अब्दुल रहमान मक्की को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने का प्रस्ताव पेश किया था लेकिन चीन ने इस प्रस्ताव पर रोक लगा दी थी।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 समिति

  • संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद 1267 समिति की स्थापना 1999 में की गई थी।
  • इसे अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लेवेंट (ISIL) प्रतिबंध समिति के रूप में जाना जाता है।
  • संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी 15 सदस्य इस समिति के सदस्य होते है, इसमें निर्णय सर्व-सम्मति से लिए जाते है।
  • यदि कोई एक भी सदस्य भी किसी प्रस्ताव का विरोध करता है, तो वह प्रस्ताव पारित नहीं होता है।
  • यदि किसी व्यक्ति/संगठन को समिति 1267 की सूची में शामिल कर लिया जाता है, तो इससे वित्तीय दंड आरोपित करने, परिसंपत्तियों को फ्रीज करने और आवाजाही को प्रतिबंधित करने में मदद मिलती है।

प्रतिबंध समिति में शामिल करने की प्रक्रिया

  • कोई भी सदस्य राज्य किसी व्यक्ति या समूह को सूचीबद्ध करने के लिए एक प्रस्ताव प्रस्तुत कर सकता है।
  • प्रस्ताव में ऐसी गतिविधियों को शामिल किया जाना चाहिये, जिससे यह स्पष्ट हो, कि प्रस्तावित व्यक्ति या संगठन ने इस्लामिक स्टेट, जैश-ए-मुहम्मद, अल-कायदा या इनसे संबद्ध किसी समूह के कार्यों या गतिविधियों ( वित्तपोषण, योजना, तैयारी, संचालन ) में भाग लिया है।
  • इसके बाद प्रस्ताव को सभी सदस्यों को भेजा जाता है, यदि कोई सदस्य पांच कार्य दिवसों के भीतर आपत्ति दर्ज नहीं करता है, तो प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया जाता है।
  • संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का कोई भी सदस्य प्रस्ताव पर रोक लगा सकता है, और प्रस्ताव पेश करने वाले देश से अधिक जानकारी मांग सकता है।
  • इस दौरान अन्य सदस्य भी अपने सुझाव दे सकते हैं।
  • जब तक प्रस्ताव पर रोक लगाने वाला सदस्य अपनी रोक हटा नहीं लेता है, या प्रस्ताव पर आपत्ति दर्ज नहीं कर देता है, तब तक प्रस्ताव लंबित सूची में रहता है।
  • लंबित मुद्दों को 6 महीने के अंदर सुलझाया जाता है, लेकिन प्रस्ताव पर रोक लगाने वाले सदस्य द्वारा मांग करने पर 3 महीने का अतिरिक्त समय भी दिया जा सकता है।
  • इस समय सीमा के अंत मे यदि रोक लगाने वाला सदस्य प्रस्ताव पर आपत्ति दर्ज नहीं करता है, तो इस प्रस्ताव को पारित मान लिया जाता है।
  • इसके बाद प्रस्ताव में वर्णित सदस्य या संगठन का नाम प्रतिबंधित सूची में शामिल हो जाता है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद्

  • यह संयुक्त राष्ट्र की संरचना की सबसे महत्त्वपूर्ण इकाई है, जिसका गठन दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान वर्ष 1945 में किया गया था।
  • इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क में है।
  • सुरक्षा परिषद् संयुक्त राष्ट्र के छह प्रमुख अंगों में से एक है।
  • यह मुख्य तौर पर अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए उत्तरदायी है।
  •  इसके पाँच स्थायी सदस्य (अमेरिका , ब्रिटेन, फ्राँस, रूस और चीन) हैं, जिनके पास वीटो का अधिकार है।
  •  सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्य देशों के अतिरिक्त 10 अस्थायी सदस्य भी होते है जो क्षेत्रीय आधार के अनुसार दो साल की अवधि के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा चुने जाते हैं, इन्हें वीटो का अधिकार प्राप्त नहीं होता है।
  • इसके स्थायी और अस्थायी सदस्य बारी-बारी से एक-एक महीने के लिये परिषद के अध्यक्ष बनते है।
  • भारत 2021 से 2023 कि अवधि तक सुरक्षा परिषद् का अस्थाई सदस्य है।

 

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