अथंगुडी टाइल्स तमिलनाडु के शिवगंगा जिले के एक गाँव अथंगुडी (चेट्टीनाड) में लगभग 500 वर्षों से प्रचलित रंग-बिरंगी सजावटी टाइल्स है। ये हाथ से बनाई जाती हैं, जिसमें देशी एवं विदेशी संस्कृतियों के साथ-साथ चेट्टियार समुदाय की समृद्ध संस्कृति की अनूठी झलक देखने को मिलती है।
चेट्टियार समुदाय की हवेलियों में लकड़ी के खंभों, जापानी टाइल्स, इटैलियन मार्बल और दूसरे देशों के रंग-बिरंगी कलाकृतियों वाले शीशों का प्रयोग किया जाता था, जिसके मरम्मत एवं रख-रखाव के लिये यहाँ के कारोबारियों ने इस उद्योग की यही पर शुरूआत की।
ये टाइल्स जितनी पुरानी होती जाती हैं उतनी ही आकर्षक और चमकदार होती जाती हैं। वर्तमान में घरेलू एवं अंतर्राष्ट्रीय दोनों बाजारों में इसकी बहुत माँग है।
पर्यावरण के अनुकूल इन टाइलों का उपयोग घरों के भीतरी (फर्श, दीवारों) हिस्सों को सजाने के लिये किया जाता है। हाल ही में, इसके लिये निर्माताओं ने भौगोलिक संकेतक (GI Tag) की माँग करते हुए आवेदन किया है।