यह फूलों की एक दुर्लभ प्रजाति है जो 12 वर्ष में एक बार खिलते हैं। यह एक प्रकार की झाड़ियाँ है जो केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु में पश्चिमी घाट के शोला वनों में पाई जाती हैं।
इसका वैज्ञानिक नाम स्ट्रोबिलांथेस कुंथियाना (Strobilanthes kunthiana) है। इन्हें स्थानीय रूप से कुरिंजी के नाम से जाना जाता है। ये 1,300 से 2,400 मीटर की ऊँचाई पर उगते हैं। भारत में इन फूलों की लगभग 45 प्रजातियाँ पाई जाती हैं जो लगभग 6, 9, 12 या 16 वर्षों के अंतराल पर खिलती हैं।
नीलगिरि हिल्स का नाम नीलकुरिंजी के बैंगनी नीले फूलों के नाम पर ही रखा गया है। तमिलनाडु का पलियान आदिवासी समुदाय अपनी आयु की गणना के लिये इसे संदर्भ वर्ष के रूप में प्रयोग करता था।