‘पाइका विद्रोह’ भारत में ‘ब्रिटिश शासन’ के विरुद्ध एक ‘सशस्त्र संघर्ष’ था। इसका प्रारंभ वर्ष 1817 में ओडिशा में हुआ था। इसका प्रभाव वर्ष 1825 तक देखा गया।
पाइका, ओडिशा के ‘पारंपरिक योद्धा’ थे, जो ओडिशा के राजा को ‘सैन्य सेवा’ प्रदान करते थे, इसके बदले राजा उन्हें ‘लगान मुक्त भूमि’ (निश-कर जागीर) प्रदान करता था।
19वीं शताब्दी के प्रारंभ में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने ओडिशा के अधिकांश क्षेत्रों पर नियंत्रण कर लिया, जिससे राजा और पाइका योद्धा, दोनों की प्रतिष्ठा एवं शक्ति में कमी आई। ऐसे में, पाइकाओं ने ‘बख्शी जगबंधु’ के नेतृत्व में सशस्त्र संघर्ष शुरू कर दिया।
इसे अंग्रेज़ों के विरुद्ध हुए प्रसिद्ध संघर्षों में गिना जाता है। इस विद्रोह को एन.सी.ई.आर.टी. की आठवीं कक्षा के पाठ्यक्रम में ‘केस स्टडी’ के रूप में शामिल किये जाने का निर्णय लिया गया है।