जैव ईंधन विशेषज्ञों ने स्ट्रेप्टोमाइसेस बैक्टीरिया द्वारा उत्पन्न एक कवकरोधी अणु से प्रेरित नए ईंधन का विकास किया है। इसमें प्रयोग किये जाने वाले प्रमुख अणुओं को पी.ओ.पी.-एफ.ए.एम.ई. कहा जाता है। इसका पूरा नाम ‘पॉलीसिलकोप्रोपेनेटेड-फैटी एसिड मिथाइल एस्टर’ है।
इस ईंधन का ऊर्जा घनत्व 50 मेगाजूल प्रति लीटर से अधिक है, जो पेट्रोल या पारंपरिक रॉकेट ईंधन, जिसमें नासा द्वारा उपयोग किये जाने वाले रॉकेट ईंधन भी शामिल हैं, की तुलना में अधिक है।
चूँकि ये बैक्टीरिया वातावरण से अवशोषित कार्बन डाइऑक्साइड से विकसित पौधों से अपना भोजन प्राप्त करते हैं। अतः इनसे निर्मित ईंधन का इंजनों में उपयोग करने से ग्रीनहाउस गैस की मात्रा में भारी कमी आएगी।