शॉर्ट न्यूज़: 02 फ़रवरी, 2022
वरिष्ठ नागरिकों के उत्थान के लिये परिषद्
शेयर जारी करने के फ्रेमवर्क में संशोधन
वरिष्ठ नागरिकों के उत्थान के लिये परिषद्
चर्चा में क्यों?
हाल ही में, ‘राष्ट्रीय वृद्ध व्यक्ति परिषद्’ का पुनर्गठन करते हुए इसका नाम परिवर्तित कर दिया गया।
राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक परिषद्
- परिवर्तन के बाद नया नाम ‘राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक परिषद्’ (NCSrC) कर दिया गया है। यह वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार से संबंधित मुद्दों पर केंद्र और राज्य सरकारों को सलाह देने वाला निकाय है।
- राष्ट्रीय वृद्ध व्यक्ति परिषद् का गठन वर्ष 1999 में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा किया गया। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री इस परिषद् के अध्यक्ष होते हैं।
कार्य
यह निम्नलिखित संदर्भ में सलाह का कार्य करता है-
- नीतियाँ, कार्यक्रम और विधायी उपाय।
- भौतिक और वित्तीय सुरक्षा, स्वास्थ्य, स्वतंत्र एवं उत्पादक जीवन को बढ़ावा देना तथा जागरूकता पैदा करना।
वरिष्ठ नागरिकों से सम्बंधित अन्य योजनाएँ
- वरिष्ठ नागरिकों के लिये एकीकृत कार्यक्रम (IPSrC)- वृद्धाश्रमों/सतत देखभाल गृहों, चल चिकित्सा इकाइयों आदि के संचालन एवं अनुरक्षण के लिये अनुदान सहायता।
- राष्ट्रीय वयोश्री योजना (RVY)- बी.पी.एल. श्रेणी के वरिष्ठ नागरिकों को आयु संबंधित अक्षमताओं/दुर्बलताओं के लिये शारीरिक सहायता उपकरण प्रदान करना।
- वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष- वरिष्ठ नागरिकों की वित्तीय सुरक्षा, स्वास्थ्य और पोषण, बुजुर्ग विधवाओं के कल्याण, वृद्धाश्रम से संबंधित योजनाओं, अल्पावास गृहों एवं वरिष्ठ नागरिकों की डे-केयर आदि जैसी योजनाओं के लिये।
- वयोश्रेष्ठ सम्मान- वृद्ध व्यक्तियों, विशेष रूप से गरीब वरिष्ठ नागरिकों के उत्थान में शामिल प्रख्यात वरिष्ठ नागरिकों और संस्थानों द्वारा किये गए प्रयासों का सम्मान करना।
शेयर जारी करने के फ्रेमवर्क में संशोधन
चर्चा में क्यों?
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एंकर निवेशकों की लॉक-इन अवधि को बढ़ा दिया है।
प्रमुख बिंदु
- एंकर निवेशकों के लिये लॉक-इन अवधि : वर्तमान में एंकर निवेशकों को आवंटित शेयरों के लिये लॉक-इन अवधि आवंटन की तिथि से 30 दिन हैं। स्वीकृत संशोधनों के अनुसार एंकर निवेशकों को आवंटित शेयर के 50% हिस्से को आवंटन की तिथि से 90 दिनों के लिये लॉक-इन कर दिया जाएगा।
- इसे 1 अप्रैल, 2022 से सभी निर्गमों (Offerings) पर लागू किया जाएगा। अब सामान्य कंपनी कामकाज के लिये आरक्षित कोष की निगरानी क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों द्वारा की जाएगी। इसके अलावा सेबी ने गैर-संस्थागत निवेशकों के लिये आवंटन पद्धति को भी संशोधित किया है।
एंकर निवेशक
यह सार्वजानिक निर्गम में विश्वास जगाने के लिये किसी फर्म या स्टार्टअप के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) में अग्रिम रूप से निवेश करने वाले निवेशक होते हैं।