शॉर्ट न्यूज़: 03 जून, 2022
लीडरशिप ग्रुप फॉर इंडस्ट्री ट्रांजिशन
जी.ई.एम. प्लेटफॉर्म पर सहकारी समितियाँ
लीडरशिप ग्रुप फॉर इंडस्ट्री ट्रांजिशन
चर्चा में क्यों
हाल ही में, भारत एवं स्वीडन की संयुक्त पहल ‘लीडरशिप ग्रुप फॉर इंडस्ट्री ट्रांजिशन’ (LeadIT) के अंतर्गत स्टॉकहोम में उद्योग संक्रमण संवाद का आयोजन किया गया।
प्रमुख बिंदु
- इस उच्च स्तरीय संवाद ने संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन 'स्टॉकहोम + 50' में अपना योगदान दिया है, जिसे 2-3 जून, 2022 के मध्य आयोजित किया गया है।
- आयोजन के दौरान, भारत ने जलवायु कार्रवाई में तेजी लाने की आवश्यकता पर जोर दिया। साथ ही, विकासशील देशों को केवल औद्योगिक संक्रमण की ही नहीं बल्कि एक औद्योगिक पुनर्जागरण- उभरते उद्योगों की जरूरत को स्पष्ट किया है जो स्वच्छ वातावरण के साथ-साथ रोजगार एवं समृद्धि को पैदा कर सकें। विकसित देशों को अपने ऐतिहासिक अनुभवों के साथ शुद्ध शून्य एवं निम्न कार्बन उद्योग के लिये विश्व का नेतृत्व करना चाहिये।
लीडआई.टी. पहल
- लीडआईटी उन देशों और कंपनियों का समूह है जो पेरिस समझौते को प्राप्त करने के लिये प्रतिबद्ध हैं। इसे सितंबर 2019 में संयुक्त राष्ट्र जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन में स्वीडन और भारत द्वारा संयुक्त रूप से लॉन्च किया गया था। यह पहल विश्व आर्थिक मंच द्वारा समर्थित है।
- लीडआईटी निजी क्षेत्र की कंपनियों विशेष रूप से आयरन एवं स्टील, एल्युमिनियम, सीमेंट एवं कंक्रीट, पेट्रोकेमिकल्स, उर्वरक आदि की सक्रिय भागीदारी के माध्यम से कार्बन उत्सर्जन को कम करने के उद्देश्य से शुरू एक स्वैच्छिक पहल है।
- इस पहल में जापान और दक्षिण अफ्रीका नए शामिल सदस्य है। इन सदस्यों को मिलाकर (देशों और कंपनियों को) लीडआईटी की कुल सदस्यता 37 हो गई है।
स्टॉकहोम + 50
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वर्ष 1972 में आयोजित 'मानव पर्यावरण पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन' के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2-3 जून, 2022 के दौरान स्टॉकहोम, स्वीडन में एक प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक का मुख्य विषय ‘सभी की समृद्धि के लिये एक स्वस्थ ग्रह, हमारी जिम्मेदारी, हमारा अवसर’ है।
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जी.ई.एम. प्लेटफॉर्म पर सहकारी समितियाँ
चर्चा में क्यों
हाल ही में, केंद्र सरकार ने गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (GeM) प्लेटफॉर्म पर सहकारी समितियों को खरीदार के रूप में पंजीकरण की मंजूरी दी है।
जी.इ.एम. प्लेटफॉर्म
यह एक राष्ट्रीय पोर्टल है जो पारदर्शी और कुशल तरीके से सामान्य उपयोग की वस्तुओं और सेवाओं की खरीद हेतु केंद्र और राज्य सरकार के मंत्रालयों/विभागों और सार्वजनिक उपक्रमों आदि के लिये एक समग्र ऑनलाइन बाज़ार उपलब्ध कराता है।
जी.इ.एम. के माध्यम से खरीदारी के लाभ
- सहकारी समितियों को पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से प्रतिस्पर्धी मूल्य प्राप्त होगा जो उनके सदस्यों के लिये आर्थिक रूप से लाभदायक होगा।
- इस पोर्टल पर मानक प्रक्रियाओं का पालन करने से समय की बचत होगी और प्रशासनिक बोझ में कमी आएगी।
- इससे सहकारी समितियों की विश्वसनीयता बढ़ेगी तथा धन के कुप्रबंधन की समस्याओं में कमी आएगी।
- यह सहकारी समितियों को एक ही मंच पर 45 लाख से अधिक विक्रेताओं तक पहुँचने तथा पारदर्शी एवं कुशल खरीद प्रणाली के लिये सक्षम बनाएगा।
सहकारी समितियाँ
- वर्तमान में, भारत में लगभग 29 करोड़ सदस्यता के साथ करीब 8.54 लाख सहकारी समितियाँ विद्यमान हैं।
- सहकारी समिति आमतौर पर वंचितों या कमजोर वर्गों द्वारा गठित एक स्वैच्छिक संगठन है जिसका निर्माण समान लक्ष्य वाले व समान विचारधारा वाले लोगों द्वारा किया जाता है।
- ये किसी को भी उनकी सामाजिक या धार्मिक पृष्ठभूमि के आधार पर प्रतिबंधित नहीं कर सकती है तथा इनकी प्रकृति लोकतांत्रिक होती है।
- इन समितियों को अपने सभी रिकॉर्ड सुरक्षित रखने होते हैं जिसका ऑडिट किया जा सकता है।
- संविधान के अनुच्छेद 19(1)(C)के तहत कुछ युक्तियुक्त निर्बंधनों के साथ संघ या सहकारी समितियाँ बनाने की स्वतंत्रता दी गई है जबकि अनुच्छेद 43-B के अंतर्गत राज्य द्वारा सहकारी समितियों के स्वैच्छिक गठन, स्वायत्त कामकाज, लोकतांत्रिक नियंत्रण और पेशेवर प्रबंधन को बढ़ावा देने का उल्लेख किया गया है।