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शॉर्ट न्यूज़: 05 सितम्बर, 2022

शॉर्ट न्यूज़: 05 सितम्बर, 2022


वन हर्ब, वन स्टैंडर्ड 

फलों और सब्जियों पर खाद्य कोटिंग

उइगर समुदाय का उत्पीड़न


वन हर्ब, वन स्टैंडर्ड 

चर्चा में क्यों 

फार्माकोपिया कमीशन फॉर इंडियन मेडिसिन एंड होम्योपैथी (आयुष मंत्रालय) तथा इंडियन फार्माकोपिया कमीशन (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय) ने ‘वन हर्ब, वन स्टैंडर्ड’ को बढ़ावा देने और इसे सुगम बनाने के उद्देश्य से अंतर-मंत्रालयी सहयोग के लिये एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किया।  

प्रमुख बिंदु 

  • यह ज्ञापन आयुष मंत्रालय के ‘वन हर्बवन स्टैंडर्ड’ को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 
  • ‘वन हर्ब, वन स्टैंडर्ड’ के तहत वर्गीकृत लेख (Monograph) के प्रकाशन का एकमात्र अधिकार फार्माकोपिया कमीशन फॉर इंडियन मेडिसिन एंड होम्योपैथी (PCIM&H) के पास होगा।
  • लेख की तकनीकी सामग्री पी.सी.आई.एम.एच. और इंडियन फार्माकोपिया कमीशन (IPC) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित की जाएगी। 

उद्देश्य

  • इस समझौता ज्ञापन का प्राथमिक उद्देश्य सामंजस्यपूर्ण हर्बल दवा मानकों के विकास को सुविधाजनक बनाना।
  • सार्वजनिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिये सहयोगात्मक प्रयासों का विकास करना। 
  • पारंपरिक चिकित्सा के मानकीकरण के उद्देश्य से सूचनाओं के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिये व्यापक सहयोग को सुगम बनाना। 
  • मानकों के सामंजस्य से ‘वन हर्ब, वन स्टैंडर्ड एंड वन नेशन’ का मार्ग प्रशस्त करना।
  • भारत में व्यापार सुगमता में सुधार करना तथा भारतीय वनस्पति के समग्र व्यापार में सुधार लाना।

फलों और सब्जियों पर खाद्य कोटिंग

चर्चा में क्यों 

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गुवाहाटी के शोधकर्ताओं के एक दल ने समुद्री शैवाल का उपयोग करके एक खाद्य कोटिंग विकसित की है। इससे संबंधित शोध निष्कर्ष ए.सी.एस. फ़ूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी जर्नल में प्रकाशित किया गया है।

खाद्य कोटिंग में डुनालिएला टर्टियोलेक्टा का उपयोग 

  • इस विशेष कोटिंग का निर्माण डुनालिएला टर्टियोलेक्टा (Dunaliella Tertiolecta) नामक एक समुद्री सूक्ष्म शैवाल के अर्क और पॉलीसैकेराइड्स (Polysaccharides) के मिश्रण का उपयोग करके किया गया है।
  • डुनालिएला टर्टियोलेक्टा का उपयोग प्राय: शैवाल के तेल के स्रोत के रूप में किया जाता है जो मछली के तेल (ओमेगा-3 फैटी एसिड) का एक पौधा आधारित विकल्प है।
  • यह एक स्वास्थ्य पूरक होने के साथ-साथ जैव ईंधन का एक अच्छा स्रोत भी है। 
  • तेल निष्कर्षण के बाद शैवाल के अवशेषों को आमतौर पर फेंक दिया जाता है। शोधकर्ताओं ने कोटिंग पदार्थ बनाने में इन अवशेष के अर्क के साथ काइटोसन (Chitosan) का उपयोग किया। 
  • काइटोसन एक प्रकार का कार्बोहाइड्रेट है, जो शैलफिश के बाह्य कंकाल से प्राप्त किया जाता है। इसमें रोगाणुरोधी और कवकरोधी गुण भी होते हैं।
  • सूक्ष्म शैवाल को इसके एंटीऑक्सीडेंट गुणों के लिये जाना जाता है तथा इसमें कैरोटेनॉयड्स और प्रोटीन जैसे विभिन्न जैव-सक्रीय यौगिक होते हैं।

कोटिंग की व्यवहार्यता 

  • इसका बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जा सकता है। ये प्रकाश, गर्मी और 40C तक तापमान के लिये बहुत स्थिर हैं। इसमें प्रतिकूल गुण नहीं होता हैं तथा यह सुरक्षित रूप से खाने योग्य हैं।
  • खाद्य पदार्थों को नष्ट होने से बचाने के लिये इसे सब्जियों व फलों पर लेपित कर उनकी शेल्फ-लाइफ को काफी हद तक बढ़ाया जा सकता है।
  • फलों व सव्जियों पर इसका उपयोग किये जाने से उनकी बनावट, रंग, स्वाद और पोषण मूल्य पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है। 
  • यह एक साधारण डिप कोटिंग तकनीक है जिसमें फसल प्रसंस्करण के लिये विशेष अतिरिक्त लागत की आवश्यकता नहीं होती है।

उइगर समुदाय का उत्पीड़न

चर्चा में क्यों 

हाल ही में, संयुक्त राष्ट्र ने उइगरों और अन्य जातीय समूहों पर कार्रवाई की जांच करने वाली अपनी एक रिपोर्ट में चीन पर मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन का आरोप लगाया है, जो ‘मानवता के खिलाफ अपराध’ हो सकता है।

प्रमुख बिंदु 

  • संयुक्त राष्ट्र ने चीन पर उइगर एवं अन्य अल्पसंख्यक समूहों के दस लाख या उससे अधिक लोगों को हिरासत शिविरों में रखने का आरोप लगाया है, जहां उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है और उनकी भाषा व धर्म को छोड़ने के लिये मजबूर किया जा रहा है। 
  • सुदूर पश्चिमी शिनजियांग प्रांत में स्थापित शिविरों में जन्म नियंत्रण की कठोर नीतियां लागू करने और लोगों के आवागमन पर प्रतिबंध को अधिकार संगठनों ने चरमपंथ के एक क्रूर अभियान के रूप में संदर्भित किया है।
  • रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने अपनी आतंकवाद रोधी और चरमपंथ रोधी नीतियों के तहत गंभीर मानवाधिकारों का उल्लंघन किया है जिस पर ‘तत्काल ध्यान’ देने की आवश्यकता है।
  • मानवाधिकार समूहों ने आरोपों की जाँच के लिये एक स्वतंत्र निकाय स्थापित करने के लिये संयुक्त राष्ट्र से आह्वान किया है। 
  • हालाँकि, चीन ने इसे अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों का राजनीतिक उपकरण कहा है। 
  • पूर्व में भी इनकी सामूहिक नसबंदी करने, दूसरे समुदायों में उनका जबरन विवाह कराने का भी आरोप लग चुका है।

उइगर मुस्लिम

  • उइगर मुख्यत: मुस्लिम अल्पसंख्यक तुर्क जातीय समूह हैं, जिनकी उत्पत्ति मध्य एवं पूर्वी एशिया से मानी जाती है।
  • इनको चीन में आधिकारिक तौर पर मान्यता प्राप्त 55 जातीय अल्पसंख्यक समुदायों में से एक माना जाता है।
  • हालाँकि, चीन उइगर मुस्लिमों को केवल एक क्षेत्रीय अल्पसंख्यक के रूप में मान्यता देता है और उनको स्वदेशी समूह नहीं मानता है।
  • इनकी भाषा तुर्की भाषा से काफी समानता रखती है और सांस्कृतिक एवं जातीय रूप से भी ये मध्य एशियाई देशों से निकटता रखते हैं।
  • उइगर जातीय समुदाय की सबसे बड़ी आबादी चीन के शिनजियांग प्रांत में निवास करती है। साथ ही, ये मध्य एशियाई देशों, जैसे- उज़्बेकिस्तान, किर्गिज़स्तान और कज़ाखस्तान में भी पाए जाते हैं।
  • खनिज समृद्ध शिनजियांग क्षेत्र चीन का एक स्वायत्त क्षेत्र है, जो भारत, पाकिस्तान, रूस तथा अफगानिस्तान सहित आठ देशों के साथ सीमा साझा करता है।

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