शॉर्ट न्यूज़: 09 जून, 2022
घरेलू कच्चे तेल उत्पादन में गिरावट
हर घर दस्तक 2.0 अभियान
फ्रंटियर सुपर कंप्यूटर
घरेलू कच्चे तेल उत्पादन में गिरावट
चर्चा में क्यों
भारत में घरेलू कच्चे तेल के उत्पादन में निरंतर कमी हो रही है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में कच्चे तेल का उत्पादन घटकर 28.4 मिलियन मीट्रिक टन रह गया जो पिछले दो दशकों में सबसे कम है।
आयात पर निर्भरता
- समय के साथ भारत में कच्चे तेल की खपत निरंतर बढ़ती गई लेकिन घरेलू उत्पादन का स्तर नहीं बढ़ सका। फलतः आयात पर निर्भरता बढ़ती गई।
- भारत तेल का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता होने के बावजूद अपनी 85% आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये आयात पर निर्भर है। आयात पर अत्यधिक निर्भरता एवं कीमतों में वृद्धि के कारण भारत के व्यापार घाटे में वृद्धि हुई है।
- भारत के कच्चे तेल का आयात बिल वित्तीय वर्ष 2021-22 में बढ़कर 120.4 बिलियन डॉलर हो गया है जो व्यापार घाटे का एक मुख्य कारक है।
ओ.एन.जी.सी. का संकट
- घरेलू कच्चे तेल के उत्पादन का एक बड़ा हिस्सा तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड (ONGC) द्वारा उत्पादित किया जाता है। विदित है कि ओ.एन.जी.सी. के तेल उत्पादन में लगातार कमी हो रही है।
- वित्त वर्ष 2021-22 में इसने 19.45 मीट्रिक टन क्रूड का उत्पादन किया जो वित्त वर्ष 2011-12 के बाद सबसे कम था।
उत्पादन में गिरावट के कारण
- कच्चे तेल के उत्पादन में गिरावट का प्राथमिक कारण भारत का तेल के पुराने कुओं पर निर्भर होना है। साथ ही, नए तेल के कुओं की कोई बड़ी खोज न होना भी उत्पादन को कम कर रहा है।
- विकास (ज्ञात भंडार को अधिकतम करना) और अन्वेषण (नए तेल के भंडार का पता लगाना) के लिये खोदे गए नए कुओं की संख्या में गिरावट आई है।
हर घर दस्तक 2.0 अभियान
चर्चा में क्यों
हाल ही में, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोविड-19 टीकाकरण की गति एवं प्रसार में तेजी लाने के लिये ‘हर घर दस्तक अभियान 2.0’ को देश भर में शुरू किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- 'हर घर दस्तक 2.0' अभियान को 1 जून, 2022 से 31 जुलाई, 2022 तक के लिये शुरू किया गया है।
- इस अभियान का उद्देश्य डोर-टू-डोर अभियानों के माध्यम से पहले, दूसरे और एहतियाती खुराक (Precautionry Dose) के लिये पात्र जनसंख्या समूहों का टीकाकरण सुनिश्चित करना है।
- हर घर दस्तक अभियान के दूसरे चरण के तहत 60 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों के एहतियाती खुराक को सुनिश्चित करने पर मुख्य रूप से ध्यान दिया जाएगा। साथ ही, वृद्धाश्रमों, स्कूलों/कॉलेजों जैसी कम कवरेज वाली जगहों पर; 12-14 आयु वर्ग के स्कूली बच्चों पर; जेलों, ईंट भट्ठों आदि में कार्यरत सभी पात्र लाभार्थियों में बचे रह गए लोगों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
- विदित है कि 'हर घर दस्तक' टीकाकरण अभियान मिशन इंद्रधनुष की सफल रणनीति से प्रेरित है। इस अभियान को नवंबर 2021 में शुरू किया गया, जिसके उद्देश्यों में घर-घर जाकर पहली और दूसरी खुराक के सभी छूटे हुए पात्र लाभार्थियों तक पहुँचना, टीकाकरण को लेकर जागरूकता का प्रसार करना आदि शामिल हैं।
फ्रंटियर सुपर कंप्यूटर
चर्चा में क्यों
विश्व के सबसे शक्तिशाली सुपर कंप्यूटरों की टॉप 500 सूची के अनुसार, जापान के फुगाकू को पीछे छोड़ते हुए अमेरिका का फ्रंटियर सुपरकंप्यूटर दुनिया का सबसे तेज सुपर कंप्यूटर बन गया है।
प्रमुख बिंदु
- अमेरिका के ऊर्जा विभाग की ओक रिज राष्ट्रीय प्रयोगशाला (ORNL) के लिये बनाए गए फ्रंटियर सुपरकंप्यूटर की गति 1.1 एक्साफ्लॉप्स है, जिससे यह एक्सास्केल की गति पर कार्यरत दुनिया का पहला सुपर कंप्यूटर बन गया है।
- इस सुपरकंप्यूटर को हेवलेट पैकार्ड एंटरप्राइज आर्किटेक्चर का उपयोग करके बनाया गया है, जो उन्नत माइक्रो डिवाइसेस (AMD) प्रोसेसर से संबद्ध है।
- इसकी गति जापान के फुगाकू सुपर कंप्यूटर (442 पेटाफ्लॉप्स) से भी अधिक है, जो अब तक दुनिया का सबसे तेज सुपर कंप्यूटर था।
- ग्रीन 500 सूची में फ्रंटियर को दुनिया के सबसे ऊर्जा कुशल सुपरकंप्यूटर के रूप में भी प्रथम स्थान दिया गया है। यह प्रति वाट 52.23 गीगाफ्लॉप प्रदर्शन के साथ सुपरकंप्यूटिंग ऊर्जा उपयोग और दक्षता को मापता है, जो इसे फुगाकू सुपरकंप्यूटर की तुलना में 32% अधिक ऊर्जा कुशल बनाता है।
- टॉप 500 सूची के नवीनतम संस्करण में फ्रंटियर एवं फुगाकू के पश्चात् एल.यू.एम.आई. सुपर कंप्यूटर को तीसरा स्थान दिया गया है, जो फिनलैंड के कजानी में स्थापित है।
भारत के सुपर कंप्यूटर
|
नाम
|
गति
|
स्थान
|
परम अनंत
|
838 टेराफ्लॉप्स
|
आई.आई.टी.,गांधीनगर (गुजरात)
|
परम प्रवेगा
|
3.3 पेटाफ्लॉप्स
|
आई.आई.एस.सी. बेंगलुरु
|
परम गंगा
|
1.67 पेटाफ्लॉप्स
|
आई.आई.टी. रुड़की
|
परम शक्ति
|
1.66 पेटाफ्लॉप्स
|
आई.आई.टी. खड़गपुर
|