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शॉर्ट न्यूज़: 09 सितम्बर, 2022

शॉर्ट न्यूज़: 09 सितम्बर, 2022


राष्ट्रीय स्वच्छ वायु दिवस

रेलवे भूमि के दीर्घकालिक पट्टे पर नीति

ट्रांसवुमन समुदाय का प्रवर्धन


राष्ट्रीय स्वच्छ वायु दिवस

प्रमुख बिंदु

  • इसका प्रमुख उद्देश्य राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) के तहत वायु गुणवत्ता में सुधार के लिये जागरूकता का विस्तार करना और संबंधित कार्यों को सुविधाजनक बनाना है।
  • इस दौरान केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने एन.सी.ए.पी. के अंतर्गत आठ शहरों में सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुरूप क्षमता निर्माण और सार्वजानिक पहुँच से संबंधित विवरणिका को भी जारी किया।
  • इन शहरों के लिये विभिन्न सर्वोत्तम प्रथाएँ एवं उनकी सफलता-

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पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा जारी दस्तावेज़ 

  • स्वच्छ वायु दिवस के अवसर पर पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने निम्नलिखित दस्तावेज़ जारी किया है:
  • राष्ट्रीय, राज्य और शहर स्तर पर आयोजित किये जाने वाले क्षमता निर्माण और आउटरीच कार्यक्रमों पर दिशा-निर्देश
  • एन.सी.ए.पी. के तहत निधियों को जारी करने और उपयोग करने के लिये दिशा निर्देश
  • वायु गुणवत्ता घटक के लिये सिफारिशों के कार्यान्वयन के लिये 15वां वित्त आयोग परिचालन दिशा-निर्देश
  • एन.सी.ए.पी. के तहत 8 शहरों की सर्वोत्तम प्रथाएं और सफलता की कहानियां-
    • वाहनों के उत्सर्जन को रोकने के उद्देश्य से सतत परिवहन के लिये पुणे और बैंगलोर
    • ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिये श्रीनगर, तूतीकोरिन और वाराणसी
    • सीवेज प्रबंधन के लिये अकोला
    • कार्बन सिंक के रूप में कार्य करने के लिये 33% हरियाली विकसित करने के लिये हैदराबाद
    • एकीकृत नियंत्रण और कमान केंद्र निगरानी के लिये लखनऊ
    • ये सर्वोत्तम प्रथाएँ वायु गुणवत्ता में सुधार के लिये अन्य शहरों द्वारा स्थायी दृष्टिकोण अपनाने में मदद करती हैं।

इंटरनेशनल डे ऑफ़ क्लीन एयर फॉर ब्लू स्काइज़

  • संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 7 सितंबर को इंटरनेशनल डे ऑफ़ क्लीन एयर फॉर ब्लू स्काइज़ के रूप में निर्दिष्ट किया है।
  •  इस वर्षयह वायु गुणवत्ता में सुधार के लिये राष्ट्रीय कार्रवाई और क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने की तात्कालिकता पर जागरूकता बढ़ाता है।
  •  इस दिवस के लिये इस वर्ष की थीम ‘दि एयर वी शेयर’ है।

रेलवे भूमि के दीर्घकालिक पट्टे पर नीति

चर्चा में क्यों 

हाल ही में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रेलवे भूमि के पट्टे के लिये संशोधित नीति को मंजूरी दी।

नवीन नीति

  • संशोधित नीति कार्गो उपयोग के लिये ऐसी भूमि को कम लागत पर लंबी अवधि के लिये पट्टे पर उपलब्ध कराएगी।
  • नई नीति के अनुसार ऐसी भूमि को पट्टे पर दिया जा सकता है-
  • कार्गो से संबंधित गतिविधियों के उद्देश्य से 35 वर्ष के लिये 
  • पूर्व में पाँच वर्ष की अवधि के लिये दिया जाता था।
  • प्रति वर्ष भूमि के बाजार मूल्य के 1.5% पर 
  • पूर्व में बाज़ार मूल्य के 6% पर दिया जाता था।
  • इसके लिये एक व्यापक नीति दस्तावेज तैयार किया जाएगा और 90 दिनों के भीतर लागू किया जाएगा।

लाभ

रेलवे

  • इससे बुनियादी ढांचे और अधिक कार्गो टर्मिनलों के एकीकृत विकास की उम्मीद है जिससे रेलवे के राजस्व में सुधार होगा।
  • इससे रेलवे को अधिक कार्गो आकर्षित करने में मदद मिलेगी और माल ढुलाई में इसकी हिस्सेदारी बढ़ेगी जिससे उद्योग की रसद लागत कम होगी। 

बुनियादी ढाँचा में सुधार 

  • यह नीति रेलवे के भूमि उपयोग और सार्वजनिक सेवा उपयोगिताओं के एकीकृत विकास के को सरल बनाती है। सार्वजनिक सेवा में बिजली, गैस, जलापूर्ति, सीवेज निपटान, शहरी परिवहन आदि शामिल है। 
  • ऑप्टिकल फाइबर केबल्स और अन्य छोटे व्यास वाली भूमिगत उपयोगिताओं के लिये रेलवे पटरियों को पार करने के लिए 1,000 का एकमुश्त शुल्क लिया जाएगा।
  • यह नीति कम लागत पर सौर संयंत्र स्थापित करने के लिये भी रेलवे भूमि प्रदान करती है। साथ ही, 1 प्रति मीटर2 के वार्षिक शुल्क पर सामाजिक बुनियादी ढांचे के विकास को प्रोत्साहित करती है। 

अन्य लाभ

  • कार्गो टर्मिनलों के लिये रेलवे भूमि का उपयोग करने वाली मौजूदा संस्थाओं के पास नई नीति व्यवस्था पर स्विच करने का विकल्प होगा।
  • इसके माध्यम से वर्ष 2019 में घोषित कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड में 30.8% के विनिवेश की योजना को भी गति मिलेगी।

ट्रांसवुमन समुदाय का प्रवर्धन

चर्चा में क्यों

हाल ही में, राष्ट्रीय महिला आयोग ने ‘भारत में ट्रांसवुमन, समावेशन वृद्धि : समस्याएँ और संभावनाएँ’ का आयोजन किया।

उद्देश्य

  • इस समुदाय के व्यक्तियों से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करना 
  • समाज में उनकी स्वीकृत एवं भागीदारी के संबंध में जागरूकता का विस्तार करना
  • उनके द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में सामना की जा रही समस्याओं का विश्लेषण करना
  • ट्रांसवुमन के कल्याण के लिये भविष्य के निर्देशों व नीतिगत प्रस्तावों पर चर्चा करना।

अन्य प्रयास 

  • देश में ट्रांसवुमन और अन्य समकक्ष समुदायों के अधिकारों के संरक्षण एवं सुरक्षा के उद्देश से ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण)अधिनियम, 2019 लागू किया गया है।
  • साथ ही, गरिमा गृह योजना का संचालन भी किया जा रहा है जिसकाउद्देश्यट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिये आश्रय, भोजन, चिकित्सा और मनोरंजन जैसी बुनियादी सुविधाएँ प्रदान करना है।
  • 08 सितम्बर को उच्चतम न्यायालय ने मुख्यत: नागरिक उड्डयन उद्योग में ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिये नीतिगत प्रारूप तैयार करने का आदेश दिया है। इसके लिये सरकार को तीन माह का समय दिया गया है। 

ट्रांसवुमनसमुदाय के कल्याण के लिये सुझाव 

  • ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियमके उचित कार्यान्वयन की आवश्यकता
  • ट्रांसवुमन के लिये कौशल निर्माण कार्यशालाएँ आयोजित करना 
  • चिकित्सा व सामाजिक सुरक्षा योजनाओं तथा बीमा तक पहुंच सुनिश्चित करना
  • छात्रों और शिक्षकों को इस समुदाय के प्रति संवेदनशील बनाना
  • स्कूलों में एक समावेशी पाठ्यक्रम शुरू करने की आवश्यकता 
  • ट्रांसजेंडर समुदाय में स्कूल ड्रॉपआउट रेट बहुत अधिक है।
  • ट्रांसवुमन की समस्याओं के समाधान के लिये एक राष्ट्रीय हेल्पलाइन स्थापित करना।

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