शॉर्ट न्यूज़: 1 दिसंबर, 2021
स्वदेश परियोजना
भारतीय जैव जेट ईंधन प्रौद्योगिकी प्रमाणन
संसद की कार्यवाही में प्रश्नकाल की अवहेलना
स्वदेश परियोजना
संदर्भ
हाल ही में, केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ने हरियाणा के मानेसर स्थित ‘राष्ट्रीय मस्तिष्क अनुसंधान केंद्र’ (NBRC) में स्वदेश परियोजना का उद्घाटन किया। यह केंद्र ‘विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग’ (DBT) के अंतर्गत आता है।
प्रमुख बिंदु
- ‘स्वदेश’ एन.बी.आर.सी में विकसित किया गया विश्व का पहला ‘मल्टीमॉडल ब्रेन इमेजिंग डेटा और एनालिटिक्स’ डाटाबेस है। इससे मस्तिष्क संबंधी विभिन्न बीमारियों को समझने तथा उनका प्रभावी उपचार करने में सहायता मिलेगी।
- यह परियोजना प्रमाणित न्यूरोइमेजिंग, न्यूरोकेमिकल, न्यूरोसाइकोलॉजिकल डेटा और एनालिटिक्स पर ध्यान केंद्रित करेगी, ताकि मस्तिष्क विकारों पर अनुसंधान करने वाले शोधकर्ताओं को मदद मिल सके।
- इस परियोजना के अंतर्गत विकसित डाटाबेस अल्ज़ाइमर रोग और अन्य तंत्रिका संबंधी विकारों को समझने के लिये मल्टीमॉडल मस्तिष्क अध्ययन करने में उपयोगी होगा।
- वर्तमान में, स्वदेश परियोजना के अंतर्गत विकसित डाटाबेस में 500 अल्ज़ाइमर और ‘हल्की संज्ञानात्मक हानि’ (Mild Cognitive Impairment – MCI) के रोगियों और 70 पार्किंसंस रोगियों का डाटा शामिल है। इसमें 600 स्वस्थ वृद्ध व्यक्तियों और 800 स्वस्थ युवा व्यक्तियों के डाटा भी सम्मिलित हैं।
- इस केंद्र के वैज्ञानिक और छात्र मस्तिष्क के रहस्यों को जानने के लिये बहु-विषयक दृष्टिकोण का उपयोग करते हैं।
‘राष्ट्रीय मस्तिष्क अनुसंधान केंद्र’ (NBRC)
- प्रधान मंत्रालय– केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय
- वित्त पोषण– विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा
- मुख्यालय– मानेसर, हरियाणा
- यह ‘तंत्रिका विज्ञान अनुसंधान और शिक्षा’ को समर्पित देश का एकमात्र संस्थान है।
- यह भारत का एक ‘उत्कृष्टता संस्थान’ (Centre of Excellence) है।
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भारतीय जैव जेट ईंधन प्रौद्योगिकी प्रमाणन
चर्चा में क्यों?
- भारतीय वायु सेना के सैन्य विमानों में उपयोग के लिये विकसित जैव-जेट ईंधन के उत्पादन की स्वदेशी तकनीक को औपचारिक रूप से मंज़ूरी दी गई है।
- इसे ‘वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद्’ - भारतीय पेट्रोलियम संस्थान, देहरादून द्वारा विकसित किया गया है। यह प्रमाणन ‘सैन्य उड़ान योग्यता एवं प्रमाणन केंद्र द्वारा प्रदान किया गया है।
मुख्य बिंदु
- यह विमानन जैव-ईंधन क्षेत्र में भारत के बढ़ते विश्वास तथा 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में एक और कदम है। यह भारतीय सशस्त्र बलों को अपने सेवारत विमानों में स्वदेशी तकनीक का उपयोग करके उत्पादित जैव-जेट ईंधन का उपयोग करने के लिये प्रोत्साहित करेगा तथा प्रौद्योगिकी के व्यावसायीकरण एवं बड़े पैमाने पर इसके उत्पादन को सक्षम बनाएगा।
- यह, पारंपरिक जेट ईंधन की तुलना में कम सल्फर तत्त्व के कारण वायु प्रदूषण को कम करेगा तथा नेट-ज़ीरो ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा। इससे गैर-खाद्य तेलों के उत्पादन तथा संग्रहण जैसे कार्यों में संलग्न किसानों व आदिवासियों की आजीविका में भी वृद्धि करेगा।
- विमानों का परीक्षण एक जटिल प्रक्रिया है, जिसकी गहन जाँच से पूर्व उड़ान सुरक्षा के उच्चतम स्तर को सुनिश्चित करना आवश्यक है। अंतर्राष्ट्रीय विमानन मानक इसके जटिल आकलनों के दायरे को परिभाषित करता है।
- मानवयुक्त उड़ान मशीनों में ईंधन का उपयोग करने से पूर्व गहन विश्लेषण की आवश्यकता होती है।
- हरित ईंधन के साथ ये परीक्षण उड़ानें राष्ट्रीय उद्देश्य को पूरा करने में भारतीय वैज्ञानिकों की क्षमताओं एवं प्रतिबद्धता तथा भारतीय वायुसेना की सैन्यभावना को रेखांकित करती हैं।
संसद की कार्यवाही में प्रश्नकाल की अवहेलना
चर्चा में क्यों
हाल ही में, राज्यसभा में विपक्षी दल के नेता द्वारा किसान आंदोलन को गैर-निवासी भारतीयों द्वारा दी जा रही मदद के संबंध में पूछे जाने वाले एक प्रश्न को संसद के शीतकालीन सत्र में प्रश्नों की अंतिम सूची से हटा दिया गया।
प्रश्नकाल से संबंधित प्रावधान:
- राज्य सभा में प्रश्नों की स्वीकार्यता राज्यसभा की प्रक्रिया और कार्य संचालन नियम (नियम 47-50) द्वारा शासित होती है।
- सामान्यत: एक बार कोई प्रश्न, जो स्वीकार्यता की शर्तों को पूरा करता है, प्राप्त हो जाने पर उसे संबंधित मंत्रालय को भेज दिया जाता है। सचिवालय द्वारा दिये गए संदर्भ के जवाब में मंत्रालय से तथ्य प्राप्त होने पर, प्रश्न की जाँच को आगे बढ़ाया जाता है।
- प्रश्नों को स्वीकार या अस्वीकार करना पूर्णतः अध्यक्ष के विवेक पर निर्भर करता है। मंत्रियों को प्रक्रियाधीन प्रश्नों की दी गई मुद्रित सूचियाँ, अंतिम सूचियाँ होती हैं, जिनके आधार पर संबंधित मंत्रालय अपने जवाब तैयार करते हैं।
- राज्यसभा के नियमों के तहत ऐसे कई प्रावधान हैं जो किसी प्रश्न को हटा सकते हैं। राज्य सभा एक प्रश्न की स्वीकार्यता हेतु 22 शर्तों को सूचीबद्ध करती है।