शॉर्ट न्यूज़: 10 जनवरी, 20229
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन में बढ़ते सदस्य
सी.सी.टी.वी. बनाम निजता का अधिकार
ड्रोन के जरिये बेहतर प्रशासन की आश
गुलमर्ग व सोनमर्ग बना 'रणनीतिक क्षेत्र' के रूप में अधिसूचित
SBI : डिजिटल बैंकिंग को प्रोत्साहन
ओरिएंटल डार्टर पक्षी या स्नेक बर्ड
एयरटेल पेमेंट्स बैंक : एक अनुसूचित बैंक
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन में बढ़ते सदस्य
चर्चा में क्यों?
एंटीगुआ और बारबुडा, अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर करने 102वां देश बन गया है।
सदस्यता प्रक्रिया
- आरंभ में, मकर रेखा व कर्क रेखा पर अथवा इनके मध्य स्थित देश ही आई.एस.ए. के सदस्य बन सकते थे।
- वर्ष 2020 में हुए एक संशोधन के माध्यम से यह प्रावधान किया गया कि संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देश आई.एस.ए. में शामिल होने के पात्र हैं।
- वर्तमान में आई.एस.ए. फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर और इसकी पुष्टि करने वाले देशों की संख्या (पूर्ण सदस्य) 81 है।
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन
- मुख्यालय : गुरुग्राम (हरियाणा)
- वर्ष 2015 में पेरिस में हुई कॉप-21 बैठक में भारत और फ्रांस के संयुक्त प्रयास से आई.एस.ए. की परिकल्पना की गई थी।
उद्देश्य
- वैश्विक ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिये विभिन्न हितधारकों (संप्रभु राष्ट्र, बहुपक्षीय संगठन, नीति-निर्माताओं और शोधकर्ताओं) को एक साझा मंच उपलब्ध कराना।
- सौर ऊर्जा अनुप्रयोगों को बढ़ावा देते हुए इससे संबंधित वैश्विक बाजार व्यवस्था का विकास करना।
- सतत् विकास की अवधारणा को बढ़ावा देना।
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सी.सी.टी.वी. बनाम निजता का अधिकार
चर्चा में क्यों?
हाल ही में, मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जी.आर. स्वामीनाथन ने उसी न्यायालय के एक अन्य न्यायाधीश द्वारा स्पा (मसाज एंड थेरेपी) सेंटर में सी.सी.टी.वी. उपकरण लगाने के आदेश को निजता के अधिकार के विपरीत माना है।
के. एस. पुट्टास्वामी मामला
- स्वामीनाथन ने ‘न्यायमूर्ति के. एस. पुट्टास्वामी मामले’ में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित बिंदुओं का हवाला देते हुए कहा कि संविधान का अनुच्छेद- 21 सभी को निजता के मौलिक अधिकार की गारंटी देता हैं।
- पुट्टास्वामी मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने सर्वसम्मत फैसले के माध्यम से यह घोषित किया था कि अनुच्छेद- 21 में गारंटीकृत जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार में निजता का अधिकार भी शामिल है।
उच्च न्यायलय का मत
- निजता के अधिकार को निहित और सहायक दोनों मूल्यों के रूप में देखा जाता है, जिसके तहत निजता प्रत्येक व्यक्ति की बुनियादी गरिमा व मूल्य के लिये महत्त्वपूर्ण होने के साथ-साथ हस्तक्षेप रहित जीवन जीने की क्षमता से है।
- उच्च न्यायलय का मानना हैं कि अनुच्छेद- 21 में गारंटीकृत निजता के अलग-अलग रूप होते हैं- इसमें शारीरिक स्वायत्तता का अधिकार, सूचनात्मक गोपनीयता का अधिकार और पसंद की गोपनीयता का अधिकार भी शामिल हैं। इस तरह किसी स्पा परिसर के अंदर सी.सी.टी.वी. उपकरण लगाना व्यक्ति की शारीरिक स्वायत्तता का हनन होगा।
ड्रोन के जरिये बेहतर प्रशासन की आश
चर्चा में क्यों?
हाल ही में, विभिन्न मंत्रालयों ने ड्रोन के अधिक प्रभावी उपयोग के लिये गृह मंत्रालय से अधिक से अधिक मानवरहित हवाई वाहनों (ड्रोन) की तैनाती का आग्रह किया है।
विभिन्न मंत्रालयों के तर्क
- रक्षा मंत्रालय ने युद्ध सहायता, दूरदराज के क्षेत्रों में संचार, जवाबी ड्रोन प्रतिक्रिया, सीमा क्षेत्रों में अवैध घुसपैठ व तस्करी की रोकथाम आदि के लिये ड्रोन की तैनाती की मांग की है।
- स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने दवाओं के वितरण, दूरस्थ या महामारी प्रभावित क्षेत्रों से नमूनों के संग्रहण और परीक्षण आदि के लिये ड्रोन उपयोग की मांग की है।
- रेल मंत्रालय ने आपदा प्रबंधन, दुर्घटना के बाद त्वरित प्रतिक्रिया, निरीक्षण व रखरखाव और परियोजना की निगरानी शुरू करने के लिये ड्रोन तैनाती का आग्रह किया है।
- पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और बिजली मंत्रालय ने परिसंपत्तियों एवं पारेषण लाइनों की वास्तविक समय पर निगरानी, चोरी रोकने, दृश्य निरीक्षण व रखरखाव, निर्माण योजना और प्रबंधन आदि के लिये ड्रोन उपयोग की मांग की है।
- पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने अवैध शिकार विरोधी कार्रवाई, वनों और वन्यजीवों की निगरानी, प्रदूषण आकलन तथा साक्ष्य जुटाने आदि में उपयोग के लिये ड्रोन तैनाती की मांग की है।
- सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने उच्च गुणवत्ता वाली वीडियोग्राफी और दुर्गम स्थानों पर हेलीकॉप्टर के स्थान पर ड्रोन के उपयोग के लिये इसकी तैनाती की मांग की है। मंत्रालयों का मानना है कि इससे प्रशासन को अधिक प्रभावी ढंग से लागू किया जा सकेगा।
महत्त्व
- ड्रोन राष्ट्रीय सुरक्षा, परिस्थितिजन्य विश्लेषण, अपराध नियंत्रण, वी.वी.आई.पी. सुरक्षा, कृषि, कानून प्रवर्तन और मानचित्रण तथा आपदा प्रबंधन आदि के लिये महत्त्वपूर्ण है।
- इसने अर्थव्यवस्था के लगभग हर क्षेत्र को लाभ पहुँचाया है। भारत को ड्रोन का वैश्विक केंद्र बनाने के लिये केंद्र सरकार ने उदारीकृत ड्रोन नियम 2021 से प्रौद्योगिकी के प्रभावी उपयोग को बढ़ाने का सुझाव दिया है।
गुलमर्ग व सोनमर्ग बना 'रणनीतिक क्षेत्र' के रूप में अधिसूचित
चर्चा में क्यों?
हाल ही में, जम्मू और कश्मीर सरकार ने गुलमर्ग व सोनमर्ग घाटी के लगभग 70 हेक्टेयर भूमि को ‘रणनीतिक क्षेत्र’ घोषित किया है। इससे सशस्त्र बलों के लिये इन भूमि पर नियंत्रण करने का मार्ग प्रशस्त हो गया हैं।
मुख्य बिंदु
- गुलमर्ग क्षेत्र बारामूला ज़िले में, जबकि सोनमर्ग क्षेत्र गांदरबल ज़िले में स्थित हैं।
- इस अधिग्रहण को जुलाई 2020 से भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास अधिनियम, (एल.ए.आर.आर.ए) 2013 के अंतर्गत लागू किया गया है।
रणनीतिक क्षेत्र को अधिसूचित करने का अधिकार
- जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल से भवन संचालन अधिनियम, 1988 और जम्मू-कश्मीर विकास अधिनियम, 1970 में संशोधन की मंजूरी के पश्चात सरकार सशस्त्र बलों द्वारा उपयोग के लिये ‘रणनीतिक क्षेत्रों’ को अधिसूचित कर सकती हैं और ‘विशेष व्यवस्था’ के माध्यम से निर्माण को विनियमित कर सकती हैं ।
- यह संशोधनों सशस्त्र बल को पारिस्थितिक रूप से नाजुक क्षेत्रों में भी बुनियादी ढाँचे का विकास करने की मंजूरी देता हैं। साथ ही, पर्यटन क्षेत्रों को रणनीतिक क्षेत्र आवंटन से स्थानीय लोगों के रोज़गार व आवास की समस्या आएगी।
ओरिएंटल डार्टर पक्षी या स्नेक बर्ड
चर्चा में क्यों?
हाल ही में, केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में 22 वर्षो के बाद ओरिएंटल डार्टर पक्षी या स्नेक बर्ड को देखा गया हैं।
ओरिएंटल डार्टर पक्षी
- यह दक्षिण एशिया का एक उष्णकटिबंधीय जलीय पक्षी हैं। इसकी गर्दन साँप की तरह लंबी और पतली होने के कारण इसे स्नेक बर्ड भी कहते हैं।
- झील, नदी, दलदल और जलाशयों सहित उथले अंतर्देशीय आर्द्रभूमि इसके आवास स्थल हैं। यह मुख्यतः भारत और दक्षिण एशियाई देशों में पाई जाती हैं।
- इसे अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आई.यू.सी.एन) की ‘निकट संकटग्रस्त’ सूची में शामिल किया गया है। यह वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची-IV में शामिल हैं।
एयरटेल पेमेंट्स बैंक : एक अनुसूचित बैंक
चर्चा में क्यों?
हाल ही में, एयरटेल पेमेंट्स बैंक लिमिटेड को अनुसूचित बैंक का दर्ज़ा प्रदान किया गया।
प्रमुख बिंदु
- भारतीय रिजर्व बैंक ने एयरटेल पेमेंट्स बैंक लिमिटेड को ‘भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934’ की दूसरी अनुसूची में शामिल किया है। अब यह अनुसूचित बैंक के रूप में कार्य करेगा।
- एयरटेल पेमेंट्स बैंक अब सरकार द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं में भाग लेने के अलावा केंद्र और राज्य सरकार दोनों के साथ व्यवसाय कर सकता है।
- यह अन्य अनुसूचित बैंकों के समान सरकार द्वारा जारी ‘प्रस्तावों के लिये अनुरोध (Request For Proposal)’ और प्राथमिक नीलामियों में हिस्सा ले सकता है।
भारत में बैंकिंग क्षेत्र
- भारत में बैंकों को वाणिज्यिक बैंकों और सहकारी बैंकों में वर्गीकृत किया गया है। वाणिज्यिक बैंकों में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (एस.सी.बी.) और गैर-अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक शामिल हैं।
- एस.सी.बी. में निजी, सार्वजनिक, विदेशी बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक शामिल हैं, जबकि सहकारी बैंक में शहरी और ग्रामीण सहकारी बैंक शामिल हैं।