शॉर्ट न्यूज़: 10 सितम्बर, 2022
रबी अभियान-2022
विशेष मातृत्व अवकाश
इन्कोवेक वैक्सीन
रबी अभियान-2022
चर्चा में क्यों
हाल ही में, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर, नई दिल्ली में रबी अभियान 2022-23 के लिये राष्ट्रीय कृषि सम्मलेन का उद्घाटन किया ।
प्रमुख बिंदु
- वर्ष 2020-21 की तुलना में 2021-22 में कृषि उत्पाद में 50 लाख टन तक वृद्धि की संभावना।
- जैविक और प्राकृतिक कृषि को प्रोत्साहन।
- वर्तमान में रसायनिक उर्वरकों के उपयोग के कारण मिट्टी की उत्पादकता में निरंतर ह्रास का अनुभव किया गया है।
- किसानों से डिजिटल कृषि माध्यमों से जुड़ने का आह्वान।
विशेष मातृत्व अवकाश
चर्चा में क्यों
हाल ही में, केंद्र सरकार ने केंद्रीय महिला कर्मचारियों को शिशु मृत्यु के मामले में विशेष मातृत्व अवकाश देने की घोषणा की है।
प्रमुख बिंदु
- कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) के अनुसार केंद्र सरकार ने मृत जन्म या जन्म लेने के कुछ दिनों के भीतर शिशु की मृत्यु होने की स्थिति में केंद्रीय महिला कर्मचारियों को 60 दिन का विशेष मातृत्व अवकाश देने का निर्णय लिया है।
- यह निर्णय बच्चे के मृत्यु के कारण मां के जीवन पर दूरगामी प्रभाव डालने वाले संभावित भावनात्मक आघात को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
- यदि किसी कर्मचारी ने पहले ही बच्चे की मृत्यु तक मातृत्व अवकाश का लाभ उठा लिया है, तो उस अवकाश को किसी अन्य प्रकार के अवकाश में परिवर्तित किया जा सकता है और 60 दिनों का विशेष मातृत्व अवकाश दिया जा सकता है।
शर्त
- इस अवकाश का लाभ दो से कम जीवित बच्चों वाली कर्मचारियों और केवल किसी अधिकृत अस्पताल में जन्म लेने वाले बच्चे के लिये स्वीकार्य होगा।
- सरकारी अस्पताल या केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना के तहत सूचीबद्ध निजी अस्पताल को अधिकृत अस्पताल माना गया है।
- गैर-सूचीबद्ध निजी अस्पताल में आपातकालीन प्रसव के मामले में आपातकालीन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य है।
- जन्म के समय या 28 सप्ताह के गर्भावस्था के बाद जीवन का कोई लक्षण प्रकट न होने को मृत जन्म (Stillbirth) के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।
- जन्म के तुरंत बाद बच्चे की मृत्यु की स्थिति को जन्म के 28 दिनों तक परिभाषित किया जा सकता है।
इन्कोवेक वैक्सीन
चर्चा में क्यों
हाल ही में, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (Central Drugs Standard Control Organization : CDSCO) ने 18+ आयु वर्ग के लिये इन्कोवेक वैक्सीन को आपात स्थिति में प्रतिबंधित उपयोग के लिये अनुमोदित किया है।
इन्कोवेक वैक्सीन के बारे में
- यह कोविड-19 के लिये एक पूर्व-संलयन स्थिर स्पाइक प्रोटीन के साथ चिंपैंज़ी एडेनोवायरस वेक्टरेड पुनः संयोजी प्रतिकृति-हीन वैक्सीन (ChAd36-SARS-CoV-S) है।
- इसका विकास भारत बायोटेक द्वारा वाशिंगटन विश्वविद्यालय सेंट लुइस के साथ साझेदारी में किया गया है।
- नाक के माध्यम (Intra-Nasal) से ली जाने वाली यह विश्व की पहली कोविड-19 वैक्सीन है। इसे 2.8 ℃ पर संरक्षित किया जा सकता है।
अन्य बिंदु
- उत्पाद विकास और नैदानिक परीक्षणों को भारत सरकार द्वारा जैव प्रौद्योगिकी विभाग के कोविड-19 सुरक्षा कार्यक्रम के माध्यम से वित्त पोषित किया गया था।
- यह वैक्सीन वैरिएंट-विशिष्ट टीकों के तेजी से विकास को सक्षम करेगा। यह बड़े पैमाने पर टीकाकरण के माध्यम से उभरते वेरिएंट से सुरक्षा में सहायक है।
- यह कम और मध्यम आय वाले देशों में लागत प्रभावी होने के साथ ही लाभकारी भी है। यह कदम कोविड-19 महामारी के विरुद्ध भारत की सामूहिक प्रयास को मजबूती प्रदान करेगा।