शॉर्ट न्यूज़: 11 फ़रवरी, 2022
तटीय सुभेद्यता सूचकांक
राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली
आईडिया डाटाबेस
चिनार कॉर्प्स
तटीय सुभेद्यता सूचकांक
चर्चा में क्यों?
भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (Indian National Centre for Ocean Information Services- INCOIS) ने राज्यों के स्तर पर पूरे भारतीय तट के लिये तटीय सुभेद्यता का मूल्यांकन किया है।
तटीय सुभेद्यता सूचकांक
- आई.एन.सी.ओ.आई.एस. ने तटीय सुभेद्यता सूचकांक तैयार करने के लिये 1:1,00,000 पैमानों पर 156 मानचित्रों वाला एक एटलस बनाया है।
- ये मानचित्र भारतीय तट के लिये भौतिक और भू-वैज्ञानिक मानदंडों के आधार पर भविष्य में समुद्र स्तर में वृद्धि के कारण तटीय जोखिमों का निर्धारण करते हैं।
- आई.एन.सी.ओ.आई.एस. निम्नलिखित मानदंडों के आधार पर तटीय सुभेद्यता सूचकांक तैयार करता है-
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- ज्वारीय रेंज
- लहर की ऊँचाई
- तटीय ढलान
- तटीय ऊँचाई
- तटरेखा परिवर्तन दर
- भू-आकृति विज्ञान
- सापेक्ष समुद्र-स्तर परिवर्तन की ऐतिहासिक दर
- तटीय आपदा प्रबंधन और लचीले तटों के निर्माण के लिये तटीय सुभेद्यता का मूल्यांकन उपयोगी हो सकता है।
- विदित है कि भारत में 6100 किमी. की मुख्य भूमि की तटरेखा और भारतीय द्वीपों की 1197 किमी. तटरेखा के साथ कुल 7516.6 किमी. लंबी तटरेखा है।
तटीय बहु-खतरा सुभेद्यता मानचित्रण
- उपर्युक्त मानदंडों का उपयोग करते हुए एक तटीय बहु-खतरा सुभेद्यता मानचित्रण (Multi-Hazard Vulnerability Mapping- MHVM) की भी शुरुआत हुई थी।
- इन मानदंडों को समग्र खतरे वाले क्षेत्रों के मानचित्रण के लिये संश्लेषित किया गया था, जो अत्यधिक बाढ़ की घटनाओं के कारण तटीय निचले इलाकों के साथ जलमग्न हो सकते हैं।
- यह मानचित्रण 1:25000 के पैमाने पर भारत की संपूर्ण मुख्य भूमि के लिये किया गया था।
भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र
- यह वर्ष 1999 में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधीन स्थापित एक स्वायत्त निकाय है। इसका मुख्यालय हैदराबाद में स्थित है।
- यह महासागर मॉडलिंग, अवलोकन, गणना सुविधाओं और समुद्री डाटा केंद्र के माध्यम से संभावित मत्स्य पालन क्षेत्र, महासागरीय पूर्वानुमान, प्रारंभिक सुनामी एवं तूफान चेतावनी, उच्च लहर चेतावनी इत्यादि के संदर्भ में सूचना जारी करता है।
राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली
चर्चा में क्यों?
हाल ही में, जम्मू और कश्मीर ‘राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली’ (National Single Window System- NSWS) में शामिल होने वाला पहला केंद्रशासित प्रदेश बन गया है। यह ईज ऑफ डूइंग बिजनेस यानी व्यापार में सुगमता की दिशा में लिया गया एक प्रमुख कदम है।
प्रमुख बिंदु
- एन.एस.डब्लू.एस. एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो निवेशकों को उनकी व्यावसायिक आवश्यकताओं की पहचान करने तथा अनुमोदन हेतु आवेदन करने लिये मार्गदर्शक के रूप में कार्य करता है। इस प्लेटफॉर्म की शुरुआत वर्ष 2021 में की गई थी।
- यह पोर्टल भारतीय औद्योगिक भूमि बैंक (आई.आई.एल.बी.) से जुड़ा हुआ है, जो जम्मू-कश्मीर के लगभग 45 औद्योगिक पार्कों की मेज़बानी करता है। इससे निवेशकों को जम्मू-कश्मीर में उपलब्ध भू-खंडों को खोजने में मदद मिलेगी।
- यह निवेशकों को सूचना एकत्र करने और विभिन्न हितधारकों से मंजूरी प्राप्त करने के लिये कई प्लेटफॉर्म अथवा कार्यालयों का दौरा करने की आवश्यकता को समाप्त करता है।
- इस प्लेटफॉर्म पर कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय सहित बीस मंत्रालयों अथवा विभागों को एकीकृत किया गया है।
- वर्तमान में इस पोर्टल के माध्यम से 142 केंद्रीय स्वीकृतियों को प्राप्त करने हेतु आवेदन किये जा सकते हैं।
आईडिया डाटाबेस
चर्चा में क्यों?
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने किसान डाटाबेस को केंद्र में रखते हुए विभिन्न कृषि सेवाओं को निर्मित करने का कार्य शुरू किया है।
प्रमुख बिंदु
- इस संदर्भ में मंत्रालय ‘भारतीय कृषि डिजिटल पारितंत्र’ (India Digital Ecosystem of Agriculture- IDEA) को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है, जो किसान डाटाबेस के निर्माण के लिये एक रूपरेखा तैयार करता है।
- इस दिशा में पहले ही मंत्रालय ने सरकार के विभिन्न विभागों तथा स्तरों पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध डाटा का उपयोग कर तथा उन्हें डिजिटल भूमि रिकॉर्ड से जोड़कर किसानों के एक केंद्रीय डाटाबेस के निर्माण का कार्य शुरू कर दिया है।
- प्रस्तावित किसानों के डाटाबेस में प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत पंजीकृत किसान ही शामिल होंगे।
- यह किसानों की आय बढ़ाने और समग्र रूप से कृषि क्षेत्र की दक्षता में सुधार करने की दिशा में प्रभावी योजना बनाने हेतु सरकार की मदद करेगा।
चिनार कॉर्प्स
चर्चा में क्यों?
हाल ही में, मेटा (फेसबुक) कंपनी ने चिनार कॉर्प्स के फेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट को सस्पेंड कर दिया था, किंतु कंपनी ने अकाउंट को सस्पेंड किये जाने का कोई कारण नहीं बताया।
प्रमुख बिंदु
- चिनार कॉर्प्स (Chinar Corps) द्वारा कश्मीर घाटी में सैन्य अभियानों की जानकारी देने के लिये फेसबुक और इंस्टाग्राम के आधिकारिक पेज को बनाया गया था।
- इस पेज का मुख्य उद्देश्य सैन्य अभियानों के विरुद्ध सोशल मीडिया द्वारा फैलाई जाने वाली फेक न्यूज़ को रोकना है। साथ ही, जम्मू-कश्मीर की वास्तविक स्थिति की जानकारी को जनसाधारण तक पहुँचाना है।
- चिनार कॉर्प्स के इंस्टाग्राम पेज पर लगभग 43,400 जबकि फेसबुक पेज पर 24,300 से ज्यादा फॉलोअर्स हैं।
- विदित है कि इससे पूर्व भी सेना की इस 15वीं कोर के आधिकारिक ट्विटर हैंडल को सस्पेंड कर दिया गया था। हालाँकि, सेना द्वारा विरोध किये जाने पर इसे पुनः शुरू कर दिया गया था।
चिनार कॉर्प्स क्या है?
- इसे ‘15 कॉर्प्स’ या ‘XV कॉर्प्स’ के रूप में भी जाना जाता है।
- यह भारतीय सेना की एक कोर है, जो कश्मीर घाटी में सैन्य अभियानों के लिये उत्तरदायी है। अब तक इसने पाकिस्तान एवं चीन के साथ होने वाले लगभग सभी सैन्य संघर्षों में भाग लिया है।