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शॉर्ट न्यूज़: 13 दिसंबर, 2021

शॉर्ट न्यूज़: 13 दिसंबर, 2021


ग्लोबल गेटवे

सुशासन कार्यप्रणालियों की प्रतिकृति


ग्लोबल गेटवे

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, यूरोपीय आयोग (The European Commission) ने वैश्विक स्तर पर बुनियादी ढांचे, डिजिटल और जलवायु परियोजनाओं में वर्ष 2027 तक 300 बिलियन यूरो (340 बिलियन डॉलर) निवेश करने की योजना का अनावरण किया है। 

ग्लोबल गेटवे

  • इस योजना को ‘ग्लोबल गेटवे’ नाम दिया गया है। यूरोपीय संघ की योजना डिजिटल, परिवहन एवं ऊर्जा नेटवर्क को मजबूत करने के लिये फाइबर ऑप्टिक केबल, स्वच्छ परिवहन गलियारे और स्वच्छ बिजली पारेषण लाइनों जैसे भौतिक बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित करना है।
  • यूरोपीय संघ यह सुनिश्चित करेगा कि स्थानीय समुदाय ग्लोबल गेटवे के तहत बुनियादी ढांचा परियोजनाओं से लाभान्वित हों और निवेश कम जोखिम भरा हो।
  • इसको कथित तौर पर चीन के बेल्ट एंड रोड पहल के विकल्प के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। यूरोपीय आयोग के अनुसार वह देशों को अनुदान देने पर अधिक जोर देगा, जबकि चीन क़र्ज़ देने पर अधिक जोर देता है। 

उद्देश्य 

  • इस योजना का उद्देश्य यूरोप की आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करना, यूरोपीय संघ के व्यापार को बढ़ावा देना और जलवायु परिवर्तन से लड़ने में मदद करना है।
  • इसके अतिरिक्त डिजिटलीकरण, स्वास्थ्य, जलवायु और ऊर्जा व परिवहन क्षेत्रों के साथ-साथ शिक्षा और अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करना भी इसके उद्देशों में शामिल है।

सुशासन कार्यप्रणालियों की प्रतिकृति

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, भुवनेश्वर में 'सुशासन कार्यप्रणालियों की प्रतिकृति' विषय पर एक क्षेत्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया।

उद्देश्य 

  • इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय और राज्य स्तर के लोक प्रशासन संगठनों को एक ही मंच पर लाना है ताकि लोक प्रशासन में अनुभवों और नवाचारों को साझा किया जा सके।
  • साथ ही, इस कार्यक्रम का उद्देश्य जीवन की गुणवत्ता, ई-गवर्नेंस और डिजिटल गवर्नेंस आदि में सुधार के लिए भविष्य के सार्वजनिक समाधानों को अनुकूल करना  है। यह सम्मेलन दो दिवसीय कार्यक्रम है। 

कार्यक्रम में भाग लेने वाले राज्य

  • भारत के पूर्वोत्तर और पूर्वी क्षेत्र के 14 राज्य इस कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं। इनमें अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, मणिपुर, सिक्किम के साथ-साथ नागालैंड और मिजोरम शामिल हैं।
  • इसके अतिरिक्त, त्रिपुरा, झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और ओडिशा भी इस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं।

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