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शॉर्ट न्यूज़: 15 दिसंबर, 2021

शॉर्ट न्यूज़: 15 दिसंबर, 2021


इनफिनिटी फोरम

जायकोव-डी वैक्सीन

गैर-जीवाश्म ईंधन से स्थापित विद्युत क्षमता

कामराज योजना

सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची


इनफिनिटी फोरम

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, प्रधानमंत्री ने फिन-टेक पर पहले विचारशील नेतृत्वकारी मंच ‘इनफिनिटी फोरम’ का उद्घाटन किया। 

महत्त्वपूर्ण बिंदु 

  • इस द्वि-दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी तथा ब्लूमबर्ग के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण द्वारा किया जा रहा है।
  • इस फोरम में 70 से अधिक देश भाग ले रहे हैं तथा इंडोनीशिया, दक्षिण अफ्रीका व यू.के. इस आयोजन के साझीदार देश हैं।
  • यह फोरम फिन-टेक उद्योग में प्रौद्योगिकी और नवाचार का उपयोग कर समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिये नीति, व्यापार व प्रौद्योगिकी क्षेत्र के वैश्विक प्रतिभाओं को एक साथ लाने के लिये मंच प्रदान करेगा।

विषय 

  • फोरम का एजेंडा 'बियॉन्ड' थीम पर केंद्रित है, जिसमें विभिन्न उप-विषय शामिल हैं-
    • फिन-टेक बियॉन्ड बाऊंड्रीज- वित्तीय समावेश को प्रोत्साहित करने के लिये सरकार व व्यापार संस्थायें द्वारा भौगोलिक सीमाओं से परे ध्यान केंद्रित करना।
    • फिन-टेक बियॉन्ड फाइनेंस- सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये अंतरिक्ष, हरित तथा कृषि प्रौद्योगिकी जैसे उभरते क्षेत्रों में एकरूपता लाने का प्रयास करना।
    • फिन-टेक बियॉन्ड नेक्सट- क्वॉन्टम कंप्यूटिंग, भावी फिन-टेक उद्योग तथा नए अवसरों को प्रोत्साहित करना।

    जायकोव-डी वैक्सीन

    चर्चा में क्यों?

    तीन-खुराक वाली जायकोव-डी (ZyCoV-D) वैक्सीन को लॉन्च करने के लिये सात राज्यों को उच्च-प्राथमिकता वाले ज़िलों की पहचान करने के लिये कहा गया है।

    महत्त्वपूर्ण बिंदु 

    • बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, पंजाब, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश तथा पश्चिम बंगाल इसके लिये उन ज़िलों की पहचान करेंगे, जहाँ किसी भी वैक्सीन की पहली खुराक प्राप्त करने वाले लोगों की संख्या न्यूनतम है।
    • जायकोव-डी के लिये राष्ट्रीय प्रशिक्षण पूर्ण कर लिया गया है। साथ ही, चयनित राज्यों को फार्माजेट इंजेक्टर के आधार पर योजना बनाने व प्रशिक्षण के लिये कहा गया है।
    • कुछ टीकों के विपरीत, जायकोव-डी वैक्सीन देने के लिये एक विशेष एप्लीकेटर की आवश्यकता होती है। ‘एप्लीकेटर’ शरीर के किसी भाग में दवा लगाने के लिये प्रयुक्त किया जाने वाला एक यंत्र है।
    • विदित है कि 'हर घर दस्तक' कोविड-19 टीकाकरण के लिये एक राष्ट्रव्यापी अभियान है।

    गैर-जीवाश्म ईंधन से स्थापित विद्युत क्षमता

    चर्चा में क्यों?

    हाल ही में, भारत ने गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से ‘स्थापित विद्युत क्षमता’ के 40% का महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य प्राप्त कर लिया है।

    महत्त्वपूर्ण बिंदु

    • वर्तमान में, देश में कुल स्थापित गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित विद्युत क्षमता 156.83 गीगावाट है। भारत ने यह लक्ष्य फ्रांस में आयोजित कॉप-21 (COP-21) सम्मेलन में निर्धारित समय से पहले ही प्राप्त कर लिया है। भारत ने ‘राष्ट्रीय रूप से निर्धारित योगदान’ (Nationally Detetmined Contribution) में इसके लिये प्रतिबद्धता व्यक्त की थी।
    • ग्लासगो में संपन्न कॉप-26 में भारत ने वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से 500 गीगावाट स्थापित विद्युत क्षमता प्राप्त करने के लिये प्रतिबद्धता व्यक्त की है।

    राष्ट्रीय रूप से निर्धारित योगदान

    • इसके हिस्से के रूप में भारत के तीन मात्रात्मक जलवायु परिवर्तन लक्ष्य हैं :
      • वर्ष 2005 के स्तर से 2030 तक जी.डी.पी. की उत्सर्जन तीव्रता में 33-35% की कमी लाना। 
      • गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा संसाधनों से लगभग 40% संचयी स्थापित विद्युत क्षमता को वर्ष 2030 तक प्राप्त करना।
      • वर्ष 2030 तक अतिरिक्त वन और वृक्षावरण से 2.5 से 3 बिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर का अतिरिक्त कार्बन सिंक बनाना।

      कामराज योजना

      चर्चा में क्यों?

      हाल ही में, आंध्र प्रदेश सरकार ने कैबिनेट में फेरबदल की घोषणा की है, जिसे ‘कामराज योजना’ कहा जा रहा है।

      कामराज योजना

      वर्ष 1963 में तत्कालीन मद्रास राज्य के मुख्यमंत्री के. कामराज ने प्रधानमंत्री नेहरु को सुझाव दिया कि सरकार (कांग्रेस) के सभी वरिष्ठ मंत्रियों को इस्तीफा देकर पार्टी (कांग्रेस) को पुनर्जीवित व मज़बूत करने के लिये कार्य करना चाहिये। इस प्रस्ताव को नेहरु जी ने लागू कर दिया।

      उद्देश्य 

      • इससे वरिष्ठ नेतृत्व के ज़मीनी स्तर पर कार्य करने से उन्हें विभिन्न क्षेत्रों और आयु समूह के लोगों के साथ बेहतर संवाद स्थापित करने में मदद मिलेगी।
      • इस रणनीतिक कदम से सरकार को अपनी नीतियों तथा कार्यक्रमों को जनमानस तक पहुँचाने में मदद मिलती है। साथ ही, कार्यकाल के मध्य निर्वाचन क्षेत्र में जाने से पार्टी को भी मज़बूती मिलती है।
      • इसके तहत व्यापक फेरबदल युवा एवं महत्त्वाकांक्षी नेतृत्वकर्ताओं के लिये नए अवसर पैदा कर सकता है। हालाँकि, इस बदलाव से वरिष्ठों में असंतोष भी पैदा हो सकता है।

      सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची

      चर्चा में क्यों?

      हाल ही में, रक्षा मंत्रालय ने ‘सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची’ (Positive Indigenisation List) या ‘नकारात्मक आयात सूची’ (Negative Import List) में शामिल कुछ उपकरणों व प्रणालियों के आयात पर लगे प्रतिबंध में छूट देने का प्रावधान किया है।

      प्रमुख बिंदु

      • आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिये सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची की शुरुआत अगस्त 2020 में की गयी थी।
      • पहली सूची में 101 रक्षा उपकरणों व प्रणालियों को शामिल किया गया था जिसमें उत्तरोतर वृद्धि की गई है। 
      • रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया (Defence Acquisition Procedure), 2020 के प्रावधानों के तहत इस सूची में शामिल उपकरणों व प्रणालियों की खरीद स्वदेशी स्रोतों से की जाती है।
      • चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सी.डी.एस.) की अध्यक्षता में गठित ‘रक्षा स्वदेशीकरण समिति’ (डी.आई.सी.) इस सूची की समीक्षा करती है।

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