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शॉर्ट न्यूज़: 21 जनवरी, 2022

शॉर्ट न्यूज़: 21 जनवरी, 2022


अरोमा मिशन तथा बैंगनी क्रांति

कोविड के लिये नई दवाओं को मंजूरी

कॉमनवेल्थ वॉर ग्रेव्स कमीशन के  5 नए स्मारक 


अरोमा मिशन तथा बैंगनी क्रांति

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, पहला राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस (16 जनवरी) मनाया गया। इसमें अरोमा मिशन के अंतर्गत 'बैंगनी क्रांति' की सफलता के संदर्भ में चर्चा की गई।

अरोमा मिशन

  • अरोमा मिशन की शुरुआत वर्ष 2017 में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद् के सहयोग से की थी।
  • यह मिशन पूरे देश से स्टार्टअप्स और कृषकों को आकर्षित कर रहा है। इसे देश के 46 आकांक्षी ज़िलों में संचालित किया गया। 
  • इसके पहले चरण में 44,000 से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया गया और इससे किसानों को अत्यधिक लाभ हुआ।
  • मिशन के दूसरे चरण में देश के 75,000 से अधिक कृषक परिवारों को लाभान्वित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

बैंगनी क्रांति

  • इसके तहत सी.एस.आई.आर. ने जम्मू और कश्मीर के कई ज़िलों में खेती के लिये अपनी प्रयोगशाला ‘इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटिव’ के माध्यम से उच्च मूल्‍य व अधिक तेल-धारक क्षमता वाली लैवेंडर फसल की खेती शुरू की।
  • लैवेंडर की खेती से राज्य में एक क्रांति आरंभ हुई, जिसमें अधिकाधिक किसानों ने भाग लिया। परिणामस्वरुप जम्मू और कश्मीर में 'स्टार्टअप' के रूप में 'बैंगनी क्रांति' का जन्म हुआ।

कोविड के लिये नई दवाओं को मंजूरी

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 के उपचार हेतु दो दवाओं; ‘बारिसिटिनिब’ और ‘सोट्रोविमैब’ के उपयोग की सिफारिश की है।

बारिसिटिनिब दवा

  • इसका उपयोग गठिया या संधिशोथ (Rheumatoid Arthritis) के उपचार में किया जाता है। इसका प्रयोग कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स के संयोजन से करने पर वयस्क गंभीर कोविड-19 रोगियों को लाभ मिल सकता है।
  • इसका उपयोग अत्यधिक सूजन (Hyper Inflammation) में निवारक के रूप में किया जाता है। रोगियों में हाइपर इंफ्लेमेशन सामान्यतः कोविड-19 लक्षणों की शुरुआत के 7 से 14 दिनों के बीच होता है। 

सोट्रोविमैब दवा

  • इसे ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन कंपनी ने यू.एस. सहयोजक वीर बायोटेक्नोलॉजी इंक के सहयोग से विकसित किया है। यह एक मोनोक्लोनल एंटीबॉडी दवा है। 
  • इसकी सिफारिश उन रोगियों के लिये की गई है, जो अधिक आयु के हैं अथवा निम्न प्रतिरक्षा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और मोटापा जैसी गंभीर समस्याओं से पीड़ित हैं तथा जिनका टीकाकरण अभी भी नहीं हुआ है।

कॉमनवेल्थ वॉर ग्रेव्स कमीशन के  5 नए स्मारक 

चर्चा में क्यों?

यूनाइटेड किंगडम स्थित ‘कॉमनवेल्थ वॉर ग्रेव्स कमीशन’ (CWGC) ने पाँच नए स्थलों को सूचीबद्ध किया है। ये स्थल प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध से संबंधित हैं।

कॉमनवेल्थ वॉर ग्रेव्स कमीशन 

यह छह स्वतंत्र सदस्य राज्यों का एक अंतर-सरकारी संगठन है। इसका मुख्य कार्य प्रथम एवं द्वितीय विश्व युद्धों में मारे गए राष्ट्रमंडल राष्ट्र सैन्य सेवा के सदस्यों की कब्रों और स्मारकों को चिह्नित करना और उन्हें संरक्षित करना है

सूचीबद्ध 5 नए स्थल

  • एक टेनिस कोर्ट के साथ कब्रिस्तान- यह नागालैंड की राजधानी कोहिमा में स्थित टेनिस कोर्ट के डिज़ाइन वाला एक कब्रिस्तान है। इसे द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान कोहिमा गैरीसन हिल के युद्ध में मारे गए सैनिकों को समर्पित किया गया है। 
  • नेत्र अस्पताल- यह गीज़ा (मिस्र) के एक नेत्र अस्पताल की प्रयोगशाला है, जिसे प्रथम विश्व युद्ध के दौरान मारे गए लोगों की याद में बनाया गया था। 
  • ज़िवी क्रेटर और लिचफील्ड क्रेटर- यह फ्रांस के डी. कैलाइस क्षेत्र में स्थित दो छोटे कब्रिस्तान हैं। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान इनमें बहुत से लोगों को दफनाया गया था।
  • नो मैन्स लैंड में कब्रिस्तान- साइप्रस में ‘निकोसिया (वेन्स कीप) कब्रिस्तान’ या ‘नो मैन्स लैंड में कब्रिस्तान’ में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान मारे गए लोगों को दफनाया गया था।

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