शॉर्ट न्यूज़: 21 मई, 2022
अनंग ताल
परिसीमन आयोग की रिपोर्ट
दिल्ली स्टार्टअप नीति
रामगढ विषधारी टाइगर रिज़र्व
अनंग ताल
चर्चा में क्यों
हाल ही में, केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने दिल्ली विकास प्राधिकरण से दक्षिणी दिल्ली के महरौली में अवस्थित अनंग ताल के जीर्णोद्धार करने का निर्देश दिया है।
प्रमुख बिंदु
- इस ऐतिहासिक झील का निर्माण तोमर शासक अनंग पाल द्वितीय द्वारा 1,052 ई. करवाया गया।
- यह झील जोग माया मंदिर के उत्तर में और कुतुब परिसर के उत्तर-पश्चिम में अवस्थित है।
- अलाउद्दीन खिलजी ने 1296-1316 ई. के दौरान कुतुबमीनार के निर्माण एवं कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद के विस्तार में इस तालाब के जल का उपयोग किया था।
परिसीमन आयोग की रिपोर्ट
चर्चा में क्यों
हाल ही में, जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग ने परिसीमन आदेश को अंतिम रूप दिया।
प्रमुख बिंदु
- भारत सरकार ने परिसीमन अधिनियम, 2002 के माध्यम से सर्वोच्च न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में जम्मू और कश्मीर परिसीमन आयोग का गठन किया था।
- इसका उद्देश्य विधानसभा और संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन करना था। परिसीमन वर्ष 2011 की जनगणना पर आधारित है।
- परिसीमन आयोग ने विधानसभा के लिये सात अतिरिक्त निर्वाचन क्षेत्रों की सिफारिश की थी, जिससे जम्मू संभाग में सीटों की संख्या 37 से 43 और कश्मीर घाटी में यह संख्या 46 से 47 हो गई है। इस प्रकार निर्वाचन क्षेत्रों की कुल संख्या 83 से 90 हो गयी है।
परिसीमन आदेश के प्रमुख बिंदु
- संविधान के अनुच्छेद 330 व 332 तथा जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के अनुसार परिसीमन आयोग ने अनुसूचित जनजाति (STs) के लिये 9 एवं अनुसूचित जाति (SCs) के लिये 7 विधान सभा क्षेत्र आरक्षित किये हैं।
- एस.टी. के लिये पहली बार सीटें आरक्षित की गईं हैं। उल्लेखनीय है कि तत्कालीन जम्मू और कश्मीर राज्य के संविधान ने विधान सभा में एस.टी. के लिये सीटों के आरक्षण का प्रावधान नहीं किया था।
- यहाँ कुल पांच संसदीय क्षेत्र हैं और पहली बार सभी में समान संख्या में विधान सभा क्षेत्र (18) होंगे। आयोग ने जम्मू और कश्मीर क्षेत्र को एक एकल केंद्र शासित प्रदेश के रूप में माना है।
- सभी विधानसभा क्षेत्र संबंधित जिले की सीमा के भीतर रहेंगे। आयोग ने सभी 20 जिलों को तीन व्यापक श्रेणियों में वर्गीकृत किया-
- ए- मुख्य रूप से पहाड़ी और कठिन क्षेत्रों वाले जिले
- बी- पहाड़ी और समतल क्षेत्रों वाले जिले
- सी- मुख्य रूप से समतल क्षेत्रों वाले जिले
परिसीमन आयोग की केंद्र सरकार से अन्य सिफारिशें
- विधानसभा में कश्मीरी प्रवासियों के समुदाय से कम से कम दो सदस्यों (उनमें से एक महिला होनी चाहिये) का प्रावधान, जिनको पुडुचेरी की विधान सभा के मनोनीत सदस्यों के समान शक्ति दी जा सकती है।
- केंद्र सरकार पाकिस्तान अधिकृत जम्मू और कश्मीर से विस्थापित व्यक्तियों के प्रतिनिधियों के नामांकन के माध्यम से विधान सभा में कुछ प्रतिनिधित्व देने पर विचार कर सकती है।
दिल्ली स्टार्टअप नीति
चर्चा में क्यों
हाल ही में, दिल्ली सरकार ने स्टार्टअप उद्यमकर्त्ताओं को बढ़ावा देने के लिये ‘स्टार्टअप नीति’ को मंजूरी दी है। इससे दिल्ली को एक अंतरराष्ट्रीय स्टार्टअप हब में बदला जा सकेगा।
स्टार्टअप नीति
- इस नीति को ‘संवाद एवं विकास आयोग’ (DDC) ने तैयार किया है। यह नीति दिल्ली के बजट वर्ष 2022-23 से जुड़ी हुई है, जो वर्ष 2027 तक 20 लाख नौकरियों के सृजन पर केंद्रित है।
- नीति के क्रियान्वयन के लिये वर्ष 2022-23 के बजट में 50 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है।
- स्टार्टअप नीति की निगरानी के लिये दिल्ली के वित्त मंत्री की अध्यक्षता में एक निगरानी समिति गठित की जाएगी।
- साथ ही, एक 20 सदस्यीय टास्क फोर्स का भी गठन किया जाएगा जो स्टार्टअप के पं जीकरण एवं अन्य गतिविधियों में मदद करेगा।
नीति के अंतर्गत पहल
- इस नीति के तहत स्टार्टअप शुरू करने के लिये वित्तीय और गैर-वित्तीय प्रोत्साहन देने, गिरवी मुक्त एवं ब्याज मुक्त ऋण (Collateral-free and Interest-free Loans) प्रदान करने तथा विशेषज्ञों, अधिवक्ताओं व चार्टर्ड एकाउंटेंट से नि:शुल्क परामर्श जैसे उपाय किये जाएंगें।
- दिल्ली सरकार स्टार्टअप के ऑफिस लीज के 50% तक या वेतन के एक निश्चित हिस्से का भुगतान करेगी।
- साथ ही, पेटेंट, कॉपीराइट और ट्रेडमार्क के आवेदन पर आने वाली लागत की प्रतिपूर्ति भी की जाएगी।
- दिल्ली सरकार कॉलेज स्तर पर उद्यमिता कक्षाएँ और एक ‘बिजनेस ब्लास्टर्स’ कार्यक्रम भी प्रारंभ करेगी।
बिजनेस ब्लास्टर्स
- बिजनेस ब्लास्टर्स एक स्टार्टअप कार्यक्रम है, जहां 11वीं और 12वीं के छात्र बिजनेस आइडिया पेश करते हैं। इसको आकार देने में सरकार उनकी मदद करती है।
- स्टार्टअप्स पर कार्य करने वाले छात्र दिल्ली के सरकारी कॉलेजों में पढ़ते हुए अपने कारोबार पर काम करने के लिये दो वर्ष तक का अवकाश ले सकेंगे।
उद्देश्य
- इस नीति का उद्देश्य दिल्ली को ‘वैश्विक नवाचार केंद्र और वर्ष 2030 तक स्टार्टअप्स का सबसे पसंदीदा गंतव्य’ बनाना।
- वर्ष 2030 तक 15,000 स्टार्टअप को प्रोत्साहित करना, सुविधा प्रदान करना और समर्थन करना।
- उद्यमशीलता की भावना को बढ़ाने के साथ-साथ रोजगार के नए अवसरों का सृजन करना।
- एक मजबूत समर्थन तंत्र के माध्यम से नवाचार आधारित अर्थव्यवस्था के लिये पारिस्थितिकी तंत्र को सक्षम बनाना।
रामगढ विषधारी टाइगर रिज़र्व
चर्चा में क्यों
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव के अनुसार 16 मई, 2022 को रामगढ विषधारी को भारत के 52वें टाइगर रिज़र्व के रूप में अधिसूचित किया गया।
अवस्थिति
- रामगढ विषधारी टाइगर रिज़र्व राजस्थान में स्थित है, जो मुख्यतः बूंदी ज़िले के साथ-साथ भीलवाड़ा जिले में भी विस्तृत है।
- इस टाइगर रिज़र्व में भारतीय भेड़िया, तेंदुआ, धारीदार लकडबग्घा, भालू, सुनहरे सियार, चिंकारा, नीलगाय और लोमड़ी जैसे जंगली जानवर पाए जाते हैं।
- यह राजस्थान का चौथा और क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान का दूसरा बड़ा टाइगर रिजर्व हो गया है।
- राजस्थान के अन्य तीन टाइगर रिज़र्व इस प्रकार हैं-
- सरिस्का टाइगर रिज़र्व
- रणथम्भोर टाइगर रिज़र्व
- मुकुन्दरा टाइगर रिज़र्व
- इसके उत्तर-पूर्व में रणथंभौर टाइगर रिजर्व और दक्षिण में मुकुंदरा टाइगर रिजर्व है। यह दोनों को जोड़ने वाला एक प्रमुख गलियारा होने के साथ-साथ रणथंभौर का बफर जोन भी होगा।
- उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) द्वारा वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के अंतर्गत रामगढ़ विषधारी वन्यजीव अभयारण्य व निकटवर्ती क्षेत्रों को टाइगर रिज़र्व बनाए जाने की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई थी।
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA)
- भारत में प्रोजेक्ट टाइगर और टाइगर रिज़र्व के प्रबंधन को पुनर्गठित करने के लिये गठित टाइगर टास्क फ़ोर्स की सिफारिश पर वर्ष 2005 में एन.टी.सी.ए. का गठन किया गया।
- वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत गठित यह एक सांविधिक निकाय है, जो पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अंतर्गत आता है।
- यह टाइगर संरक्षण में लगे व्यक्तियों को स्वयं को सुरक्षित रखने हेतु प्रशिक्षण प्रदान करता है। इसके अनुसार वर्ष 2019 में भारत में कुल 2967 बाघ थे।
महत्त्वपूर्ण तथ्य
- विश्व के कुल बाघों का 80% भारत में।
- भारत में सर्वाधिक बाघ (वर्ष 2019)-
- मध्यप्रदेश (526)
- कर्नाटक (524)
- भारत में सर्वाधिक टाइगर रिज़र्व- मध्यप्रदेश (6)
- 51वाँ- श्रीविल्लीपुथुर मेगामलाई (तमिलनाडु)
- 52वाँ- रामगढ विषधारी (राजस्थान)
- 53वाँ (प्रस्तावित)- गुरु घासीदास (छत्तीसगढ़)
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