शॉर्ट न्यूज़: 23 दिसंबर, 2021
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर
अरुणाचल प्रदेश में चकमा-हाजोंग जनगणना
एशिया पॉवर इंडेक्स 2021
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर
चर्चा में क्यों?
13 दिसंबर, 2021 को प्रधानमंत्री ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- इस कॉरिडोर के माध्यम से वाराणसी के प्राचीन काशी विश्वनाथ मंदिर को गंगा घाटों से जोड़ा गया है। इसका निर्माण 5,000 हेक्टेयर क्षेत्र में किया गया है। इसी के साथ 23 नवनिर्मित इमारतों, जैसे- वैदिक केंद्र, मुमुक्षु भवन, शहर संग्रहालय, फूड कोर्ट आदि का भी उद्घाटन किया गया है।
- आध्यात्मिक केंद्र की खोई हुई महिमा को बहाल करने के उद्देश्य से, मार्च 2019 में प्रधानमंत्री ने इस परियोजना की शुरुआत की थी।
- ‘काशी विश्वनाथ मंदिर’ भगवान शिव को समर्पित बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इस मंदिर की वर्तमान संरचना को 1780 ई. में इंदौर की रानी अहिल्या बाई होल्कर द्वारा बनवाया गया था। मंदिर में प्रतिष्ठित 15.5 मीटर ऊँचे सोने के शिखर व गुंबद को वर्ष 1839 में पंजाब के शासक रणजीत सिंह द्वारा दान में दिया गया था।
अरुणाचल प्रदेश में चकमा-हाजोंग जनगणना
चर्चा में क्यों?
हाल ही में, अरुणाचल प्रदेश में चकमा और हाजोंग जनजातियों की ‘नस्लीय जनगणना’ (Racial Profiling) को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय में एक शिकायत दर्ज़ की गई है।
चकमा व हाजोंग जनजाति
- चकमा मंगोलाइड प्रजाति की जनजाति है, जो भारत में मुख्यत: अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा और मिजोरम में पाए जाते है। ये ‘चंगमा भजच’ या ‘चंगमा होधा’ बोलियाँ (बंग्ला भाषा की बोलियाँ) बोलते है।
- हाजोंग भारतीय उपमहाद्वीप की मूल आदिवासी जनजाति है, जो मुख्यतः असम, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय में रहते है। इस जनजाति ने गारो पहाड़ी क्षेत्र में ‘गीले खेत’ में खेती की अवधारणा का विकास किया है।
- उल्लेखनीय है कि चकमा थेरवाद बौद्ध हैं और हाजोंग हिंदू हैं। ये वर्ष 1964 से 1966 के बीच वर्तमान बांग्लादेश से अरुणाचल प्रदेश में बस गए थे।
समस्याएँ
- राज्य में रहने के लिये इनर लाइन परमिट की आवश्यकता।
- भूमि स्वामित्वाधिकार का आभाव।
- सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत लाभ के लिये संघर्ष और नस्लीय भेदभाव।
एशिया पॉवर इंडेक्स 2021
चर्चा में क्यों?
हाल ही में, सिडनी स्थित लोवी इंस्टीट्यूट ने 26 देशों के लिये ‘एशिया पॉवर इंडेक्स 2021’ जारी किया है।
एशिया पॉवर इंडेक्स
यह शक्ति के आठ मापदंडों के तहत 131 संकेतकों पर आधारित एक वार्षिक सूचकांक है। इसके अंतर्गत देशों की सापेक्ष शक्तियों और उनके प्रभाव का मापन किया जाता है। इसे सर्वप्रथम वर्ष 2018 में जारी किया गया था।
भारत की स्थिति
- एशिया-प्रशांत क्षेत्र के 26 देशों में भारत चौथा सबसे शक्तिशाली देश है। भारत सहित 18 देशों के समग्र स्कोर में 2020 की तुलना में गिरावट दर्ज की गई है।
- इस सूचकांक में अमेरिका और चीन क्रमशः पहले और दूसरे स्थान पर हैं।