शॉर्ट न्यूज़: 24 दिसंबर, 2021
सरयू नहर परियोजना
मानवाधिकारों का उल्लंघन और ‘मैग्निट्स्की अधिनियम’
वर्टिकल लॉन्च शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल
मानव निर्मित आर्द्र्भूमि
सरयू नहर परियोजना
चर्चा में क्यों?
प्रधानमंत्री ने पूर्वी उत्तर प्रदेश के बलरामपुर ज़िले में ‘सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना’ का उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- इसके तहत पाँच नदियों- घाघरा, सरयू, राप्ती, बाणगंगा और रोहिन को जोड़ा गया है, जबकि 6,600 कि.मी. लंबी उप-नहरों को 318 कि.मी. लंबी मुख्य नहर से जोड़ा गया है।
- वर्ष 1978 में बहराइच ज़िले से इस परियोजना की शुरुआत हुई। बाद में इसका विस्तार नौ जिलों- बहराइच, गोंडा, श्रावस्ती, बलरामपुर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, संत कबीर नगर, गोरखपुर और महाराजगंज में किया गया।
- इससे इन ज़िलों की 14 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि की सिंचाई में मदद मिलेगी। यह नेपाल से भारत में प्रवाहित होने वाली नदियों से संभावित बाढ़ के खतरे को कम करेगी।
सरयू नदी
यह उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में ‘नंदा कोट’ पर्वत के दक्षिण से निकलती है जो भारत-नेपाल सीमा पर स्थित पंचेश्वर में शारदा नदी में मिल जाती है। इसके बाद यह उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में घाघरा नदी में मिल जाती है। निचली घाघरा को सरयू नदी के नाम से भी जाना जाता है।
मानवाधिकारों का उल्लंघन और ‘मैग्निट्स्की अधिनियम’
संदर्भ
हाल ही में, अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप में बांग्लादेश के विशिष्ट सैन्य और पुलिस टास्क फोर्स ‘रैपिड एक्शन बटालियन’ (आर.ए.बी.) पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध ‘मैग्निट्स्की अधिनियम’ के अंतर्गत लगाया गया है।
प्रमुख बिंदु
- अमेरिकी ट्रेजरी के इस निर्णय पर बांग्लादेश ने विरोध व्यक्त किया है क्योंकि इससे बांग्लादेश की एक ऐसी एजेंसी कमज़ोर हो सकती है जो आतंकवाद, नशीले पदार्थों की तस्करी और अन्य जघन्य अंतर्राष्ट्रीय अपराधों को कम करने में अधिक सक्षम है।
- वर्ष 2004 में गठित रैपिड एक्शन बटालियन, बांग्लादेश पुलिस की एक विशिष्ट अपराधरोधी और आतंकवादरोधी इकाई है।
- विदित है कि अमेरिका द्वारा यह प्रतिबंध चीन, रूस, म्यांमार और उत्तर कोरिया आदि देशों पर भी लगाया जा चुका है।
मैग्निट्स्की अधिनियम
- इसके अंतर्गत अमेरिका मानवाधिकरों के उल्लंघन के लिये जिम्मेदार विदेशी व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाता है।
- इस अधिनियम को "वैश्विक मैग्निट्स्की मानवाधिकार जवाबदेही अधिनियम" भी कहा जाता है।
- इसे 112वीं संयुक्त राज्य कांग्रेस के तहत अधिनियमित तथा वर्ष 2016 में लागू किया गया।
- इस अधिनियम के तहत विदेशी व्यक्ति के प्रतिबंध के तौर पर उसका वीजा रद्द कर दिया जाता है और आर्थिक प्रतिबंध के तौर पर अमेरिका स्थित उसकी संपत्ति को जब्त कर लिया जाता है।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग
- स्थापना- वर्ष 1946 में
- उद्देश्य- मौलिक अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा करना
- सदस्य देश- 193
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वर्टिकल लॉन्च शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल
चर्चा में क्यों?
हाल ही में, ओडिशा के चाँदीपुर में ‘एकीकृत परीक्षण रेंज’ (ITR) से ‘वर्टिकल लॉन्च शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल’ (VL-SRSAM) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया।
वर्टिकल लॉन्च शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल (VL-SRSAM)
- इसे भारतीय नौसेना के युद्धपोतों के लिये ‘रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन’ (DRDO) द्वारा विकसित किया गया है।
- यह मिसाइल 40 से 50 कि.मी. की दूरी और लगभग 15 कि.मी. की ऊंचाई पर उच्च गति वाले हवाई लक्ष्यों पर हमला करने, बेहद करीब के लक्ष्यों के साथ-साथ समुद्री सतह (Sea-Skimming) से होकर गुजरने वाले हवाई लक्ष्यों को नष्ट करने में सक्षम है।
- सी-स्किमिंग मिसाइलें समुद्री सतह के निकट से उड़ान भरती हैं, जिन्हें जहाज-रोधी मिसाइलों और लड़ाकू विमानों द्वारा प्रक्षेपित किया जाता है। इन्हें रडार द्वारा पहचानना कठिन होता है।
- इसका डिजाइन ‘अस्त्र मिसाइल’ पर आधारित है। ‘अस्त्र’ डी.आर.डी.ओ. द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित ‘बियॉण्ड-विजुअल-रेंज हवा से हवा’ में मार करने वाली पहली मिसाइल है।
मानव निर्मित आर्द्र्भूमि
संदर्भ
हाल ही में, भारत सरकार ने उत्तर प्रदेश के बिजनौर स्थित हैदरपुर आर्द्रभूमि को देश के 47वें रामसर स्थल के रूप में नामित किया।
हैदरपुर आर्द्रभूमि
- हस्तिनापुर वन्यजीव अभयारण्य में स्थित यह एक मानव निर्मित आर्द्रभूमि है। इसका निर्माण वर्ष 1984 में ‘मध्य गंगा बैराज’ पर किया गया था।
- यहाँ ब्लैक-बेलिड टर्न, स्टेपी ईगल और गोल्ड महासीर जैसी विभिन्न संकटग्रस्त प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
- इसके अलावा, गुजरात स्थित थोल व वाधवाना और हरियाणा स्थित सुल्तानपुर व भिंडावास नवघोषित रामसर स्थल हैं।
रामसर कंवेंशन
- क्या है?: आर्द्रभूमियों के संरक्षण हेतु एक अंतर-सरकारी संधि
- कब अपनाया?: वर्ष 1971 में (रामसर, ईरान); 1975 में लागू
- आर्द्रभूमि की परिभाषा: स्थायी या मौसमी रूप से पानी से संतृप्त भू-भाग
- 6 सहयोगी संगठन: बर्डलाइफ इंटरनेशनल, आई.यू.सी.एन., आई.डब्ल्यू.एम.आई., वेटलैंड्स इंटरनेशनल, डब्ल्यू.डब्ल्यू.एफ. इंटरनेशनल और वाइल्डफॉवल एंड वेटलैंड्स ट्रस्ट
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आर्द्रभूमियों का महत्त्व
- ‘पृथ्वी की किडनी’ कही जाने वाली आर्द्रभूमियाँ पारिस्थितिक तंत्र, जलवायु, बाढ़ नियंत्रण व जल शोधन में सहायक होती हैं।
- आर्द्रभूमियाँ विश्व की 40% पादप और पशु प्रजातियों का प्रजनन स्थल हैं। रामसर सम्मेलन के अनुसार, वन क्षेत्रों की अपेक्षा आर्द्रभूमियाँ तीन गुना तेज़ी से लुप्त हो रही हैं। वर्ष 1970-2015 के मध्य 35% आर्द्रभूमियाँ लुप्त हो गई हैं।
- विदित है कि हाल ही में, आर्द्रभूमि संबंधी सूचनाओं तक पहुँच सुनिश्चित करने के लिये पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने ‘वेटलैंड्स ऑफ इंडिया’ पोर्टल लॉन्च किया।