New
UPSC GS Foundation (Prelims + Mains) Batch | Starting from : 20 May 2024, 11:30 AM | Call: 9555124124

शॉर्ट न्यूज़: 28 दिसंबर, 2021

शॉर्ट न्यूज़: 28 दिसंबर, 2021


पश्चिमोत्तर भारत में शीतलहर

भारत सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम)

माँग- आपूर्ति बेमेल सूचकांक

'भूलने का अधिकार (Right to Be Forgotten)

वन्नियार कोटा मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई


पश्चिमोत्तर भारत में शीतलहर

चर्चा में क्यों

हाल ही में, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, गुजरात, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में शीतलहर (Cold Wave) की चेतावनी जारी की है।

शीतलहर घोषित करने के लिये शर्तें

  • जब मैदानी इलाकों के एक मौसम केंद्र पर न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस के बराबर या उससे कम होता है तथा उस अवधि के लिये तापमान सामान्य तापमान से 4.5 डिग्री से 6.4 डिग्री तक कम होता है।
  • न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस से कम या उसके बराबर होने पर भी मैदानी इलाकों में स्थित एक मौसम केंद्र पर शीत लहर दर्ज की जा सकती है।
  • जब पहाड़ी क्षेत्रों में एक मौसम केंद्र पर न्यूनतम तापमान 0 डिग्री सेल्सियस से कम या उसके बराबर होता है तथा उस अवधि के लिये न्यूनतम तापमान सामान्य तापमान से 4.5 डिग्री से 6.4 डिग्री तक कम होता है।
  • विदित है कि ‘सामान्य तापमान’ की गणना पिछले 30 वर्षों में प्रत्येक पाँच दिनों के औसत तापमान को लेकर की जाती है।

शीतलहर के कारण 

  • पश्चिमी विक्षोभ में कमी के कारण मजबूत पश्चिमी ठंडी हवाएँ (Westerly Cold Wind) पश्चिमोत्तर भारत के तापमान को गिरा देती है।
  • हिमालयी क्षेत्रों में हिमपात के कारण उत्तर भारत के तापमान में कमी आती है जो शीतलहर का कारण बनता है।
  • पहाड़ी क्षेत्रों की वायु के नीचे उतरने से इस क्षेत्र में लंबी अवधि के लिये कम तापमान वाली स्थिति उत्पन्न होती है।
  • दक्षिणी प्रशांत महासागर में ला-नीना की स्थिति उत्पन्न होने से भारत के तापमान में गिरावट आती है, जो इस क्षेत्र में शीत लहर का कारण बनती है।

शीतलहर के प्रभाव

  • शीतलहर से रबी की फसलों तथा बागानी फसलों (चाय, कॉफ़ी आदि) की उत्पादकता में कमी आती है।
  • शीतलहर से ठंड में असामान्य वृद्धि के कारण फ्लू जैसी बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ जाता है।

भारत सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम)

संदर्भ:

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने और भारत को इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन एवं विनिर्माण के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से, देश में सेमीकंडक्टरों और डिस्प्ले इकोसिस्टम के विकास के लिए व्यापक कार्यक्रम को मंजूरी दी है।

मुख्य बिंदु:

  • यह कार्यक्रम उद्योग 4.0 के तहत सेमीकंडक्टरों और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग के साथ-साथ डिजाइन के क्षेत्र में कंपनियों को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी प्रोत्साहन पैकेज प्रदान करके इलेक्ट्रॉनिक सामग्रियों के निर्माण में सहायता प्रदान करेगा।
  • इस कार्यक्रम का उद्देश्य सिलिकॉन सेमीकंडक्टर फैब, डिस्प्ले फैब, कंपाउंड सेमीकंडक्टरों/सिलिकॉन फोटोनिक्स/सेंसर फैब, सेमीकंडक्टर पैकेजिंग, सेमीकंडक्टर डिजाइन के काम में लगी हुई कंपनियों/संघों को आकर्षक प्रोत्साहन सहायता प्रदान करना हैं।
  • इस कार्यक्रम के तहत सेमी-कंडक्टर प्रयोगशाला (एससीएल) का आधुनिकीकरण भी शामिल है।
  • इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) - सेमीकंडक्टरों एवं डिस्प्ले प्रणाली पर आधारित योजनाओं के कुशल तथा सुचारू कार्यान्वयन के लिए नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगा।
  • भारत ने 76,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ सेमीकंडक्टरों तथा डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास के कार्यक्रम की मंजूरी, इलेक्ट्रॉनिक घटकों, उप-संयोजनों और तैयार माल सहित आपूर्ति श्रृंखला के हर हिस्से के लिए प्रोत्साहन की घोषणा की है।

माँग- आपूर्ति बेमेल सूचकांक

चर्चा में क्यों

हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India) के शोधकर्ताओं ने माँग-आपूर्ति बेमेल सूचकांक (Demand- Supply Mismatch Index) का निर्माण किया है।

प्रमुख बिंदु

  • यह सूचकांक मुद्रास्फीति के आकलन हेतु प्रयुक्त की जाने वाली पारंपरिक विधियों की तुलना में मुद्रास्फीति का बेहतर अनुमान लगा सकता है।
  • शोधकर्ताओं के अनुसार यह हेडलाईन मुद्रास्फीति के साथ सकारात्मक रूप से सह-संबंधित है।
  • माँग तथा आपूर्ति कारक कीमतों को अलग-अलग तरीकों से प्रभावित करते हैं एक और जहाँ माँग जनित आघात से जल्दी से निपटा जा सकता है वहीं आपूर्ति पक्ष से संबंधित मुद्दों लंबे समय तक विद्यमान रहते हैं।
  • हालाँकि भारतीय रिज़र्व बैंक मुद्रास्फीति के अनुमान के लिये इसका उपयोग कब से करेगा इस संदर्भ में कोई सूचना नहीं दी गयी है। 

'भूलने का अधिकार (Right to Be Forgotten)

चर्चा में क्यों ?

केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया है कि व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक 2019, में 'भूलने का अधिकार (Right to Be Forgotten)’ से संबंधित प्रावधान हैं।

भूलने का अधिकार:

  • 'भूलने का अधिकार' भारत में नई अवधारणा है, इसके अंतर्गत एक व्यक्ति खुद से सम्बंधित ऑनलाइन पोस्ट, एक शर्मनाक तस्वीर, वीडियो या समाचार लेख, जिसमें उनका उल्लेख हो को हटाने की मांग कर सकता है।
  • इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने एक हलफनामे में कहा कि भारत में 'भूलने के अधिकार' को अंतरराष्ट्रीय कानूनी स्तर पर विकसित किया जा रहा है। मंत्रालय के अनुसार, "निजता का अधिकार एक मौलिक अधिकार है और इसमें भूल जाने का अधिकार भी शामिल है।"
  • मंत्रालय ने उड़ीसा उच्च न्यायालय और कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा पारित दो निर्णयों का संज्ञान लेते हुए, 'गोपनीयता के अधिकार' के एक अनिवार्य हिस्से के रूप में 'भूलने के अधिकार' के सिद्धांत को स्वीकार किया है।

वन्नियार कोटा मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई

संदर्भ:

सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार की याचिकाओं पर विचार करते हुए मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा वन्नियार समुदाय को 10.5% विशेष आरक्षण (राज्य कोटा कानून) को रद्द करने के फैसले पर पुनः सुनवाईं का फैसला किया।

वन्नियकुल क्षत्रिय समुदाय के बारे में:

  • यह तमिलनाडु राज्य के उत्तरी भाग में सबसे बड़े और सबसे समेकित पिछड़े समुदायों में से एक है।
  • इन्हें पल्ली उपनाम से भी जाना जाता है।
  • यह परंपरागत रूप से खेतिहर मजदूर होते हैं।
  • 1987- वन्नियार संघ ने 20% अलग आरक्षण की मांग को लेकर एक आंदोलन शुरू किया।
  • 1989- आंशिक आरक्षण को मंजूरी दे दी गयी।
  • वन्नियार आरक्षण अधिनियम, 2021 के तहत, सार्वजनिक सेवाओं के लिए 10.5% सीटें और वन्नियारों के लिए शैक्षणिक संस्थानों में सीटें आरक्षित हैं।
  • नवंबर 2021 में, मद्रास उच्च न्यायालय ने अधिनियम को असंवैधानिक घोषित किया।

असंवैधानिक क्यों घोषित किया गया ?

  • एक जाति के लिए विशेष आरक्षण, अन्य सभी सबसे पिछड़े वर्ग समूह की जातियों के लिए भेदभावपूर्ण था।
  • सरकार ने कानून के विभिन्न पहलु को न देखते हुए कानून को लागू करने की जल्दबाजी की व चुनावी मुद्दे के आधार पर लागू किया गया है। 

Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR