New
UPSC GS Foundation (Prelims + Mains) Batch | Starting from : 20 May 2024, 11:30 AM | Call: 9555124124

 पिचवाई पेंटिंग (Pichwai penting)

प्रारंभिक परीक्षा पिचवाई पेंटिंग
मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-1 

चर्चा में क्यों

 चेन्नई एक कला प्रदर्शनी का आयोजन कर रहा है जिसमें पिचवाई पेंटिंग को प्रदर्शित किया गया, जिनमें से कुछ पेंटिंग 350 वर्ष पुरानी हैं।

Pichwai-penting

प्रमुख बिंदु 

  • पिचवाई पेंटिंग की उत्पत्ति उदयपुर के पास नाथद्वारा में हुई।
  • यह पारंपरिक रूप से कपड़े, विशेष रूप से खादी पर बनाई जाती है।
  • पिचवाई शब्द का अर्थ है पीछेवाली। पिचवाई चित्र आकार में बड़े होते हैं तथा इन्हें कपड़े पर बनाया जाता है।
  • नाथद्वारा के श्रीनाथजी मंदिर तथा अन्य मंदिरों में मुख्य मूर्ति के पीछे दीवार पर लगाने के लिये इन वृहद आकार के चित्रों को  बनाया जाता है।
  • इस पेंटिंग को आमतौर पर कपड़े पर बनाई जाती हैं और मंदिरों में हिंदू देवताओं की पृष्ठभूमि के रूप में उपयोग की जाती है।
  • इन्हें प्रमुख रूप से  श्रीनाथजी की मूर्ति के पीछे लटकाया जाता है, जो कृष्ण का एक स्थानीय रूप है और पुष्टिमार्ग पूजा का केंद्र है।
  • पिचवाई पेंटिंग में जटिल डिजाइन और जीवंत रंग होते हैं, जो भगवान कृष्ण के जीवन के दृश्यों को दर्शाते हैं।
  • पिचवाई पेंटिंग का विषय भगवान कृष्ण के जीवन के विभिन्न चरणों के इर्द-गिर्द घूमता है, जिसमें उनका बचपन और युवावस्था आदि शामिल है।
  • इस कला ने दुनिया भर में लोकप्रियता हासिल की है और अब इसे कागज, कैनवास और रेशम जैसे विभिन्न माध्यमों पर तैयार किया जा रहा है।

पिचवाई पेंटिंग की विशेषताएँ:

  • यह पेंटिंग खनिजों और पौधों के अर्क से बने प्राकृतिक रंगों का उपयोग करके बनाई जाती हैं।
  • इस पेंटिंग में सोने, चांदी के लिए पत्थर के रंगद्रव्य (stone pigments) और जीवंत वनस्पति रंगों का नारंगी, लाल, क्रोम पीले और केसरी रंग का  उपयोग किया जाता है।
  • पिचवाई पेंटिंग में बारीकी से  कार्य सावधानी पूर्वक किया जाता है इसलिए समय लग जाता है एक टुकड़े को पूरा करने में कई महीने लग जाते हैं।
  • पिचवाई पेंटिंग अपने जटिल विवरण, अलंकृत सीमाओं और बढ़िया ब्रशवर्क के लिए जानी जाती हैं।
  • इस कला का स्वरूप समय के साथ विकसित होता रहा है, जिसमें कलाकारों द्वारा आधुनिक विषयों और प्रभावों को भी इस कला में शामिल कर लिया गया है।
  • पिचवाई पेंटिंग को भारत की एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक विरासत माना जाता है और भारत सरकार द्वारा उनके सांस्कृतिक महत्व के लिए मान्यता दी गई है।
  • हाल के वर्षों में पिचवाई कला का पुनरुत्थान हुआ है, जिसने युवा खरीदारों को आकर्षित किया है 
  • पिचवाई पेंटिंग ने कलाकारों को पारंपरिक तकनीकों को सीखने एवं जारी रखने के लिए नाथद्वारा, राजस्थान आने के लिए प्रोत्साहित किया है।

प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए 

  1. पिचवाई पेंटिंग की उत्पत्ति उदयपुर के पास नाथद्वारा में हुई।
  2. यह पारंपरिक रूप से कपड़े, विशेष रूप से खादी पर बनाई जाती है।

उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं ?

 (a) केवल 1   

(b) केवल 2  

(c) कथन 1 और 2 

(d) न तो 1, न ही 2 

उत्तर: (c)

मुख्य परीक्षा प्रश्न : पिचवाई पेंटिंग क्या है? पिचवाई पेंटिंग की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।

स्रोत: the hindu

Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR