डाइबैक रोग मुख्यतः फ़ोमोप्सिस अज़ादिराचटे कवक के कारण होता है। यह सभी उम्र के नीम के पेड़ों की पत्तियों, टहनियों एवं पुष्पन को प्रभावित करता है। इससे गंभीर रूप से संक्रमित पेड़ों का फलोत्पादन लगभग समाप्त हो जाता है।
इस रोग की पहचान तेलंगाना में ट्विग ब्लाइट एवं डाईबैक के रूप में की गई है। इसके लक्षण वर्षा ऋतु की शुरुआत में प्रकट होते हैं तथा शुरुआती सर्दियों तक अत्यधिक गंभीर हो जाते हैं।
डाईबैक एक कवक रोग है किंतु कीट संक्रमित नीम के पेड़ पर इस कवक के संयोजन से रोग का प्रभाव बढ़ जाता है।
देश में वर्ष 1990 के दशक में पहली बार देहरादून के समीप डाइबैक रोग को रिकॉर्ड किया गया था, जबकि इसे पहली बार वर्ष 2019 में तेलंगाना में देखा गया था।