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IMPORTANT TERMINOLOGY

पाठ्यक्रम में उल्लिखित विषयों की पारिभाषिक शब्दावलियों एवं देश-दुनिया में चर्चा में रही शब्दावलियों से परीक्षाओं में प्रश्न पूछे जाने का चलन तेजी से बढ़ा है। यह खंड वस्तुनिष्ठ और लिखित दोनों परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण है। शब्दावलियों से परिचय अभ्यर्थियों को कम परिश्रम से अधिक अंक लाने में मदद करता है। इस खंड में प्रतिदिन एक महत्वपूर्ण शब्दावली से परिचय कराया जाता है।

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1. एपिजेनेटिक्स (Epigenetics)

15-Sep-2025

एपिजेनेटिक्स जीन के अनुक्रम में कोई परिवर्तन किए बिना, जीन की अभिव्यक्ति में होने वाले परिवर्तनों का अध्ययन है। ये परिवर्तन डीएनए पर रासायनिक टैग के जुड़ने से होते हैं, जो यह निर्धारित करते हैं कि कौन से जीन कब और कैसे सक्रिय होंगे। पर्यावरण, जीवनशैली और आहार जैसे कारक इन टैग्स को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे स्वास्थ्य पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ते हैं।

2. नैनोमैटेरियल (Nanomaterial)

13-Sep-2025

नैनोमैटेरियल ऐसे पदार्थ होते हैं जिनके अणु, कण या संरचनाएँ 1 से 100 नैनोमीटर के आकार की होती हैं। इस आकार के कारण ये पारंपरिक सामग्रियों की तुलना में अद्वितीय भौतिक, रासायनिक, इलेक्ट्रॉनिक और यांत्रिक गुण प्रदर्शित करते हैं। नैनोमैटेरियल का उपयोग चिकित्सा, ऊर्जा, इलेक्ट्रॉनिक्स, पर्यावरणीय संरक्षण और उन्नत सामग्री निर्माण में किया जाता है।

3. बायोमिमिक्री (Biomimicry)

12-Sep-2025

बायोमिमिक्री या जैवानुकृति, प्रकृति से प्रेरित विज्ञान है, जो मानव समस्याओं का समाधान करता है। इसका मूल सिद्धांत यह है कि प्रकृति ने समय के साथ विभिन्न समस्याओं के सबसे कुशल और अनुकूल समाधान विकसित किए हैं। इसमें वैज्ञानिक, इंजीनियर और डिजाइनर प्रकृति के 3.8 अरब वर्षों के विकास से सीखकर टिकाऊ, ऊर्जा-कुशल और प्रभावी तकनीकें, उत्पाद और प्रक्रियाएं विकसित करते हैं।

4. सुपरकंडक्टिविटी (Superconductivity)

11-Sep-2025

सुपरकंडक्टिविटी पदार्थों की वह विशेष अवस्था है जिसमें किसी निश्चित न्यूनतम तापमान (क्रिटिकल टेम्परेचर) से नीचे ठंडा करने पर उनका विद्युत प्रतिरोध पूरी तरह समाप्त हो जाता है और वे बिना किसी ऊर्जा हानि के विद्युत का संचालन करते हैं।

5. एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस (Antibiotic Resistance)

10-Sep-2025

एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस वह स्थिति है जिसमें बैक्टीरिया या अन्य सूक्ष्मजीव उन एंटीबायोटिक दवाओं के प्रभाव से प्रतिरक्षित हो जाते हैं, जो सामान्यतः उन्हें मारने या उनकी वृद्धि को रोकने में सक्षम होती थीं। यह प्रतिरोध आनुवंशिक बदलाव, उत्परिवर्तन या प्रतिरोधी जीन के हस्तांतरण के कारण विकसित होता है, जिसके परिणामस्वरूप संक्रमण का उपचार कठिन हो जाता है।

6. जियोस्पेशियल तकनीक (Geospatial Technology)

09-Sep-2025

जियोस्पेशियल तकनीक वह विज्ञान और उपकरणों का क्षेत्र है जो पृथ्वी की सतह और उसके पर्यावरणीय तत्वों का अध्ययन, मानचित्रण, विश्लेषण और दृश्यावलोकन करता है। इसमें भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS), GPS, रिमोट सेंसिंग और ड्रोन्स जैसी आधुनिक तकनीकों का प्रयोग होता है। यह प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, शहरी नियोजन, आपदा प्रबंधन और कृषि सहित विविध क्षेत्रों में निर्णय लेने और नीति निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देती है।

7. हाइब्रिडोमा (Hybridoma)

08-Sep-2025

हाइब्रिडोमा वह कृत्रिम रूप से निर्मित कोशिका होती है जो B-लिम्फोसाइट और मायलोमा (कैंसर) कोशिका के मेल से बनाई जाती है। यह कोशिका लंबे समय तक जीवित रह सकती है और विशिष्ट मोनोकोनल एंटीबॉडी का निरंतर उत्पादन करती है। हाइब्रिडोमा तकनीक चिकित्सा अनुसंधान, रोग निदान और प्रतिरक्षा चिकित्सा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

8. टोपोलॉजिकल इन्सुलेटर (Topological Insulator)

05-Sep-2025

टोपोलॉजिकल इन्सुलेटर एक ऐसा विशेष पदार्थ है जो अंदरूनी तौर पर विद्युत चालक नहीं होता (इन्सुलेटर), लेकिन इसके सतही स्तर पर इलेक्ट्रॉनों का प्रवाह बिना अवरोध के होता है। इसका इलेक्ट्रॉनिक व्यवहार पदार्थ की टोपोलॉजिकल संरचना से नियंत्रित होता है, जो क्वांटम यांत्रिकी और समय-पारस्परिकता संरक्षण के नियमों पर आधारित है।  इस पदार्थ का इस्तेमाल उन कंप्यूटर और उपकरणों में किया जा सकता है, जो इलेक्ट्रॉनों की क्वांटम और स्पिन विशेषताओं पर काम करते हैं।

9. क्वांटम टेलीकम्युनिकेशन (Quantum Telecommunication)

04-Sep-2025

क्वांटम टेलीकम्युनिकेशन वह तकनीक है जिसमें सूचना को क्वांटम भौतिकी के सिद्धांतों, जैसे क्वांटम सुपरपोज़िशन और क्वांटम एंटैंगलमेंट के माध्यम से सुरक्षित रूप से स्थानांतरित किया जाता है। इसमें क्यूबिट का उपयोग कर डेटा को एन्कोड और ट्रांसमिट किया जाता है, जिससे संदेश की गोपनीयता और सुरक्षा अत्यधिक बढ़ जाती है। यह तकनीक विशेष रूप से क्वांटम क्रिप्टोग्राफी और हाई-लेवल डेटा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।

10. शिफ्टिंग स्टेट (Shifting State)

03-Sep-2025

शिफ्टिंग स्टेट वह राज्य होता है जिसकी शक्ति, प्रभाव और प्राथमिकताएँ समय के साथ बदलती रहती हैं। ये आर्थिक, सैन्य, तकनीकी या राजनीतिक कारकों के आधार पर अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य में अपनी भूमिका बदलते हैं। ऐसे राज्य कभी वैश्विक नेतृत्व या क्षेत्रीय प्रभुत्व की ओर बढ़ते हैं और कभी अपने गठबंधनों या नीतियों को पुनःसंतुलित करते हैं। शिफ्टिंग स्टेट वैश्विक संतुलन और रणनीतिक गतिशीलता के महत्वपूर्ण घटक होते हैं।

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