New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM Month End Sale offer UPTO 75% Off, Valid Till : 28th Nov., 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM Month End Sale offer UPTO 75% Off, Valid Till : 28th Nov., 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM

IMPORTANT TERMINOLOGY

पाठ्यक्रम में उल्लिखित विषयों की पारिभाषिक शब्दावलियों एवं देश-दुनिया में चर्चा में रही शब्दावलियों से परीक्षाओं में प्रश्न पूछे जाने का चलन तेजी से बढ़ा है। यह खंड वस्तुनिष्ठ और लिखित दोनों परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण है। शब्दावलियों से परिचय अभ्यर्थियों को कम परिश्रम से अधिक अंक लाने में मदद करता है। इस खंड में प्रतिदिन एक महत्वपूर्ण शब्दावली से परिचय कराया जाता है।

प्रतिदिन की सबसे महत्वपूर्ण News पढ़ने के लिए यहाँ Click करें

1. सार्वजनिक-निजी साझेदारी (Public-Private Partnership– PPP)

12-Nov-2025

सार्वजनिक-निजी साझेदारी एक ऐसा अनुबंध है, जिसमें सरकार और निजी क्षेत्र मिलकर किसी परियोजना या सेवा का निर्माण, संचालन और वित्तपोषण करते हैं। इसका उद्देश्य सार्वजनिक सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाना, निवेश आकर्षित करना और जोखिम साझा करना है। यह अवसंरचना, स्वास्थ्य, शिक्षा और परिवहन जैसे क्षेत्रों में लागू होता है।

2. सामाजिक पूंजी (Social Capital)

11-Nov-2025

सामाजिक पूंजी वह शक्ति है जो समाज में आपसी विश्वास, सहयोग और रिश्तों से उत्पन्न होती है। यह लोगों और समूहों को एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करने, संसाधनों का साझा उपयोग करने और समस्याओं को हल करने में सक्षम बनाती है। मजबूत सामाजिक पूंजी समुदाय और राष्ट्र के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक विकास में मदद करती है और सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा देती है।

3. नैतिक जोखिम (Moral Hazard)

10-Nov-2025

नैतिक जोखिम वह स्थिति है जब किसी व्यक्ति या संगठन को सुरक्षा, बीमा या संरक्षण प्राप्त होता है और इस वजह से वह अपने कार्यों में अधिक सतर्क नहीं रहता या जोखिमपूर्ण व्यवहार अपनाता है। इसका अर्थ है कि जब कोई वित्तीय या सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध हो, तो व्यक्ति अपनी जिम्मेदारियों या सतर्कता में कमी कर देता है।

4. कॉग्निटिव कंप्यूटिंग (Cognitive Computing)

08-Nov-2025

कॉग्निटिव कंप्यूटिंग वह उन्नत कंप्यूटिंग प्रणाली है जो मानव मस्तिष्क की तरह सोचने, सीखने और निर्णय लेने में सक्षम होती है। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग, नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (NLP) और डेटा एनालिटिक्स का उपयोग किया जाता है। यह प्रणाली जटिल डेटा का विश्लेषण करके पैटर्न पहचानती है, पूर्वानुमान करती है और वास्तविक समय में बुद्धिमान निर्णय लेने में मदद करती है।

5. बायोरेमेडिएशन (Bioremediation)

07-Nov-2025

बायोरेमेडिएशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें सूक्ष्मजीवों (जैसे बैक्टीरिया और कवक) या पौधों का उपयोग करके प्रदूषित वातावरण (मिट्टी, पानी, या वायु) से प्रदूषकों को हटाने, निष्क्रिय करने या उनकी विषाक्तता को कम करने का कार्य किया जाता है। यह एक प्राकृतिक और टिकाऊ सफाई तकनीक है।

6. डॉप्लर प्रभाव (Doppler Effect)

06-Nov-2025

डॉप्लर प्रभाव वह परिघटना है, जिसमें तरंग स्रोत और प्रेक्षक के बीच सापेक्ष गति होने पर तरंगों की आवृत्ति या तरंगदैर्घ्य में परिवर्तन प्रतीत होता है। यदि स्रोत प्रेक्षक की ओर बढ़ता है तो आवृत्ति बढ़ती है (नीली ओर परिवर्तन) और दूर जाने पर घटती है (लाल ओर परिवर्तन)। इसका उपयोग खगोलशास्त्र, रडार और चिकित्सा में होता है।

7. वान एलन बेल्ट (Van Allen Belt)

05-Nov-2025

वान एलन बेल्ट पृथ्वी के चारों ओर स्थित आवेशित और ऊर्जावान कणों की दो सांद्रित विकिरण पट्टियाँ हैं। ये पट्टियाँ पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र द्वारा सौर पवन और ब्रह्मांडीय किरणों से पकड़े गए कणों से बनती हैं। इनकी खोज 1958 में डॉ. जेम्स वान एलन ने की थी।

8. शिलालेख (Epigraph)

04-Nov-2025

शिलालेख वह अभिलेख होता है जो पत्थर, स्तंभ, गुफा या दीवार पर खुदा हुआ मिलता है। यह किसी राजा, शासन, धर्म, दान, निर्माण या विजय की जानकारी देता है। ये इतिहास के प्रामाणिक स्रोत माने जाते हैं, क्योंकि इनमें तत्कालीन सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक और राजनीतिक जीवन के साक्ष्य प्राप्त होते हैं।

9. हरित ऊर्जा (Green Energy)

03-Nov-2025

हरित ऊर्जा, नवीकरणीय स्रोतों से प्राप्त होने वाली स्वच्छ ऊर्जा है, जो पर्यावरण को न्यूनतम नुकसान पहुंचाती है और इसमें ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन बहुत कम या नगण्य होता है। इसके मुख्य उदाहरण सौर, पवन, जलविद्युत और भूतापीय ऊर्जा हैं। हरित ऊर्जा, पारंपरिक जीवाश्म ईंधन (जैसे कोयला और तेल) पर निर्भरता को कम करती है और यह एक स्थायी और स्वच्छ भविष्य के लिए आवश्यक है।

10. भागदुह (Bhagadugha)

01-Nov-2025

भागदुह वैदिक काल का एक राजस्व अधिकारी था, जो राजा के लिए कर और उपज का संग्रह करता था। वह कृषकों से प्राप्त अंश या भाग को राजकोष में जमा करवाने के लिए उत्तरदायी होता था। इस पद का उल्लेख उत्तर वैदिक ग्रंथों में भी मिलता है, जहाँ यह शाही आर्थिक व्यवस्था और प्रशासनिक नियंत्रण का महत्वपूर्ण अंग माना गया है।

« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X