पाठ्यक्रम में उल्लिखित विषयों की पारिभाषिक शब्दावलियों एवं देश-दुनिया में चर्चा में रही शब्दावलियों से परीक्षाओं में प्रश्न पूछे जाने का चलन तेजी से बढ़ा है। यह खंड वस्तुनिष्ठ और लिखित दोनों परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण है। शब्दावलियों से परिचय अभ्यर्थियों को कम परिश्रम से अधिक अंक लाने में मदद करता है। इस खंड में प्रतिदिन एक महत्वपूर्ण शब्दावली से परिचय कराया जाता है।
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30-Jul-2025
यह एक आधुनिक मनोवैज्ञानिक और पर्यावरणीय अवधारणा है, जो उस मानसिक पीड़ा और असहायता की भावना को दर्शाती है जो किसी व्यक्ति को तब होती है जब उसका पर्यावरण विशेष रूप से उसका घर या प्राकृतिक परिवेश तेज़ी से नष्ट हो रहा हो या बदल रहा हो। यह शब्द ऑस्ट्रेलियाई दार्शनिक ग्लेन अल्ब्रेक्ट ने वर्ष 2003 में दिया था।
29-Jul-2025
यह एक ऐसी स्थिति को दर्शाती है जहाँ व्यक्ति, संस्थाएँ या राज्य सत्ता से जुड़े लोग गंभीर अपराध, भ्रष्टाचार, मानवाधिकार उल्लंघन या कानून विरोधी कृत्य करने के बावजूद न तो दंडित होते हैं और न ही उनसे कोई जवाबदेही मांगी जाती है। यह स्थिति समाज, न्याय व्यवस्था और शासन प्रणाली में एक गहरी कमजोरी और नैतिक विघटन को दर्शाती है।
28-Jul-2025
स्पोर्ट्स हर्निया, जिसे एथलेटिक प्यूबल्जिया के नाम से भी जाना जाता है। यह कमर या पेट के निचले हिस्से में मुलायम ऊतकों की चोट है, जिसमें अक्सर मांसपेशियाँ, टेंडन या लिगामेंट शामिल होते हैं। यह कमर के क्षेत्र में दर्द की विशेषता है, विशेष रूप से शारीरिक गतिविधि के दौरान जिसमें घुमाव या जोरदार हरकतें शामिल होती हैं और यह वास्तविक हर्निया (पेट की कोई सामग्री का बाहर की ओर उभार या फैलाव) नहीं है।
26-Jul-2025
यह अवधारणा उस जल मात्रा को दर्शाती है जिसे वातावरण वाष्प के रूप में सोख सकता है, यदि जल की कोई कमी न हो; तो यह तापमान, आर्द्रता, सौर विकिरण और पवन वेग जैसी जलवायु परिस्थितियों पर निर्भर करती है। इसका उपयोग कृषि, सूखा निगरानी और जल संसाधन प्रबंधन में होता है, क्योंकि यह बताता है कि किसी क्षेत्र में भूमि या फसलों को कितनी जल आपूर्ति की आवश्यकता होगी।
25-Jul-2025
यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके तहत कुछ व्यक्तियों या समुदायों को सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक जीवन की मुख्यधारा से सुनियोजित या अप्रत्यक्ष रूप से बाहर कर दिया जाता है, जिससे वे अधिकारों, अवसरों और संसाधनों तक समान रूप से पहुँच नहीं बना पाते हैं। यह बहिष्करण जाति, धर्म, लिंग, वर्ग, विकलांगता, भाषा या क्षेत्रीय असमानताओं के आधार पर हो सकता है और असमानता, भेदभाव व सामाजिक असंतोष आदि इसके परिणाम होते हैं।
24-Jul-2025
यह दृष्टिकोण जैविक (Biological) एवं मनोवैज्ञानिक (Psychological) कारकों के संयोजन से मानव की खुशी और कल्याण को बढ़ाने से संबंधित है। यह शब्द मुख्य रूप से जैव प्रौद्योगिकी, न्यूरोसाइंस और सकारात्मक मनोविज्ञान के क्षेत्रों में उपयोग होता है। इसका उद्देश्य जैविक प्रक्रियाओं, जैसे कि मस्तिष्क रसायनों (Neurotransmitters) और हार्मोन्स के साथ-साथ पर्यावरणीय व सामाजिक कारकों को समझकर खुशी को वैज्ञानिक रूप से बढ़ाना है।
23-Jul-2025
मशीन अनलर्निंग का तात्पर्य है एक प्रशिक्षित मशीन लर्निंग मॉडल से विशेष डाटा बिंदुओं के प्रभाव को इस प्रकार हटाना कि मॉडल ऐसा व्यवहार करे मानो उसने उस डाटा से कभी प्रशिक्षण प्राप्त ही नहीं किया हो। यह पारंपरिक मशीन लर्निंग से भिन्न है, जो डाटा जोड़कर मॉडल को बेहतर बनाने पर केंद्रित होती है। मशीन अनलर्निंग गोपनीयता संरक्षण, डाटा गवर्नेन्स, तथा पुरानी या गलत जानकारी को हटाने जैसे उद्देश्यों के लिए विशेष रूप से उपयोगी होती है।
22-Jul-2025
यह एक प्रकार का वायरस है जो विशेष रूप से बैक्टीरिया को लक्षित करता है। यह बैक्टीरिया के लिए एक परजीवी की तरह काम करता है, यानी यह बैक्टीरिया की कोशिकाओं में प्रवेश करके उनके जैविक तंत्र का उपयोग अपनी प्रतियाँ (नए वायरस) बनाने के लिए करता है। यह प्रक्रिया अक्सर बैक्टीरिया को नष्ट कर देती है। बैक्टीरियोफेज प्रकृति में मिट्टी, पानी और जीवों के शरीर में पाए जाते हैं। ये बैक्टीरिया और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण -भूमिका निभाते हैं।
21-Jul-2025
डेमागोग लोकतंत्र में एक राजनीतिक नेता होता है जो आम लोगों को अभिजात वर्ग के खिलाफ भड़काकर लोकप्रियता हासिल करता है, खासकर भाषण कला के माध्यम से जो भीड़ के जुनून को भड़काता है, बाहरी समूहों को संकट में डालकर भावनाओं को अपील करता है, भय को भड़काने के लिए खतरों को बढ़ा-चढ़ाकर बताता है, भावनात्मक प्रभाव के लिए झूठ बोलता है या अन्य बयानबाज़ी करता है। इसमें तर्कपूर्ण विचार-विमर्श को दबाने और कट्टर लोकप्रियता को बढ़ावा देने की प्रवृत्ति होती है।
19-Jul-2025
ऑर्फन क्रॉप्स वे क्षेत्रीय फसलें हैं जिन्हें छोटे व सीमांत किसान उगाते हैं। ये पोषण, आजीविका और कृषि जैव विविधता में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इनमें सूखा और कम उपजाऊ भूमि में उगने की क्षमता होती है। फिर भी, वैश्विक स्तर पर इन्हें अनुसंधान, आनुवंशिक सुधार व निवेश में उपेक्षित किया गया है। इन्हें 'उपेक्षित', 'कम उपयोग की गई' या 'भविष्य की फसलें' भी कहा जाता है।
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