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IMPORTANT TERMINOLOGY

पाठ्यक्रम में उल्लिखित विषयों की पारिभाषिक शब्दावलियों एवं देश-दुनिया में चर्चा में रही शब्दावलियों से परीक्षाओं में प्रश्न पूछे जाने का चलन तेजी से बढ़ा है। यह खंड वस्तुनिष्ठ और लिखित दोनों परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण है। शब्दावलियों से परिचय अभ्यर्थियों को कम परिश्रम से अधिक अंक लाने में मदद करता है। इस खंड में प्रतिदिन एक महत्वपूर्ण शब्दावली से परिचय कराया जाता है।

प्रतिदिन की सबसे महत्वपूर्ण News पढ़ने के लिए यहाँ Click करें

1. गैस हाइड्रेट्स (Gas Hydrates)

30-May-2025

गैस हाइड्रेट्स पानी एवं गैस से बने क्रिस्टलीय ठोस पदार्थ हैं जिनमें बड़ी मात्रा में मीथेन होता है। इन्हें अपरंपरागत हाइड्रोकार्बन के रूप में वर्गीकृत किया जाता है क्योंकि इन्हें निकालने के लिए उन्नत एवं गैर-पारंपरिक तकनीकों की आवश्यकता होती है। भारत में अंडमान द्वीपसमूह के आसपास और कृष्णा-गोदावरी अपतटीय क्षेत्र में भारी मात्रा में गैस हाइड्रेट्स मौजूद हैं।

2. saRNA वैक्सीन (Self-amplifying mRNA Vaccine)

29-May-2025

saRNA वैक्सीन में mRNA के साथ-साथ एक खास कोड (Gene) डाला जाता है जो इसे अपना प्रतिकृति बनाने में सक्षम बनाता है अर्थात् एक saRNA शरीर में जाकर स्वयं को कई गुना बढ़ा सकता है। ऐसे में इसकी एक बहुत ही छोटी मात्रा में दी गई वैक्सीन भी शरीर में जाकर ज़्यादा मात्रा में प्रोटीन बना सकती है और एक मजबूत इम्यून रिस्पॉन्स दे सकती है।

3. कोरिओलिस बल (Coriolis Force)

28-May-2025

कोरिओलिस बल एक आभासी बल है, जो पृथ्वी के घूर्णन के कारण उत्पन्न होता है। यह बल गतिमान वस्तुओं (जैसे पवनें और महासागरीय धाराएँ) को उनकी मूल दिशा से विक्षेपित करता है। उत्तरी गोलार्ध में यह वस्तुओं को दाईं ओर मोड़ता है, जबकि दक्षिणी गोलार्ध में बाईं ओर। इसका प्रभाव भूमध्य रेखा पर शून्य होता है और ध्रुवों की ओर अधिकतम होता है, जो वैश्विक मौसम और महासागरीय परिसंचरण पैटर्नों को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

4. साइबर गुलामी (Cyber Slavery)

27-May-2025

साइबर गुलामी आधुनिक गुलामी का एक रूप है जिसमें पीड़ितों को धमकी, दबाव या झूठे बहाने के तहत ऑनलाइन घोटाले या डिजिटल श्रम करने के लिए मजबूर किया जाता है। दक्षिण-पूर्व एशिया जैसे क्षेत्रों में इसकी रिपोर्ट तेज़ी से बढ़ रही है, जहाँ लोगों को फर्जी नौकरी के प्रस्तावों का लालच दिया जाता है और फिर उन्हें धोखाधड़ी केंद्रों में काम करने के लिए मजबूर किया जाता है।

5. जेवोंस विरोधाभास (Jevons Paradox)

26-May-2025

यह एक आर्थिक सिद्धांत है जो इंग्लैंड के अर्थशास्त्री डब्लू. एस. जेवोंस के नाम पर रखा गया है। इस सिद्धांत के अनुसार, जब किसी संसाधन (जैसे ऊर्जा या कच्चे माल) का अधिक कुशलता से उपयोग किया जाता है तो वह संसाधन पहले की तुलना में अधिक मात्रा में उपभोग किया जाता है अर्थात् वह तकनीकी प्रगति जो किसी संसाधन को सस्ता या अधिक कुशल बनाती है, प्रायः उस संसाधन की मांग में वृद्धि का कारण बनती है।

6. क्रायोस्फीयर (Cryosphere)

24-May-2025

क्रायोस्फीयर में भूमि एवं महासागर की सतह पर और उसके नीचे पृथ्वी प्रणाली के वे सभी घटक शामिल हैं जो जमी हुई अवस्था में हैं जिनमें हिमावरण, ग्लेशियर, आइस सीट, हिमखंड, समुद्री बर्फ, झील की बर्फ, नदी की बर्फ व पर्माफ्रॉस्ट शामिल हैं।

7. पिंक वाशिंग (Pink Washing)

23-May-2025

LGBTQ+ कर्मचारियों के लिए स्थितियों को अनदेखा करते हुए या सुधारने में विफल रहते हुए भी LGBTQ+ अधिकारों का विपणन उपकरण के रूप में उपयोग करना पिंक वाशिंग कहलाता है।

8. काउंटरसाइक्लिकल कैपिटल बफर (Countercyclical Capital Buffer)

22-May-2025

काउंटरसाइक्लिकल कैपिटल बफर भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) का एक नियामकीय उपाय है, जिसका उद्देश्य बैंकों को आर्थिक उछाल एवं मंदी के चक्रों से बचाना होता है। यह एक अतिरिक्त पूंजी भंडार होता है जिसे बैंक आर्थिक तेज़ी (Boom) के समय में जमा करते हैं, ताकि जब मंदी (Recession) आए तो वे इस पूंजी का इस्तेमाल करके ऋण देना जारी रख सकें।

9. वाइब कोडिंग (Vibe Coding)

21-May-2025

वाइब कोडिंग एक नई प्रोग्रामिंग शैली है, जिसमें एआई टूल्स की मदद से कोड लिखा जाता है। इसमें प्रोग्रामर तकनीकी कोडिंग के बजाय निर्देश देने पर ध्यान देता है। इससे तकनीकी जानकारी न रखने वाले लोग भी आसानी से सॉफ्टवेयर बना सकते हैं। यह शैली समय की बचत करती है और प्रयोग में सरल होती है।

10. कैरोलिन सिद्धांत (Caroline Theory)

20-May-2025

कैरोलिन सिद्धांत अंतरराष्ट्रीय कानून में आत्मरक्षा के अधिकार से संबंधित एक महत्त्वपूर्ण सिद्धांत है। इसके अनुसार कोई भी राष्ट्र तभी आत्मरक्षा का सहारा ले सकता है जब खतरा स्पष्ट, तात्कालिक और टालने योग्य न हो। इस सिद्धांत के अनुसार आत्मरक्षा की कार्रवाई केवल आवश्यकता की स्थिति में और अनुपातिक रूप में ही की जानी चाहिए।

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