पाठ्यक्रम में उल्लिखित विषयों की पारिभाषिक शब्दावलियों एवं देश-दुनिया में चर्चा में रही शब्दावलियों से परीक्षाओं में प्रश्न पूछे जाने का चलन तेजी से बढ़ा है। यह खंड वस्तुनिष्ठ और लिखित दोनों परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण है। शब्दावलियों से परिचय अभ्यर्थियों को कम परिश्रम से अधिक अंक लाने में मदद करता है। इस खंड में प्रतिदिन एक महत्वपूर्ण शब्दावली से परिचय कराया जाता है।
प्रतिदिन की सबसे महत्वपूर्ण News पढ़ने के लिए यहाँ Click करें
09-Sep-2025
जियोस्पेशियल तकनीक वह विज्ञान और उपकरणों का क्षेत्र है जो पृथ्वी की सतह और उसके पर्यावरणीय तत्वों का अध्ययन, मानचित्रण, विश्लेषण और दृश्यावलोकन करता है। इसमें भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS), GPS, रिमोट सेंसिंग और ड्रोन्स जैसी आधुनिक तकनीकों का प्रयोग होता है। यह प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, शहरी नियोजन, आपदा प्रबंधन और कृषि सहित विविध क्षेत्रों में निर्णय लेने और नीति निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देती है।
08-Sep-2025
हाइब्रिडोमा वह कृत्रिम रूप से निर्मित कोशिका होती है जो B-लिम्फोसाइट और मायलोमा (कैंसर) कोशिका के मेल से बनाई जाती है। यह कोशिका लंबे समय तक जीवित रह सकती है और विशिष्ट मोनोकोनल एंटीबॉडी का निरंतर उत्पादन करती है। हाइब्रिडोमा तकनीक चिकित्सा अनुसंधान, रोग निदान और प्रतिरक्षा चिकित्सा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
05-Sep-2025
टोपोलॉजिकल इन्सुलेटर एक ऐसा विशेष पदार्थ है जो अंदरूनी तौर पर विद्युत चालक नहीं होता (इन्सुलेटर), लेकिन इसके सतही स्तर पर इलेक्ट्रॉनों का प्रवाह बिना अवरोध के होता है। इसका इलेक्ट्रॉनिक व्यवहार पदार्थ की टोपोलॉजिकल संरचना से नियंत्रित होता है, जो क्वांटम यांत्रिकी और समय-पारस्परिकता संरक्षण के नियमों पर आधारित है। इस पदार्थ का इस्तेमाल उन कंप्यूटर और उपकरणों में किया जा सकता है, जो इलेक्ट्रॉनों की क्वांटम और स्पिन विशेषताओं पर काम करते हैं।
04-Sep-2025
क्वांटम टेलीकम्युनिकेशन वह तकनीक है जिसमें सूचना को क्वांटम भौतिकी के सिद्धांतों, जैसे क्वांटम सुपरपोज़िशन और क्वांटम एंटैंगलमेंट के माध्यम से सुरक्षित रूप से स्थानांतरित किया जाता है। इसमें क्यूबिट का उपयोग कर डेटा को एन्कोड और ट्रांसमिट किया जाता है, जिससे संदेश की गोपनीयता और सुरक्षा अत्यधिक बढ़ जाती है। यह तकनीक विशेष रूप से क्वांटम क्रिप्टोग्राफी और हाई-लेवल डेटा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
03-Sep-2025
शिफ्टिंग स्टेट वह राज्य होता है जिसकी शक्ति, प्रभाव और प्राथमिकताएँ समय के साथ बदलती रहती हैं। ये आर्थिक, सैन्य, तकनीकी या राजनीतिक कारकों के आधार पर अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य में अपनी भूमिका बदलते हैं। ऐसे राज्य कभी वैश्विक नेतृत्व या क्षेत्रीय प्रभुत्व की ओर बढ़ते हैं और कभी अपने गठबंधनों या नीतियों को पुनःसंतुलित करते हैं। शिफ्टिंग स्टेट वैश्विक संतुलन और रणनीतिक गतिशीलता के महत्वपूर्ण घटक होते हैं।
02-Sep-2025
क्लाउड कंप्यूटिंग एक इंटरनेट-आधारित तकनीक है, जिसके माध्यम से डेटा, सर्वर, डेटाबेस, नेटवर्क और सॉफ्टवेयर जैसी सेवाओं का उपयोग ऑनलाइन किया जा सकता है। इसके लिए कंप्यूटर में विशेष हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर की आवश्यकता नहीं होती है। यह तकनीक उपयोगकर्ताओं को डेटा और एप्लिकेशन को किसी भी स्थान से और किसी भी डिवाइस पर एक्सेस करने की सुविधा प्रदान करती है।
01-Sep-2025
इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स (IoT) वह तकनीकी नेटवर्क है जिसमें भौतिक उपकरण, सेंसर और मशीनें इंटरनेट के माध्यम से आपस में जुड़कर डेटा आदान-प्रदान करती हैं। यह वस्तुओं को स्मार्ट और स्वचालित बनाता है, जिससे निगरानी, नियंत्रण और निर्णय प्रक्रिया अधिक कुशल होती है। स्मार्ट होम, स्वास्थ्य निगरानी, औद्योगिक ऑटोमेशन और स्मार्ट शहर जैसे क्षेत्रों में इसका व्यापक उपयोग होता है।
30-Aug-2025
औद्योगिक क्रांति 4.0 वह नवीन औद्योगिक चरण है जिसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), रोबोटिक्स, बिग डेटा, ब्लॉकचेन और साइबर-भौतिक प्रणालियाँ उत्पादन एवं सेवाओं में एकीकृत होकर स्मार्ट फैक्ट्रियों, स्वचालन, नवाचार और उच्च दक्षता को सक्षम बनाती हैं।
29-Aug-2025
यह एक ऐसा सिद्धांत है, जिसमें मानव मस्तिष्क की तरह कृत्रिम न्यूरॉनों का जाल बनाया जाता है। ये न्यूरॉन आपस में जुड़े होते हैं और परतों के माध्यम से जानकारी को प्रोसेस करते हैं। इनपुट मिलने पर नेटवर्क सीखता है और आउटपुट देता है। इसका उपयोग पैटर्न पहचानने, चित्र व आवाज़ समझने, भविष्यवाणी करने और निर्णय लेने में किया जाता है। यह आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस का मूल आधार है।
28-Aug-2025
ऑटोइम्यून रोग एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली, जो संक्रमण और बीमारियों से बचाती है, गलती से स्वयं के ही स्वस्थ ऊतकों और अंगों पर हमला करना शुरू कर देती है। सामान्यतः, यह प्रणाली बैक्टीरिया और वायरस जैसे बाहरी हमलावरों की पहचान करती है और उन्हें नष्ट करती है, लेकिन ऑटोइम्यून रोग में यह "अपने" और "पराए" के बीच का अंतर नहीं कर पाती है। इसके परिणामस्वरूप सूजन, अंगों का नुकसान और कार्यक्षमता में कमी जैसी समस्याएं हो जाती हैं।
Our support team will be happy to assist you!