कार्तिगई दीपम दक्षिण भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह पर्व उत्तर भारतीय कैलेंडर के अनुसार मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है यद्यपि इसका निर्धारण तमिल सौर कैलेंडर के आधार पर होता है।
इस पर्व को दीपावली की तरह मनाया जाता है और अनुष्ठान के लिये लोग शाम के समय अपने घरों व सड़कों पर तेल के दीपक जलाते हैं। इस अवसर पर तमिलनाडु तथा केरल के सभी मंदिरों में विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है।
तमिलनाडु के तिरुवन्नामलाई अरुणाचलेश्वर स्वामी मंदिर में इस उत्सव को कार्तिगई ब्रह्मोत्सवम के रूप में जाना जाता है। इस उत्सव के अंतिम दिन अन्नामलाई पहाड़ी पर एक विशाल दीपक जलाया जाता है जिसे महादीपम कहा जाता है।