यह केरल में मलयालम माह मेदोम (अप्रैल-मई) के दौरान मनाया जाने वाला उत्सव है।
पूरम में त्रिशूर और इसके आसपास के दस मंदिर शामिल होते हैं तथा त्रिशूर पूरम को अन्य सभी त्योहारों से ऊपर माना जाता है। इसकी शुरुआत कोचीन के महाराजा राम वर्मा (1790-1805) ने की थी।
यह उत्सव वडक्कुनाथन मंदिर पर केंद्रित है जहाँ भगवान शिव को श्रद्धा अर्पित करने के लिये जुलूस भेजा जाता है।
चेंदा मेलम और पंच वद्यम संगीत के साथ मंदिर के प्रांगण में एक विशाल परेड का आयोजन किया जाता है।