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बिहार के प्रमुख खनिज संसाधन 

  • खनिज संसाधन किसी भी राज्य के औद्योगीकरण और समृद्धि का आधार होते हैं।  
  • इसी प्रकार बिहार राज्य में खोजे गए प्रमुख खनिज भी विशेष महत्व रखते हैं। 
  • वर्तमान बिहार राज्य में मिट्टी, बालू और चूना पत्थर जैसे गौण खनिज एवं ग्रेनाइट, बॉक्साइट, क्वार्ट्ज़ाइट, पायराइट, अभ्रक और चूना पत्थर जैसे मुख्य खनिज मौजूद है।
  • बिहार भारत का एकमात्र राज्य है, जहाँ पायराइट खनिज का उत्पादन व्यापक स्तर पर किया जाता हैं।
  • प्राचीन बिहार में मगध एवं वैशाली जैसे ऐतिहासिक क्षेत्र अवस्थित है, जहाँ से खनन आधारित उत्पादन के विकास के प्रचुर प्रमाण मिलते हैं।
  • बिहार राज्य में उपलब्ध खनिज संसाधनों को 2 भागों में बाँटा गया है- 
  1. धात्विक खनिज
  2. अधात्विक खनिज 

MINERAL-MAP-OF-BIHAR

धात्विक खनिज  

  • एक निश्चित संरचना में धातुओं के एक या अधिक रूपों वाले खनिजों को धात्विक खनिज कहा जाता है। 
    • जैसे - सोना, चाँदी, ताँबा, जस्ता, शीशा और लोहा आदि धात्विक खनिजों के उदाहरण हैं।

अधात्विक खनिज  

  • जिन खनिजों को परिशोधित(refined) नहीं किया जा सकता तथा विभिन्न आकृतियों में परिवर्तित करने हेतु केवल काटकर उपयोग में लाया जाता है, वे खनिज अधात्विक खनिज कहलाते हैं।
    • जैसे- कोयला, जिप्सम, चूना पत्थर, नमक, गंधक तथा खनिज तेल आदि अधात्विक खनिज के उदाहरण हैं।

बिहार के प्रमुख खनिज  

पायराइट

चूनापत्थर

अभ्रक

चीनीमिट्टी

क्वार्ट्जाइट

फेल्सपार

क्वार्ट्ज

बॉक्साइट

शोरा

स्लेट

सजावटीग्रेनाइट

गैलिना

सैंडस्टोन

खनिज तेल एवं गैस

सोडियम लवण

एस्बेस्ट्स (Asbestos)

कीमती एवं अर्द्ध-कीमती पत्थर

गंधक (Sulfur)

सोपस्टोन

सोना

टिन

रेह (Reh)

यूरेनियम

सीसा

पायराइट (Pyrite)

  • इसका उत्पादन रोहतास ज़िले में होता है। 
    • भंडारण - 40 करोड़ टन (109 वर्ग किमी. क्षेत्र) होने की संभावना
  • इस खनिज का मुख्य रूप से उर्वरक उद्योग में उपयोग किया जाता है।
  • यह राज्य में ऊपरी विंध्य समूह, अमझोर की पहाड़ियों, सिमाकोह तथा मनकोह आदि क्षेत्रों से प्राप्त किया जाता है। 
  • यह गंधक का एक प्रमुख स्रोत है। 
  • अमझोर (रोहतास) में पायराइट फॉस्फेट एंड केमिकल्स लिमिटेड की स्थापना केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम के रूप में की गई है।

चूना पत्थर (Limestone)

  • सर्वाधिक चूना पत्थर रोहतास ज़िले के कैमूर पठार में उपलब्ध है।  
    • उत्तम श्रेणी का चूना पत्थर भी रोहतास की पहाड़ियों और कैमूर के पठार से ही प्राप्त होता है।
    • रोहतास में कुल भंडार- 210.85 मिलियन टन
  • चूना पत्थर सीमेंट का प्रमुख कच्चा माल है।
  • इसका उपयोग मुख्य रूप से सीमेंट, चीनी, रसायन, इस्पात, कागज़ तथा वस्त्र उद्योग में किया जाता है।
  • रोहतास ज़िले का मुख्य उत्खनन केंद्र-रोहतासगढ़, चूना हट्टन, डेहरी ओन-सोन तथा बंजारी आदि है।
    • बंजारी तथा डेहरी ओन-सोन में पुराना सीमेंट कारखाना स्थित है।

अभ्रक (Mica)

  • बिहार राज्य में प्रमुख अभ्रक क्षेत्र हैं- 
    • नवादा, जमुई, मुंगेर, भागलपुर और गया जिले में पाया जाता है।  
  • अभ्रक एक हल्का खनिज है जो आग्नेय तथा रूपांतरित चट्टानों में पाया जाता है।
  • यह विद्युत का कुचालक होता है। 
    • उपयोग- बिजली तथा अन्य उद्योगों में भी किया जाता है।

चीनी मिट्टी (Ceramic)

  • बिहार में भागलपुर, बाँका तथा मुंगेर ज़िले (लेतवा, कटोरिया तथा बरन) पाया जाता है।  
  • चीनी मिट्टी ग्रेनाइट के फेल्सपार खनिज क्षेत्रों से मिलती है, जिसका मुख्य उपयोग चीनी मिट्टी के बर्तन तथा विद्युत प्रतिरोधी सामान बनाने के अलावा कीटनाशक, कॉस्मेटिक, कागज़, वस्त्र एवं उर्वरक उद्योग में भी किया जाता है।

क्वार्ट्जाइट (Quartzite)

  • यह खनिज मुंगेर ज़िले की खड़गपुर पहाड़ियों तथा जमुई ज़िले के ‘जमुई एवं चकाई की पर्वत शृंखलाओं’ से मिलता है।
  • इसके अलावा जमालपुर में भी बड़े भंडार मिलते हैं।
  • इसका उपयोग-
    • भवन निर्माण सामग्री के रूप में होता है।  
    • औद्योगिक प्रयोग में तापरोधी के रूप में उपयोगी होता है। 

फेल्सपार (Failspar)

  • यह खनिज बिहार के नवादा, जमुई, गया जिलें में पाया जाता है।    
  • फेल्सपार की प्राप्ति क्वार्ट्स के साथ होती है।
  • इसका उपयोग- 
    • बर्तनों पर एनामेल करना 
    • विद्युतरोधी उपकरण बनाना 
    • कृत्रिम दाँत बनाना 

क्वार्ट्ज (Quartz)

  • यह खनिज आग्नेय चट्टानों में पाया जाता है। 
  • इसका उपयोग- 
    • काँच, विद्युत, इलेक्ट्रॉनिक उद्योग तथा धमन भट्टी में किया जाता है। 
  • यह खनिज बिहार के मुंगेर, गया, नवादा, बाँका तथा जमुई जिले में पाया जाता है। 
    • बिहार में कुल भंडारण-  लगभग 11 हज़ार मिट्रिक टन 

बॉक्साइट (Bauxite)

  • बिहार राज्य में बॉक्साइट का उत्पादन मुंगेर ज़िले की खड़गपुर पहाड़ियों में होता है।
    • बॉक्साइट के लगभग 1.5 मिलियन टन असीम भंडार उपलब्ध हैं। 
    • इस क्षेत्र से प्राप्त बॉक्साइट उच्च कोटि का होता है।
  • इसके अलावा रोहतास ज़िले से भी बॉक्साइट प्राप्त किया जाता है।

शोरा (Saltpeter)

  • बिहार में शोरा क्षेत्र- 
    • बेगूसराय, सारण, पूर्वी चंपारण, मुज़फ्फरपुर, समस्तीपुर, सीवान में उपलब्ध हैं।
  • बिहार में इसका मुख्य रूप से विस्फोटक, उर्वरक एवं अन्य रासायनिक पदार्थ आदि के निर्माण में उपयोग किया जाता है।
  • बिहार राज्य में प्राचीनकाल से ही शोरा का उत्पादन किया जाता रहा है।
  • इस रसायन के निर्यात की शुरुआत ईस्ट इंडिया कंपनी ने की थी।

स्लेट (Slate)

  • बिहार में स्लेट क्षेत्र-  मुंगेर ज़िला (खड़गपुर पहाड़ियाँ) 
  • बिहार राज्य में स्लेट खनन एवं प्रोसेसिंग, राजस्व तथा रोज़गार का एक अच्छा साधन है।
  • स्लेट पत्थर का उपयोग सजावटी एवं औद्योगिक रूप में किया जाता है।
  • प्राचीनकाल से ही खड़गपुर पहाड़ियाँ काले एवं रंगीन स्लेट पत्थर के लिए प्रसिद्ध रही हैं।
    • खड़गपुर की पहाड़ियों में 2.53 मिलियन टन स्लेट (अनुमान) 

सजावटी ग्रेनाइट (Ornamental Granite)

  • बिहार में प्रमुख क्षेत्र– भागलपुर, बाँका, मुंगेर एवं नवादा ज़िलें 
  • बिहार में कुल अनुमानित भंडार-  0.59 हज़ार मीट्रिक टन 

गैलिना (Galina)

  • यह लेड धातु का एक प्रमुख अयस्क है।  
  • इसका उपयोग आणविक संयंत्र निर्माण, पेंट तथा रसायन उद्योग में किया जाता है।
  • बिहार में गैलिना के भंडार-
    • बाँका ज़िले के अभ्रक क्षेत्र में प्राप्त होने की पुष्टि की गई।  

सैंडस्टोन (Sandstone)

  • बिहार में सैंडस्टोन क्षेत्र - रोहतास की कैमूर पहाड़ियों 
    • यहाँ उच्च सिलिका प्रतिशत वाला सैंडस्टोन विद्यमान है।
  • सैंडस्टोन का प्रयोग मुख्यत: भवन निर्माण, सजावटी पत्थर तथा शीशा उद्योग में किया जाता है।

कीमती एवं अर्द्ध-कीमती पत्थर (Precious and Semi-precious Stones)

  • इस पत्थर का उपयोग मुख्य रूप से आभूषण एवं धार्मिक पद्धतियों में किया जाता है।
  • बिहार में प्रमुख क्षेत्र - बाँका ज़िला (कटोरिया क्षेत्र)  तथा जमुई ज़िला (चरका पत्थर क्षेत्र) 

सोपस्टोन (Soapstone)

  • बिहार में सोपस्टोन का भंडार- जमुई ज़िला (शंकरपुर क्षेत्र) 
  • इसका उपयोग सौंदर्य प्रसाधन एवं पेंट उद्योग में किया जाता है।

खनिज तेल एवं गैस (Mineral Oil & Gas)

  • बिहार के पूर्वोत्तर क्षेत्र में खनिज तेल एवं गैस के प्रचुर भंडार विद्यमान होने का अनुमान लगाया गया है।
  • बिहार के पूर्णिया एवं कटिहार ज़िलों में गहन भू-तात्विक अन्वेषण किया जा रहा है।
    • इस क्षेत्र में खनिज तेल एवं गैस के व्यवसायिक भंडार उपलब्ध होने की संभावना है।

सोना (Gold)

  • बिहार में गोल्ड क्षेत्र – 
    • जमुई ज़िला (सोनो प्रखंड के करमटिया, बदमारिया, दबचारी, रानी पहाड़ी, मरही पहाड़ी) 
    • राजगीर ज़िला (कबूतरा और नाकिया पहाड़)
  • इस क्षेत्र में उपलब्ध प्रति टन सोना अयस्क में सोने की मात्र 0.1 से 0.6 ग्राम है।
  • राज्य में सोने का कुल संचित भंडार -
    • 128.88 मीट्रिक टन का आकलन किया गया है।

यूरेनियम (Uranium)

  • बिहार में यूरेनियम का भंडार गया ज़िला में है। 
  • यूरेनियम का प्रयोग महत्त्वपूर्ण रिएक्टरों को संचालित करने के लिए ईंधन के रूप में किया जाता है।

रेह (Reh)

  • रेह एक क्षारीय मृदा है।
  • बिहार में रेह क्षेत्र – 
    • पटना, गया एवं मुंगेर ज़िलों के अलावा राज्य के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों से प्राप्त किया जाता है।

टिन (Tin)

  • बिहार में टिन का भंडार - देवराज तथा कुरकखंड (गया जिला) 
  • टिन का उपयोग अनेक मिश्र धातुओं के निर्माण में किया जाता है।
  • टिन की प्राप्ति कैसिटेराइट नामक खनिज संस्तर से की जाती है।

एस्बेस्ट्स (Asbestos)

  • एस्बेस्ट्स धारवाड़ युग की चट्टानों में पाया जाने वाला एक चमकीला और रेशेदार खनिज है।
  • बिहार में एस्बेस्ट्स क्षेत्र - मुंगेर ज़िला 
  • इस खनिज का उपयोग भवन निर्माण कार्य में किया जाता है।

सीसा (Lead)

  • सीसा गैलिना नामक खनिज से प्राप्त किया जाता है।  
  • बिहार में सीसा (Lead) क्षेत्र- भागलपुर ज़िला  
  • सीसा का उपयोग-
  • बैटरी निर्माण, ग्लास, सुरक्षा उपकरण, गोला-बारूद्ध जैसे विभिन्न रूपों में किया जाता है।

सोडियम लवण (Sodium Salt)

  • बिहार में गया, मुंगेर, नवादा, पूर्वी चंपारण, सारण, मुजफ्फरपुर तथा पश्चिमी चंपारण जैसे जिलों में सोडियम लवण के असीम भण्डार उपलब्ध हैं।
  • इसका उपयोग रासायनिक उद्योगों में किया जाता है।
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