हाल ही में, राष्ट्रीय हरित अधिकरण (National Green Tribunal–NGT) की दक्षिणी पीठ ने लक्षद्वीप के अगत्ती द्वीप के समुद्र तट पर सड़क निर्माण के उद्देश्य से हो रही नारियल वृक्षों की कटाई पर अंतरिम रोक लगा दी है।
- अगत्ती, अपने खूबसूरत समुद्र तटों व द्वीपों के लिये प्रसिद्ध लक्षद्वीप का एक द्वीप है। इसे लक्षद्वीप के प्रवेश द्वार के नाम से भी जाना जाता है। यह कोच्चि से लगभग 248 समुद्री मील (459 किमी.) दूर तथा कवरत्ती द्वीप के पश्चिम में स्थित है। 3.84 वर्ग किमी. क्षेत्र में फैले इस द्वीप का लैगून क्षेत्र 17.50 वर्ग किमी. है।
- मत्स्यपालन अगत्ती द्वीप का सबसे प्रमुख उद्योग है। यह मिनिकॉय द्वीप के अलावा एकमात्र द्वीप है जहाँ मछलियाँ प्रचुर मात्रा में मिलती हैं। यहाँ अनेक रंगों वाली प्रवाल मछलियाँ भी अधिक मात्रा में पाई जाती हैं।
- यहाँ के लोग मत्स्यपालन के अलावा नारियल जटा से रस्सी बनाकर, सूखी मछली और नारियल बेचकर (खोपरा) भी अपना जीविकोपार्जन करते हैं। यहाँ के निवासियों की भाषा मलयालम है।
- अगत्ती की जलवायु केरल की जलवायु के समान ही है। यहाँ मार्च से मई तक साल का सबसे गर्म समय होता है। यहाँ वार्षिक वर्षा का औसत लगभग 1600 मिमी. है।