‘एल्यूमीनियम-एयर बैटरी’ वायु की ऑक्सीजन का उपयोग करती है जो एल्यूमीनियम का ऑक्सीकरण करने तथा विद्युत उत्पादन के लिये एल्यूमीनियम हाइड्रॉक्साइड विलयन के साथ अभिक्रिया करती है।
एल्यूमीनियम-एयर बैटरी को लिथियम-आयन बैटरी की अपेक्षा कम लागत वाली और अधिक ऊर्जा-सघन विकल्प माना जा रहा है, इससे इलेक्ट्रिक वाहन की लागत कम हो सकती है।
लिथियम-आयन बैटरी की तरह इस बैटरी को रिचार्ज नहीं किया जा सकता है। अत: एल्यूमीनियम-एयर बैटरी आधारित वाहनों के बड़े पैमाने पर संचालन के लिये ‘बैटरी स्वैपिंग स्टेशंस’ की भारी आवश्यकता होगी।
हालाँकि, एल्यूमीनियम-एयर बैटरी आधारित इलेक्ट्रिक वाहन एक बार में 400 किमी. या उससे अधिक की दूरी तय कर सकते है, जबकि लिथियम-आयन बैटरी पूर्णतया चार्ज होने की स्थिति में 150-200 किमी. की दूरी तय के लिये ही उपयोगी हो सकती है।
उल्लेखनीय है कि सरकारी स्वामित्व वाली इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने इज़राइल की बैटरी प्रौद्योगिकी स्टार्टअप ‘फ़िनर्जी’ के साथ मिलकर इलेक्ट्रिक वाहनों और स्थाई भंडारण (Stationary Storage) के लिये एल्यूमीनियम-एयर प्रौद्योगिकी आधारित बैटरी प्रणाली विकसित करने पर सहमति जताई है, जो हाइड्रोजन भंडारण के लिये भी उपयुक्त है।