एंटी-हेल गन एक ऐसी मशीन है, जो आघात तरंगें (Shock Waves) उत्पन्न कर आकाश में ओलों के विकास को बाधित करने में सक्षम है। लंबे, स्थिर ढाँचे वाली यह मशीन कुछ मीटर ऊँचे उल्टे टावर के समान दिखाई देती है। इसमें एक शंक्वाकार लंबी तथा संकीर्ण नली लगी होती है, जिसका मुख आकाश की ओर होता है।
इसके निचले कक्ष में एसिटिलीन गैस एवं वायु का विस्फोटक मिश्रण भरा होता है, जो बंदूक को दागे जाने पर आघात तरंगें उत्पन्न करता है। ये तरंगें आकाश में उपस्थित जल की बूँदों को ओले में परिवर्तित होने से रोकती हैं, जिसके परिणामस्वरूप जल बूँदों के रूप में ही पृथ्वी पर गिरता है तथा ओलावृष्टी को रोकने में मदद मिलती है। इन आघात तरंगों की गति सुपरसोनिक विमान से निकलने वाली तरंगों के समान ध्वनि की गति से भी तेज होती है।
हिमाचल प्रदेश सरकार, ओलावृष्टि के कारण फ़सल को होने वाले नुकसान का सामना कर रहे बागवानों की मदद के लिये स्वदेशी रूप से विकसित 'एंटी-हेल गन' के उपयोग का परीक्षण करेगी। हिमाचल प्रदेश में प्रत्येक वर्ष मार्च से मई तक होने वाली लगातार ओलावृष्टि से सेब, नाशपाती जैसी फसलें नष्ट हो जाती है, जिससे बागवानों को भारी क्षति होती है।
ओलों (Hails) का निर्माण ‘कपासी वर्षा मेघों’ (Cumulonimbus Clouds) द्वारा होता है, जो काले विस्तृत बादल होतें हैं एवं विद्युत गर्जन का कारण बनते है। इन बादलों में उपस्थित हवा जल की बूँदों को उनके बर्फ के रूप में जमने तथा भारी होकर ओलावृष्टि के रूप में पृथ्वी पर गिरने तक ऊपर धकेलती रहती है।