इस वर्ष गणतंत्र दिवस समारोह में उपग्रह-रोधी (A-SAT) मिसाइल का प्रदर्शन किया गया था।
- ए-सैट मिसाइल का वास्तविक नाम पृथ्वी डिफेंस व्हीकल-मार्क-II (Prithvi Defence Vehicle-PDV M-II) है। इसका विकास डीआरडीओ द्वारा भारतीय बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा कार्यक्रम (IBMDP) के तहत पूर्णतः स्वदेशी तकनीक के आधार पर किया गया है।
- इसका परीक्षण मार्च 2019 में किया गया था, जिसे मिशन शक्ति नाम दिया गया था। इस दौरान ए-सैट मिसाइल द्वारा निम्न भू-कक्षा में स्थित माइक्रोसैट-आर नामक भारतीय इमेजिंग सैटेलाइट को नष्ट किया गया था।
- ए-सैट, एक त्रि-चरणीय इंटरसेप्टर बैलिस्टिक मिसाइल है। यह हवा से हवा तथा सतह से हवा में मार करने में सक्षम है।
- अमेरिका, रूस व चीन के बाद भारत ‘उपग्रह रोधी मिसाइल’ विकसित करने वाला विश्व का चौथा देश बन गया है, जबकि इज़रायल इसे विकसित करने हेतु प्रयासरत है।
- ए-सैट की कार्यप्रणाली हिट-टू-किल अथवा गतिज ऊर्जा तकनीक (Kinetic Energy Technology) पर आधारित है। यानी यह प्रक्षेपास्त्र अपने साथ कोई युद्ध सामग्री (Warhead) नहीं ले जाता है, बल्कि लक्ष्य को नष्ट करने हेतु अपनी गति का ही उपयोग करता है।