‘एंटीफ्रीज़र’ मोटरवाहन की शीतलन प्रणाली में प्रयुक्त द्रव के प्रमुख घटकों में से एक है, जिसे इंजन शीतलक के रूप में भी जाना जाता है। इसका उपयोग बेहद ठंडे तापमान के दौरान इंजन को सुचारू रूप से संचालित करने के लिये किया जाता है। इसे जल के साथ मिश्रित करने पर जल का हिमांक अपने स्तर से कम हो जाता है, इस कारण इसका उपयोग उद्योगों में एंटीफ्रीजिंग के लिये किया जाता है।
यह एक ग्लाइकॉल-आधारित तरल पदार्थ है, जो मुख्य रूप से एथिलीन ग्लाइकॉल या प्रोपेलीन ग्लाइकॉल से बना होता है। ‘एथिलीन ग्लाइकॉल’ एक गंधहीन सिंथेटिक तरल औद्योगिक यौगिक है, जो उपभोक्ता उत्पादों, जैसे- मोटर वाहन शीतलक, हाइड्रोलिक ब्रेक तरल पदार्थ, पेंट, प्लास्टिक, तथा सौंदर्य प्रसाधन आदि में पाया जाता है। इसका उपयोग कार, हवाई जहाज तथा नौकाओं में एंटीफ्रीज़ और डी-आइसिंग विलेय बनाने के लिये किया जाता है।
एथिलीन ग्लाइकॉल स्वाद में मीठा होता है सीमित मात्रा में इसका उपयोग फार्मास्युटिकल उद्योग में भी किया जाता है। यह अंतर्ग्रहण के बाद रासायनिक रूप से विषाक्त यौगिकों में टूट जाता है, इसके उप-उत्पाद केंद्रीय तंत्रिका तंत्र, हृदय तथा गुर्दे को प्रभावित करते हैं। इसका प्रसार सामान्यतः वायु, जल, भोजन, तथा कृषि उत्पादों के माध्यम से होता है।
इससे गंभीर मेटाबाॅलिज़्म एसिडोसिस (ऐसी स्थिति जिसमें शरीर में बहुत अधिक एसिड जमा हो जाता है), गुर्दे की शिथिलता, हाइपरक्लेमिया, (वह स्थिति जिसमें शरीर में पोटेशियम का स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है) तथा दृष्टिहीनता हो सकती है। यह तंत्रिका तंत्र को स्थाई रूप से क्षतिग्रस्त कर देता है, जिससे व्यक्ति की मानसिक कार्यक्षमता प्रभावित होती है।