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आर्टेमिस प्रोग्राम (ARTEMIS Program)

'आर्टेमिस' यानी Acceleration, Reconnection, Turbulence and Electrodynamics of Moon's Interaction with the Sun, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का चंद्रमा पर अंतरिक्षयात्री उतारने का दूसरा मिशन है। इसे नासा का चंद्रमा पर वापसी कार्यक्रम (Back-to-moon program) भी कहा जा रहा है।

  • इस कार्यक्रम का पहला मिशन, आर्टेमिस-1 है। इसे वर्ष 2021 में लॉन्च किया जाएगा। यह नासा के 'स्पेस लॉन्च सिस्टम' (प्रमोचनयान) तथा 'ओरियन अंतरिक्षयान' का मानवरहित परीक्षण है। इसके सफल होने पर, वर्ष 2022 में आर्टेमिस-2 लॉन्च किया जाएगा, यह अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा की कक्षा तक ले जाकर, पुनः वापस लौट आएगा; यह भी एक परीक्षण चरण ही है। अंततः वर्ष 2024 में आर्टेमिस-3 द्वारा मानव को चंद्रमा की सतह पर उतारा जाएगा।
  • इस मिशन के माध्यम से पहली बार दो अंतरिक्ष यात्रियों (पहले महिला, उसके बाद पुरुष) को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतारा जाएगा।
  • इस मिशन के मुख्य वैज्ञानिक उद्देश्य हैं- दीर्घकालीन अंतरिक्ष अन्वेषणों के लिये चंद्रमा पर जल तथा अन्य आवश्यक संसाधनों का पता लगाना, किसी अन्य खगोलीय पिंड पर रहना और मिशन का संचालन सीखना, मंगल मिशन जैसे लम्बी अंतरिक्ष यात्रा वाले अभियानों पर जाने के लिये तकनीक की जाँच करना इत्यादि।
  • नासा ने अपने इस 'चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम' का नामकरण यूनानी देवता अपोलो की जुड़वा बहन और चंद्रमा की देवी 'आर्टेमिस' के नाम पर किया है। ध्यातव्य है कि वर्ष 1969 में नासा का 'अपोलो मिशन' (Apollo 11) चंद्रमा की सतह पर उतरने वाला प्रथम मानव मिशन था।
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