बायोचार दो शब्दों- बायो फ़र्टिलाइज़र और चारकोल से मिलकर बना है। पौधों को प्राकृतिक रूप से पोषक तत्त्व प्रदान करने वाले सूक्ष्म जीवों को बायोफ़र्टिलाइज़र और लकड़ी के कोयले को चारकोल कहते हैं।
बायोचार महीन दाने वाला एक उच्च कार्बन युक्त पदार्थ है, जो वर्तमान में आधुनिक पायरोलिसिस प्रक्रियाओं द्वारा उत्पादित किया जाता है। लकड़ी, हड्डी आदि को ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में गर्म करके उसमें से जल एवं अन्य वाष्पशील पदार्थों के निष्कासन की क्रिया को ‘उष्माविघटन’ (Pyrolysis) कहते हैं।
बायोचार के लाभ : ★ कार्बन सिंक के रूप में ★ अम्लीय मृदा की उर्वरता बढ़ाने में ★ कृषि उत्पादकता बढ़ाने में ★ पर्ण और मृदा-जनित कुछ रोगों से सुरक्षा प्रदान करने में ★ जल-धारण क्षमता बढ़ाने में ★ मृदा शोधन के रूप में- जल और जल में घुलनशील पोषक तत्त्वों को बनाए रखने में बायोचार की अत्यंत रंध्रयुक्त प्रकृति (Extremely Porous Nature) प्रभावी होती है।
कृषि अवशिष्टों के उपयोग के कारण बायोचार पर्यावरणीय रूप से भी महत्त्वपूर्ण है। हाल ही में एक नए शोध से पता चला है कि घाना में दालों के विकास और पैदावार को बढ़ावा देने के लिये बायोचार का उपयोग अधिक प्रभावी रहा है।