हाल ही में, बोंडा जनजातीय समूह के लोग कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं। बोंडा, ओडिशा, छत्तीसगढ़ एवं आंध्र प्रदेश की साझी राजनीतिक सीमा के पास दक्षिण-पश्चिम ओडिशा के मलकानगिरी ज़िले के खैरापुट ब्लॉक की पहाड़ियों में रहने वाला एक आदिवासी समुदाय है।
- मुंडा नृजातीय समूह से सम्बंधित, बोंडा जनजातीय समूह को विशेष रूप से कमज़ोर आदिवासी समूह (a particularly vulnerable tribal group– PVTG) में रखा गया है। इस समूह में वर्तमान में कुल 75 आदिवासी समूह शामिल हैं।
- अपनी विशिष्ट सांस्कृतिक परम्पराओं के लिये जाने जानी वाली बोंडा जनजाति के लोग मुख्यतः दो समूहों में विभक्त हैं :
- निचले बोंडा (Lower Bondas) : यह समूह मलकानगिरी ज़िले में रहता है ।
- ऊपरी बोंडा (Upper Bondas) : यह समूह मलकानगिरी ज़िले से दूर पहाड़ों पर स्थित गाँवों में रहता है।
- बोंडा भाषा को रेमो भाषा व बोंडा लोगों को रेमो बोंडा या बोंडो भी कहा जाता है। रेमो का अर्थ होता है, 'लोग', यह ऑस्ट्रो-एशियाटिक समूह (मुंडा समूह) की भाषा है और बोंडा लोग भी इसी मूल के जनजातीय समूह माने जाते हैं।
- बोंडा जनजाति में बंधुआ मज़दूरी/बेगारी/गोटी प्रथा प्रचलित है, जिसे गुफ़ाम नाम से जाना जाता है। बोंडा जनजाति मुख्यतः मातृसत्तात्मक है।