‘कैट क्यू विषाणु’ एक ऑर्थोपोडा–जनित विषाणु (आर्बोवायरस ) की श्रेणी में आता है, जो सिम्बु सीरोग्रुप (Simbu Serogroup) से सम्बंधित है। यह मनुष्य और पशु दोनों को संक्रमित करता है।
वर्ष 2004 में उत्तरी वियतनाम में आर्बोवायरस की निगरानी के दौरान इसे मच्छरों से पृथक किया गया था। इसके संक्रमण से ज्वर की बीमारी (Febrile Illnesses), दिमागी बुख़ार (Meningitis) व बच्चों में इन्सेफलाइटिस (Paediatric Encephalitis) जैसी समस्या पैदा हो सकती है और मरीज़ों में बुखार, सिरदर्द जैसे लक्षण दिख सकते हैं।
कैट क्यू विषाणु का प्राकृतिक रोगवाहक 'क्यूलेक्स मच्छर' होता है, जबकि प्राथमिक स्तनधारी रोगवाहक घरेलू सूअर होते हैं। यह विषाणु चीन में बड़े पैमाने पर क्यूलेक्स मच्छरों और वियतनाम में सूअरों में पाए जाते हैं। घरेलू सूअरों को इस विषाणु के फैलने के लिये मुख्य रूप से ज़िम्मेदार माना जाता है।
हाल ही में, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, 850 से अधिक नमूनों में से कर्नाटक से लिये गए दो नमूनों में कैट क्यू विषाणु की एंटीबॉडी की उपस्थिति का पता चला है। ध्यातव्य है कि एंटीबॉडीज़ शरीर में तब मिलते हैं, जब उनसे जुड़े विषाणु का संक्रमण शरीर में हुआ हो।