हाल ही में, आंध्र प्रदेश सरकार ने लोकप्रिय तेलुगु नाटक 'चिंतामणि पद्य नाटकम्' के मंचन पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया है। इस नाटक का मंचन लंबे समय से राज्य के भिन्न-भिन्न स्थानों पर होता रहा है।
यह नाटक आज से लगभग 100 वर्ष पूर्व समाज सुधारक, लेखक और कवि ‘कल्लाकुरी नारायण राव’ द्वारा लिखित है। इसका उद्देश्य देह व्यापार के कारण परिवारों पर पड़ने वाले प्रभावों तथा देवदासी प्रणाली के बारे में जागरूकता का प्रसार करना था।
इस नाटक में उद्धृत किया गया है कि कैसे सामाजिक बुराइयों के शिकार हुए लोगों द्वारा अपने परिवारों की उपेक्षा की जाती है। नाटक का नाम मुख्य पात्र चिंतामणि के नाम पर रखा गया है, जो देह व्यापार में शामिल परिवार में जन्मी एक महिला है। सुब्बिसेटी, बिल्वमंगलुडु, भवानी शंकरम और श्रीहरि इस नाटक के अन्य पात्र हैं।
नाटक के मंचन पर प्रतिबंध लगाने के लिये एक विशेष समुदाय के सदस्यों द्वारा कुछ संवादों और एक चरित्र के चित्रण पर आपत्ति जताई गई।