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उपभोक्ता कल्याण कोष (Consumer Welfare Fund)

  • उपभोक्ता कल्याण व सुरक्षा को बढ़ाने, जागरूकता में वृद्धि करने तथा ग्रामीण इलाकों में उपभोक्ता आंदोलन को मज़बूत करने के उद्देश्य से ‘उपभोक्ता कल्याण कोष’ का गठन किया गया है। इसका गठन केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 की धारा 57 के तहत किया गया है।
  • ‘रिफंड’ की वह राशि जो आवेदक को देय नहीं है, उसे उपभोक्ता कल्याण कोष में जमा किया जाता है। यहाँ ‘रिफंड न की जाने वाली धनराशि’ से आशय उस राशि से है, जो आवेदक द्वारा अनुचित तरीके से संग्रहित की जाती है, जैस- कराघात।
  • इस कोष की स्थापना राजस्व विभाग द्वारा की गई है, जबकि इसका संचालन उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा किया जाता है।
  • इससे पूर्व, केंद्र सरकार को उपभोक्ता कल्याण कोष का गठन करने में सक्षम बनाने के लिये वर्ष 1991 में केंद्रीय उत्पाद शुल्क और नमक अधिनियम, 1944 में संशोधन किया गया, जिसके अनुसार जो धनराशि निर्माताओं को वापस नहीं की जाती उसे इस कोष में जमा किया जाएगा।
  • देश में उपभोक्ता जागरूकता बढ़ाने तथा उपभोक्ताओं के कल्याण में वृद्धि के लिये सरकार ने कई कदम उठाए हैं, जैसे-‘जागो ग्राहक जागो’ पैन-इंडिया उपभोक्ता जागरूकता अभियान, ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में विभिन्न मेलों एवं त्योहारों का आयोजन, क्षेत्रीय भाषाओं में जागरूकता फैलाने के लिये राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को अनुदान देना, विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस/राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस का आयोजन तथा भारतीय मानक ब्यूरो (बी.आई.एस.) मोबाइल केयर ऐप आदि।
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