डायमोनियम फॉस्फेट (DAP) विश्व का सर्वाधिक उपयोग किया जाने वाला फॉस्फोरस उर्वरक है। यह उर्वरक पौधों के पोषण के लिये फॉस्फोरस (P) तथा नाइट्रोजन (N) का एक उत्कृष्ट स्रोत है।
अत्यधिक घुलनशील होने के कारण यह पौधे में उपलब्ध फॉस्फेट और अमोनियम को मुक्त करने के लिये मृदा में शीघ्र घुल जाता है। इसकी प्रमुख विशेषता इसका क्षारीय पी.एच. (pH) है, जो घुलने वाले कणों के समीप विकसित होता है।
डी.ए.पी. उर्वरक रबी फसलों के लिये एक बुनियादी पोषक तत्त्व है। सरसों और गेहूँ जैसी फसलों की बुवाई के समय इसका छिड़काव किया जाता है। अनुमानतः एक एकड़ भूमि की बुवाई के लिये न्यूनतम 45 किग्रा डी.ए.पी. उर्वरक की आवश्यकता होती है। इसकी आपूर्ति में किसी भी तरह की देरी फसलों की बुवाई पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है।
इस उर्वरक का प्रयोग वनाग्नि को रोकने के लिये अग्निरोधी पदार्थ के रूप में भी किया जा सकता है। अग्नि की संभाव्यता को कम करने के लिये इसे अन्य अवयवों के साथ मिश्रित कर वनों में फैला दिया जाता है, जो बाद में मृदा पोषक तत्त्व के स्रोत के रूप में कार्य करता है।
इसके अतिरिक्त, इसका उपयोग विभिन्न औद्योगिक प्रक्रियाओं, जैसे- धातु परिष्करण तथा वाइन में खमीर किण्वन को बनाए रखने एवं पनीर उत्पादन में भी किया जाता है।