आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने वर्ष 2019-20 से 2023-24 के लिये 10,000 नए किसान उत्पादक संगठनों के गठन तथा संवर्धन हेतु नई योजना को मंज़ूरी दी है।
- प्रत्येक किसान उत्पादक संगठन को उसकी स्थापना से लेकर 5 वर्षों तक समर्थन प्राप्त होगा।
- प्रारम्भ में किसान उत्पादक संगठनों के गठन एवं संवर्धन के लिये तीन कार्यान्वयन एजेंसियाँ होंगी :
- लघु कृषक कृषि व्यापार संघ (SFAC)
- राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC)
- राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (NABARD)
- कार्यान्वयन एजेंसियों द्वारा समूह (Cluster) या राज्य-स्तर पर कार्यरत समूह आधारित व्यावसायिक संगठनों (CBBO) के माध्यम से किसान उत्पादक संगठनों को बढ़ावा दिया जाएगा।
- एक ज़िला एक उत्पाद योजना के द्वारा इन संगठनों को बेहतर प्रसंस्करण, विपणन, ब्रांडिंग और निर्यात के लिये तैयार किया जाएगा।
- लाभ : किसान उत्पादक संगठनों के गठन द्वारा न सिर्फ किसानों की आय में सुधार होगा बल्कि उनके लिये गुणवत्तापूर्ण निवेश, प्रौद्योगिकीय सहयोग, बाज़ार तक बेहतर पहुँच तथा धन की उपलब्धता अधिक सुगम हो जाएगी।
- किसान उत्पादक संगठन मुख्यतः छोटे एवं सीमांत किसानों के हितों के संरक्षण के लिये एक प्रकार का संगठन है। इसका मुख्य कार्य किसानों को बीज, उर्वरक, मशीन, नेटवर्किंग और बाज़ार आदि के संदर्भ में परामर्श एवं तकनीकी सहायता देना है। इन्हें क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों से जोड़ने तथा स्वयं सहायता समूह की तरह विकसित करने के लिये सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं।