‘फिशिंग कैट’ एक स्तनपायी प्रजाति है, जिसका वैज्ञानिक नाम ‘प्रियोनैल्युरस विवेरिनस’ (Prionailurus viverrinus) है। यह विश्वभर में सामान्यतः वेटलैंड्स, मैंग्रोव्स व अन्य जल निकायों के समीप पाई जाती है। भारत में सुंदरबन मैंग्रोव्स, गंगा व ब्रह्मपुत्र के सामानांतर हिमालय की तलहटी, पश्चिमी घाट आदि क्षेत्रों में इसकी उपस्थिति दर्ज़ की जाती है।
- फिशिंग कैट पश्चिम बंगाल का राजकीय पशु है। इसका आकार घरेलू बिल्ली से लगभग दोगुना होता है। यह रात्रिचर (Nocturnal) जीव भूमि व जल, दोनों जगह शिकार करने में सक्षम है। मछली, मेंढक, सर्प आदि इसके प्रमुख शिकार हैं। आवास क्षरण (वेटलैंड संकुचन के कारण), शिकार इत्यादि इनके समक्ष संकट का प्रमुख कारण है।
- फिशिंग कैट की संरक्षण स्थिति :
- आई.यू.सी.एन. (IUCN) : ‘संवेदनशील’ (Vulnerable)
- साइट्स (CITES) : एपेंडिक्स - II
- भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 : अनुसूची - I
- हाल ही में, भारत में पहली बार आंध्रप्रदेश स्थित ‘कोरिंगा वन्यजीव अभ्यारण्य’ में 10 फिशिंग कैट की 'कॉलरिंग' (Collaring) करने अर्थात् उनके गले में जी.पी.एस. जैसे आधुनिक उपकरणों से युक्त पट्टा डालने का निर्णय लिया गया है। यह भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून व आंध्र प्रदेश वन विभाग का संयुक्त कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य फिशिंग कैट के व्यवहार, खाद्य आदतों, उपस्थित खतरों आदि का अध्ययन करना है।